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Exclusive: आरोप पत्र में खुलासा: आईपीएस मनीष ने अपने मातहतों को भी नहीं बख्शा

एसीबी मामलों की विशेष कोर्ट में एसीबी की ओर से पेश किए गए चालान में खुलासा हुआ कि दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल ने प्रभावशाली पद पर रहते हुए आपराधिक षडयंत्र रचकर व अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए कंस्ट्रक्शन कंपनियोंं से लाखों रुपए की मासिक बंधी ही नहीं ली, बल्कि अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर व कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा. मनीष ने रिश्वत में न केवल लाखों रुपए की रिश्वत मांगी, बल्कि रिश्वत में भूखंड भी लिए हैं. वहीं एक मामले में आईजी के नाम पर भी रिश्वत मांगी.

Manish Agrawal bribery case, IPS Manish Aggarwal case
आईपीएस मनीष ने अपने मातहतों को भी नहीं बख्शा
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Published : Mar 10, 2021, 11:46 PM IST

जयपुर. दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल ने प्रभावशाली पद पर रहते हुए आपराधिक षडयंत्र रचकर व अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए कंस्ट्रक्शन कंपनियोंं से लाखों रुपए की मासिक बंधी ही नहीं ली, बल्कि अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर व कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा. मनीष ने रिश्वत में न केवल लाखों रुपए की रिश्वत मांगी, बल्कि रिश्वत में भूखंड भी लिए हैं. वहीं एक मामले में आईजी के नाम पर भी रिश्वत मांगी.

अग्रवाल ने अपने कार्यकाल 6 जुलाई 2020 से 6 जनवरी 2021 के दौरान अपने दलालों नीरज मीणा व गोपाल सिंह से मिलीभगत कर अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर व कर्मचारियों पर भी दवाब डाला कि वे कंस्ट्रक्शन कंपनियों के मालिकों व पार्टनर सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. इसके चलते ही उसने केसीसी कंपनी से 38 लाख रुपए की मासिक बंधी की मांग भी की. इसमें कंपनी से दस लाख रुपए की मासिक बंधी, कंपनी के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज होने पर उसमें एफआर लगाने के दस लाख रुपए सहित अन्य बंधियां शामिल हैं. यह खुलासा एसीबी की ओर से एसीबी मामलों की विशेष कोर्ट में पेश किए गए चालान में हुआ.

पढ़ें- बहन की शादी के लिए निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल को मिली अंतरिम जमानत

पूछताछ में दलाल गोपालसिंह ने यह कबूला है कि उसने रिश्वत की राशि एसपी मनीष को भी दी है. एसीबी के एडिश्नल एसपी पुष्पेन्द्र सिंह ने चालान में कहा कि केसीसी कंपनी के डंपर-मिक्सर के चालान में दवाब बनाने के लिए उसने बांदीकुई के थानाधिकारी व जिला दौसा के यातायात प्रभारी से भी दवाब डलवाया. वहीं डीसीसी कंपनी पर भी कार्रवाई के लिए मनीष अग्रवाल ने थानाधिकारी, सदर दौसा नांगल राजावतान पर दवाब डलवाया था. वहीं उसने दलाल नीरज कुमार के साथ मिलकर डीसीसी कंपनी के पार्टनर बलजीत सिंह से 20 लाख रुपए व मैनेजर सुनील कुमार से 11 लाख रुपए कुल 31 लाख रुपए प्राप्त करना प्रमाणित पाया है.

गौरतलब है कि केसीसी बिल्डकॉन कंपनी के पावर ऑफ अर्टानी इकबाल सिंह ने 17 दिसंबर 2020 को एसीबी में रिपोर्ट दी थी कि कंपनी द्वारा 8 लाइन की एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन निर्माण कार्य में सहयोग की एवज में मनीष अग्रवाल सहित एसडीएम दौसा पुष्कर मित्तल व एसडीएम बांदीकुई पिंकी मीणा द्वारा लाखों रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है.

जयपुर. दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल ने प्रभावशाली पद पर रहते हुए आपराधिक षडयंत्र रचकर व अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए कंस्ट्रक्शन कंपनियोंं से लाखों रुपए की मासिक बंधी ही नहीं ली, बल्कि अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर व कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा. मनीष ने रिश्वत में न केवल लाखों रुपए की रिश्वत मांगी, बल्कि रिश्वत में भूखंड भी लिए हैं. वहीं एक मामले में आईजी के नाम पर भी रिश्वत मांगी.

अग्रवाल ने अपने कार्यकाल 6 जुलाई 2020 से 6 जनवरी 2021 के दौरान अपने दलालों नीरज मीणा व गोपाल सिंह से मिलीभगत कर अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर व कर्मचारियों पर भी दवाब डाला कि वे कंस्ट्रक्शन कंपनियों के मालिकों व पार्टनर सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. इसके चलते ही उसने केसीसी कंपनी से 38 लाख रुपए की मासिक बंधी की मांग भी की. इसमें कंपनी से दस लाख रुपए की मासिक बंधी, कंपनी के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज होने पर उसमें एफआर लगाने के दस लाख रुपए सहित अन्य बंधियां शामिल हैं. यह खुलासा एसीबी की ओर से एसीबी मामलों की विशेष कोर्ट में पेश किए गए चालान में हुआ.

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पूछताछ में दलाल गोपालसिंह ने यह कबूला है कि उसने रिश्वत की राशि एसपी मनीष को भी दी है. एसीबी के एडिश्नल एसपी पुष्पेन्द्र सिंह ने चालान में कहा कि केसीसी कंपनी के डंपर-मिक्सर के चालान में दवाब बनाने के लिए उसने बांदीकुई के थानाधिकारी व जिला दौसा के यातायात प्रभारी से भी दवाब डलवाया. वहीं डीसीसी कंपनी पर भी कार्रवाई के लिए मनीष अग्रवाल ने थानाधिकारी, सदर दौसा नांगल राजावतान पर दवाब डलवाया था. वहीं उसने दलाल नीरज कुमार के साथ मिलकर डीसीसी कंपनी के पार्टनर बलजीत सिंह से 20 लाख रुपए व मैनेजर सुनील कुमार से 11 लाख रुपए कुल 31 लाख रुपए प्राप्त करना प्रमाणित पाया है.

गौरतलब है कि केसीसी बिल्डकॉन कंपनी के पावर ऑफ अर्टानी इकबाल सिंह ने 17 दिसंबर 2020 को एसीबी में रिपोर्ट दी थी कि कंपनी द्वारा 8 लाइन की एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन निर्माण कार्य में सहयोग की एवज में मनीष अग्रवाल सहित एसडीएम दौसा पुष्कर मित्तल व एसडीएम बांदीकुई पिंकी मीणा द्वारा लाखों रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है.

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