जयपुर. कोरोना महामारी के बीच राजस्थान में 300 से अधिक लोगों की मौत अभी तक हो चुकी है. इस बीमारी के चलते हालात ऐसे बन गए हैं कि जिन मरीजों की मौत हो रही है उनके परिजन तो मृतक के अंतिम दर्शन भी नही कर पा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जयपुर में देखने को मिला है. साजन कुमार नाम का एक व्यक्ति अरुणाचल प्रदेश से जयपुर रोजगार की तलाश में पहुंचा था. लेकिन कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 7 जून को उसकी मौत हो गई. ऐसे में पुलिस के सामने उसके परिजनों को ढूंढना सबसे बड़ी चुनौती बन गई.
काफी मशक्कत के बाद 6 दिन बाद मृतक के मोबाइल फोन में उसकी मां का नंबर मिला. जिसके बाद उसकी पहचान हो सकी और पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया. आरयूएचएस हॉस्पिटल के चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुंदरलाल ने बताया कि युवक लंबे समय से जयपुर में रह रहा था और तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 6 जून को वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया. जिसके बाद अगले ही दिन युवक की मौत हो गई.
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ऐसे में युवक का शव एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया और पुलिस युवक के परिजनों को ढूंढने में लग गई. 12 जून को पुलिस ने युवक की मां को फोन किया. जिसके बाद युवक के पिता जीतेन बीरो से पुलिस की बात हुई. ऐसे में मृतक के पिता ने जयपुर आने में असमर्थता जताई और वीडियो कॉल के जरिए ही अपने बेटे के अंतिम दर्शन किए और जयपुर में ही अंतिम संस्कार की सहमति प्रदान की.
2500 किलोमीटर दूर से किए दर्शन
मृतक के पिता ने वीडियो कॉल के अलावा एक पत्र भी पुलिस को भेजा जहां उसने विधि-विधान पूर्वक अपने बेटे के अंतिम संस्कार करने की अपील की. मृतक के पिता का कहना था कि वह काफी गरीब हैं. ऐसे में वे जयपुर नहीं आ सकते और 25 सौ किलोमीटर दूर से ही पिता ने अपने बेटे के अंतिम दर्शन किए. मृतक के पिता ने यह भी कहा की लॉकडाउन की वजह से वह बाहर नहीं निकल सकते और उनका घर भी अरुणाचल प्रदेश के जंगलों में है. ऐसे में उसने पुलिस से अपील करते हुए कहा कि आप ही मेरे बेटे का अंतिम संस्कार कीजिए. मृतक चार बहनों का अकेला भाई था. बता दें की पिता और पुत्र मजदूरी करके परिवार का पेट पालते थे.