जयपुर. विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं के संबंध में 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. सोमवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के पास विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की.
इससे पहले सोमवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकालकर कुलपति सचिवालय का घेराव किया था. इसके बाद रात तक कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया. लेकिन उनकी मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गौर नहीं किया. इसके चलते आज भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और विरोध जताया.
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री होशियार मीणा ने बताया कि प्रमोटेड विद्यार्थियों को पांच फीसदी अतिरिक्त अंक देने, नॉन कॉलेजिएट विद्यार्थियों से 1000 रुपए शुल्क की वसूली बंद करने, कॉलेज आचार्य भर्ती से पहले सेट परीक्षा का आयोजन करवाने, प्रमोटेड विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने, नई लाइब्रेरी को जल्द से जल्द शुरू करवाने, पाठ्यक्रम में कटौती करने जैसे 21 मुद्दों को लेकर एबीवीपी लगातार आंदोलन कर रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इन मुद्दों की अनदेखी कर रहा है.
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उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और कहा कि कोरोना काल में बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किए गए विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रोकना न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि गरीब तबके के कई छात्र-छात्राओं के पास अपनी पढ़ाई जारी रखने का दूसरा कोई जरिया नहीं है. उन्होंने प्रमोटेड विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के साथ ही अन्य मांगें पूरी करने नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है.