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विधायकों की खरीद-फरोख्त के षड्यंत्र के आरोपी अशोक सिंह की जमानत अर्जी खारिज - Additional Public Prosecutor Mohanlal Gurjar

राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आया था. जिसमें SOG ने आरोपी अशोक सिंह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद आरोपी ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी दी थी. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि आरोपी ने राज्य में विधि की ओर से स्थापित सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

rajasthan news, जयपुर न्यूज
आरोपी अशोक सिंह की जमानत अर्जी हुई खारिज
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Published : Jul 18, 2020, 9:54 AM IST

Updated : Jul 18, 2020, 11:14 AM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 महानगर द्वितीय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के षड्यंत्र के मामले में एसओजी की ओर से गिरफ्तार किए आरोपी अशोक सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने राज्य में विधि की ओर से स्थापित सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है. इसके अलावा मामले में आईपीसी की धारा 124ए और 120बी के तहत जांच विचाराधीन है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

पढ़ेंः Viral Audio टेप प्रकरण में पहली गिरफ्तारी, मानेसर में आज दूसरे होटलों को खंगालेगी SOG टीम

आरोपी अशोक सिंह की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया है कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. FIR से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की पार्टी के किसी भी व्यक्ति को ना तो कोई रिश्वत राशि दी गई और ना ही उनसे प्रार्थी ने संपर्क किया है. इसके अलावा कांग्रेस विधायक ने भी प्रार्थी से संपर्क को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.

प्रार्थी ने कहा कि वर्तमान प्रकरण राजनीतिक पार्टी की आपसी खींचतान का नतीजा है, जिसमें उसे को फंसाया जा रहा है. इसके अलावा कॉल रिकॉर्डिंग करने का आधार, अवैध हथियार और विस्फोटक की तस्करी में लिप्त होना बताया गया है, जबकि प्रार्थी के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है और ना ही वह किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त रहा है. इसके अलावा उससे कोई बरामदगी भी नहीं हुई है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

पढ़ें- सतीश पूनिया का सीएम अशोक गहलोत से सवाल...कहा- भाड़े से कितने दिन चलाओगे सरकार?

इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहनलाल गुर्जर ने कहा कि आरोपी ने सरकार को अस्थिर करने का काम किया है और मामले में अभी जांच विचाराधीन है. यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वो अनुसंधान को प्रभावित कर सकता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

गौरतलब है कि एसओजी ने पिछली 10 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज की थी कि अवैध हथियारों की रोकथाम के लिए दो मोबाइल नंबर को रिकॉर्डिंग पर लिया गया था. इस नंबर पर बातचीत से साफ हुआ कि वर्तमान में राज्य सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है. जिस पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने अशोक सिंह सहित एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 महानगर द्वितीय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के षड्यंत्र के मामले में एसओजी की ओर से गिरफ्तार किए आरोपी अशोक सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने राज्य में विधि की ओर से स्थापित सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है. इसके अलावा मामले में आईपीसी की धारा 124ए और 120बी के तहत जांच विचाराधीन है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

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आरोपी अशोक सिंह की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया है कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. FIR से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की पार्टी के किसी भी व्यक्ति को ना तो कोई रिश्वत राशि दी गई और ना ही उनसे प्रार्थी ने संपर्क किया है. इसके अलावा कांग्रेस विधायक ने भी प्रार्थी से संपर्क को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.

प्रार्थी ने कहा कि वर्तमान प्रकरण राजनीतिक पार्टी की आपसी खींचतान का नतीजा है, जिसमें उसे को फंसाया जा रहा है. इसके अलावा कॉल रिकॉर्डिंग करने का आधार, अवैध हथियार और विस्फोटक की तस्करी में लिप्त होना बताया गया है, जबकि प्रार्थी के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है और ना ही वह किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त रहा है. इसके अलावा उससे कोई बरामदगी भी नहीं हुई है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहनलाल गुर्जर ने कहा कि आरोपी ने सरकार को अस्थिर करने का काम किया है और मामले में अभी जांच विचाराधीन है. यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वो अनुसंधान को प्रभावित कर सकता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

गौरतलब है कि एसओजी ने पिछली 10 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज की थी कि अवैध हथियारों की रोकथाम के लिए दो मोबाइल नंबर को रिकॉर्डिंग पर लिया गया था. इस नंबर पर बातचीत से साफ हुआ कि वर्तमान में राज्य सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है. जिस पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने अशोक सिंह सहित एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

Last Updated : Jul 18, 2020, 11:14 AM IST
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