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Panchang 25 August : जानें शुभ मुहूर्त, तिथि, ग्रह-नक्षत्र की चाल और संकष्ट चतुर्थी के वो मंत्र जिनसे खुलेंगे कष्ट मुक्ति के द्वार!

आज का पंचांग 25 अगस्त 2021 (Aaj ka Panchang 25 August) बुधवार दिन, शुभ मास-भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष. कोई भी कार्य करने से पहले जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat) और अशुभ समय (Rahukal). आज संकष्ट चतुर्थी भी है. इस दिन के लिए कुछ खास मंत्र भी हैं, जिनके जाप से उपासक कष्ट मुक्त हो जाता है.

Panchang 25 August
आज का पंचांग
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Published : Aug 25, 2021, 7:40 AM IST

Updated : Aug 25, 2021, 7:56 AM IST

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) : आज दिनांक 25 अगस्त 2021 वार बुधवार है. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. भाद्रपद महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण मास) को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है. इस बार यह चतुर्थी 25 अगस्त, बुधवार को यानी आज है.

Horoscope Today 25 August 2021 राशिफल : मेष, वृषभ, कर्क, मकर, मीन राशि वालों की विरोधियों पर होगी जीत

आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshtra)- उत्तर भाद्रपद रात्रि 08:48 तक तत्पश्चात रेवती

राहुकाल (Rahukal) - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:16 तक

दिशाशूल (Dishashool) - उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण (Vrat/Fast On 25 August 2021) - फूल काजली व्रत, संकष्ट चतुर्थी (Sankashtha Chaturthi) (चन्द्रोदय रात्रि 09:10), बहुला चतुर्थी (म.प्र.)

विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

हिन्दू मास एवं वर्ष

विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत - 1943

अयन - दक्षिणायन

ऋतु - शरद

मास - भाद्रपद

पक्ष - कृष्ण

तिथि - तृतीया शाम 04:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी

आज का योग

शूल 26 अगस्त प्रातः 05:25 तक तत्पश्चात गण्ड

25 अगस्त 2021 बुधवार को संकष्ट चतुर्थी चन्द्रोदय रात्रि 09:10

संकष्ट चतुर्थी व्रत के नियम (Sankashtha Chaturathi Vrat Niyam)

महिलाएं इस दिन सुबह स्नान कर पवित्रता के साथ भगवान गणेशजी की आराधना आरंभ करें. भगवान गणेशजी की प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लें. धूप, दीप, गंध, पुष्प, प्रसाद आदि सोलह उपचारों से श्रीगणेशजी का पूजन संपन्न करें. चंद्र उदय होने से पहले जितना हो सके कम बोलें.

शाम होने पर फिर से स्नान कर इसी पूजा विधि से भगवान श्रीगणेशजी की उपासना करें. इसके बाद चन्द्रमा के उदय होने पर शंख में दूध, दूर्वा, सुपारी, गंध, अक्षत से भगवान श्रीगणेशजी का पूजन करें और चतुर्थी तिथि को चंद्र्देव को अर्घ्य दें. इस प्रकार बहुला चतुर्थी व्रत के पालन से सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही व्रती (व्रत करने वाला) के व्यावहारिक व मानसिक जीवन से जुड़े सभी संकट, विघ्न और बाधाएं समूल नष्ट हो जाते हैं. यह व्रत संतान दाता तथा धन को बढ़ाने वाला है.

कोई कष्ट हो तो, करें इन मंत्रों का जाप (Sankashtha Chaturathi Vrat Mantras)

हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं. कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या हो तो ऐसे लोगों के लिए शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) के दिन यानी 25 अगस्त 2021 की सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों.

ॐ सुमुखाय नम: - सुंदर मुख वाले, हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे.

ॐ दुर्मुखाय नम: - मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो भैरव देख दुष्ट घबराये.

ॐ मोदाय नम: - मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले, उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें.

ॐ प्रमोदाय नम: - प्रमोदाय, दूसरों को भी आनंदित करते हैं. भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है यानी आलसी. आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती हैं और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है.

