जयपुर. राजस्थान पीएचईडी समन्वय समिति (Rajasthan PHED Coordination Committee) ने अपनी 31 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन के जरिए समन्वय समिति ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है.
मांगें कई हैं. जिसमें वेतन कटौती से लेकर भर्ती को लेकर सवाल किए गए हैं. संगठन ने सीधे- सीधे सीएम को कटघरे में खड़ा किया (PHED Against Gehlot Government) है.
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क्या है ज्ञापन में? (31 Points of Rajasthan PHED Coordination Committee )
ज्ञापन में कई अहम मुद्दों को उठाया गया है. जिसमें कई विसंगतियों का जिक्र है. सरकार ने कर्मचारियों से जो वादे और दावे किए थे उन्हें याद दिलाया गया है. 31 मांगों में से कुछ अहम मांगें हैं-
वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के आदेश के तहत कर्मचारियों के वेतन से की जा रही कटौती पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगाई जाए
मुख्यमंत्री की ओर से 2019 में बजट घोषणा के बाद भी विभाग में तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है कैडर स्ट्रेन्थ के हिसाब से तकनिकी कर्मचारियों की अतिशीघ्र नई भर्ती करवाई जाए
विभाग में बजट निर्णय समिति की बैठक (वर्ष 2019-20) में लिये गये निर्णय अनुसार वित्त विभाग की ओर से दिये गये निर्देशों में मुख्य अभियन्ता से तकनीकी कर्मचारियों के विभिन्न संघर्ग के 304 नियमित पदों को समाप्त किया गया है, उस आदेश को निरस्त कर समाप्त किये गये पदों को तुरन्त प्रभाव से बहाल किया जाए.
नई भर्ती में जनता जलयोजना पर कार्यरत श्रमिकों को आयु सीमा में छूट देते हुये प्राथमिकता दी जाए.
साथ ही विभाग की ओर से जिन जनता जलयोजना श्रमिको को भर्ती के लिए पात्र माना गया है उन्हें विभाग में समायोजित किया जाए.