जयपुर. राजधानी जयपुर में आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई छठे दिन भी जारी रही. आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है. आयकर विभाग सोमवार को कारोबारी समूह के बैंक लॉकर खोलने की योजना बना रहा है. लॉकर्स में बेशुमार ज्वेलरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, छापामार कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को ज्वेलर और हैंडीक्राफ्ट कारोबारी के स्टॉक वैल्युएशन पर फोकस रहा.
जयपुर में मंगलवार को 3 कारोबारी समूह के 28 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई शुरू हुई थी. आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग कार्रवाई को अंजाम दे रही है. जानकार सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई सोमवार को पूरी हो सकती है. आयकर विभाग ने जयपुर में प्रॉपर्टी, हैंडीक्राफ्ट, रियल एस्टेट और ज्वेलर्स समूह के छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. जयपुर में गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चौरडिया बिल्डकॉन ग्रुप में छापेमार कार्रवाई की गई है.
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बताया जा रहा है कि गोकुल कृपा ग्रुप और चौरडिया ग्रुप के कार्रवाई पूरी हो चुकी है. सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप के आमेर रोड स्थित कार्यालय पर छापेमार कार्रवाई जारी है. अब सोमवार को समूह के बैंक लॉकर्स खोलने की योजना बताई जा रही है. कुछ लॉकर्स किंग साइज के हैं, जिनमें बेशुमार ज्वेलरी मिलने की उम्मीद है. छापामार कार्रवाई के दौरान करोड़ों के निवेश से संबंधित दस्तावेज और बेनामी प्रॉपर्टी के लेनदेन का रिकॉर्ड मिला है. आयकर विभाग ने दस्तावेज जब्त कर लिए हैं. दस्तावेजों के आधार पर आयकर विभाग को 2000 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई उजागर होने की उम्मीद है.
बता दें, आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. आयकर विभाग ने सिल्वर आर्ट ग्रुप, चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है. आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई के दौरान तीनों समूह के ठिकानों पर करीब 2000 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है. प्रदेश में आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि कारोबारियों ने सुरंग में छुपा कर करोड़ों रुपए की ज्वेलरी और अन्य सामान समेत संपत्ति के दस्तावेजों को छुपा रखा था.
हैंडीक्राफ्ट एवं ज्वैलर कारोबारी के ठिकाने पर मिली सुरंग में लगातार करोड़ों रुपए की अघोषित आय का खुलासा हो रहा है. आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान कारोबारी के ठिकाने पर एंटीक आइटम मिले हैं. ऐसे में अब ज्वेलर कारोबारी पुरातत्व विभाग के निशाने पर है. प्रतिबंधित एंटीक आइटम की खरीद-फरोख्त देश में बैन है. ऐसे में अब पुलिस के साथ पुरातत्व विभाग भी कार्रवाई कर सकता है. करीब 700 करोड़ रुपए की काली कमाई का सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में से खुलासा हुआ है. रियल स्टेट ग्रुप के लगभग 1000 करोड़ के अघोषित लेनदेन का भी खुलासा हुआ है. आयकर विभाग ने कारोबारियों के ठिकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर छापेमार कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि एंटीक और आर्ट के नाम पर 5 से 10 गुना कीमत तक पर सामान बेचा गया है. पर्यटकों को यह सामान बेचा गया है. ज्वैलर के ठिकाने पर कीमती पत्थर, आभूषण, प्राचीन वस्तुएं, हस्तशिल्प कालीन वस्त्र जैसे कई सामान मिले हैं.
जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान दिन प्रतिदिन करोड़ों रुपए का हिसाब मिल रहा है. आयकर विभाग को अरबों रुपए के लेन-देन की सूची भी मिली है, जिसके आधार पर प्रदेश में कई बड़े कारोबारी, बिजनेसमैन, फाइनेंस, ब्रोकर, हवाला कारोबारी और राजनेता भी आयकर विभाग की रडार पर हैं.