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ACB Special Court Order: आईएएस आरुषि मलिक के खिलाफ पुन: गिरफ्तारी वारंट जारी - आईएएस आरुषि मलिक का गिरफ्तारी वारंट जारी

एसीबी मामलों की विशेष अदालत (ACB Special Court Order) ने कई बार बुलाने के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने पर आईएएस आरुषि मलिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

ACB Special Court Order
आईएएस आरुषि मलिक का गिरफ्तारी वारंट जारी
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Published : Dec 10, 2021, 9:09 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत (ACB Special Court Order) क्रम-4 ने बार-बार बुलाने के बावजूद पेश नहीं होने पर आईएएस आरुषि मलिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी (IAS Aarushi Malik arrest warrant) कर 22 दिसंबर को तलब किया है. अदालत ने मामले में डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

अदालत ने कहा कि ट्रैप किए गए पटवारियों की अभियोजन स्वीकृति देने के संबंध में आरुषि मलिक को कई बार अदालत में बुलाया गया. लेकिन उनकी ओर से आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में उनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएं और डीजीपी उनकी तामील कराए.

पढ़ें. जनहित में ज्यादा से ज्यादा लोगों को पट्टा देना चाहते हैं: राज्य सरकार

गौरतलब है कि वर्ष 2013 में आरुषि मलिक झुंझुनूं कलेक्टर के पद पर तैनात थी. पटवारी शंकरलाल और महेश कुमार के ट्रैप केस से जुडे़ मामले में आरुषि मलिक ने अभियोजन स्वीकृति दी थी. ऐसे में एसीबी ने उन्हें अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था, लेकिन दोनों मामलों में करीब डेढ़ दर्जन बार बुलाने के बाद भी आरुषि मलिक अदालत में पेश नहीं हुई. इस पर अदालत ने उनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिसकी तामील में नहीं हो सकी. इस पर अदालत ने उनके पुन: गिरफ्तारी वारंट जारी कर डीजीपी को तामील की जिम्मेदारी दी है.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत (ACB Special Court Order) क्रम-4 ने बार-बार बुलाने के बावजूद पेश नहीं होने पर आईएएस आरुषि मलिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी (IAS Aarushi Malik arrest warrant) कर 22 दिसंबर को तलब किया है. अदालत ने मामले में डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

अदालत ने कहा कि ट्रैप किए गए पटवारियों की अभियोजन स्वीकृति देने के संबंध में आरुषि मलिक को कई बार अदालत में बुलाया गया. लेकिन उनकी ओर से आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में उनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएं और डीजीपी उनकी तामील कराए.

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गौरतलब है कि वर्ष 2013 में आरुषि मलिक झुंझुनूं कलेक्टर के पद पर तैनात थी. पटवारी शंकरलाल और महेश कुमार के ट्रैप केस से जुडे़ मामले में आरुषि मलिक ने अभियोजन स्वीकृति दी थी. ऐसे में एसीबी ने उन्हें अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था, लेकिन दोनों मामलों में करीब डेढ़ दर्जन बार बुलाने के बाद भी आरुषि मलिक अदालत में पेश नहीं हुई. इस पर अदालत ने उनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिसकी तामील में नहीं हो सकी. इस पर अदालत ने उनके पुन: गिरफ्तारी वारंट जारी कर डीजीपी को तामील की जिम्मेदारी दी है.

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