ॐ अविघ्नाय नम: - किसी भी प्रकार की विघ्न से बचाने वाले देवता को प्रणाम. इस मंत्र के जाप से विघ्न बाधाओं से मिलती है मुक्ति.

ॐ विघ्नकरत्र्येय नम: - विघ्नों के निवारण के करने वाले देव आपको शत-शत प्रणाम. मेरे कष्टों का निवारण करिए.

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) : आज दिनांक 25 अगस्त 2021 वार बुधवार है. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. भाद्रपद महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण मास) को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है. इस बार यह चतुर्थी 25 अगस्त, बुधवार को यानी आज है.

Horoscope Today 25 August 2021 राशिफल : मेष, वृषभ, कर्क, मकर, मीन राशि वालों की विरोधियों पर होगी जीत

आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshtra)- उत्तर भाद्रपद रात्रि 08:48 तक तत्पश्चात रेवती

राहुकाल (Rahukal) - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:16 तक

दिशाशूल (Dishashool) - उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण (Vrat/Fast On 25 August 2021) - फूल काजली व्रत, संकष्ट चतुर्थी (Sankashtha Chaturthi) (चन्द्रोदय रात्रि 09:10), बहुला चतुर्थी (म.प्र.)

विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है. (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

हिन्दू मास एवं वर्ष

विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत - 1943

अयन - दक्षिणायन

ऋतु - शरद

मास - भाद्रपद

पक्ष - कृष्ण

तिथि - तृतीया शाम 04:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी

आज का योग

शूल 26 अगस्त प्रातः 05:25 तक तत्पश्चात गण्ड

25 अगस्त 2021 बुधवार को संकष्ट चतुर्थी चन्द्रोदय रात्रि 09:10

संकष्ट चतुर्थी व्रत के नियम (Sankashtha Chaturathi Vrat Niyam)

महिलाएं इस दिन सुबह स्नान कर पवित्रता के साथ भगवान गणेशजी की आराधना आरंभ करें. भगवान गणेशजी की प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लें. धूप, दीप, गंध, पुष्प, प्रसाद आदि सोलह उपचारों से श्रीगणेशजी का पूजन संपन्न करें. चंद्र उदय होने से पहले जितना हो सके कम बोलें.

शाम होने पर फिर से स्नान कर इसी पूजा विधि से भगवान श्रीगणेशजी की उपासना करें. इसके बाद चन्द्रमा के उदय होने पर शंख में दूध, दूर्वा, सुपारी, गंध, अक्षत से भगवान श्रीगणेशजी का पूजन करें और चतुर्थी तिथि को चंद्र्देव को अर्घ्य दें. इस प्रकार बहुला चतुर्थी व्रत के पालन से सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही व्रती (व्रत करने वाला) के व्यावहारिक व मानसिक जीवन से जुड़े सभी संकट, विघ्न और बाधाएं समूल नष्ट हो जाते हैं. यह व्रत संतान दाता तथा धन को बढ़ाने वाला है.

कोई कष्ट हो तो, करें इन मंत्रों का जाप (Sankashtha Chaturathi Vrat Mantras)

हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं. कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या हो तो ऐसे लोगों के लिए शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) के दिन यानी 25 अगस्त 2021 की सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों.

ॐ सुमुखाय नम: - सुंदर मुख वाले, हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे.

ॐ दुर्मुखाय नम: - मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो भैरव देख दुष्ट घबराये.

ॐ मोदाय नम: - मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले, उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें.

ॐ प्रमोदाय नम: - प्रमोदाय, दूसरों को भी आनंदित करते हैं. भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है यानी आलसी. आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती हैं और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है.

ॐ अविघ्नाय नम: - किसी भी प्रकार की विघ्न से बचाने वाले देवता को प्रणाम. इस मंत्र के जाप से विघ्न बाधाओं से मिलती है मुक्ति.

ॐ विघ्नकरत्र्येय नम: - विघ्नों के निवारण के करने वाले देव आपको शत-शत प्रणाम. मेरे कष्टों का निवारण करिए.

Last Updated : Aug 25, 2021, 7:56 AM IST
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