जयपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक नवीन जैन के मुताबिक लॉकडाउन के कारण बहुत से लोग अपने परिजनों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार बीते 25 मई से मोक्ष कलश स्पेशल नि:शुल्क बस सेवा शुरुआत की गई. इसके बाद इस बस सेवा से 15 जून तक राजस्थान के 35 शहरों के लोग अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार गए. इसमें 4,014 मोक्ष कलश के साथ 7,855 लोगों को हरिद्वार लाने ले-जाने के लिए राजस्थान रोडवेज की 203 बसों से यात्रा करवाई गई है.
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राजस्थान रोडवेज की नि:शुल्क बस सेवा से 25 मई से लेकर 15 जून तक उदयपुर से 30, जोधपुर से 314, नागौर से 153, चूरु से 68, झुंझुनू से 81, सवाई माधोपुर से 83, पाली से 32, भरतपुर से 36, बूंदी से 159, बीकानेर से 250, अजमेर से 137, अलवर से 164, गंगानगर से 262, सीकर से 204, हनुमानगढ़ से 321, टोंक से 103, बारां से 191 लोगों को हरिद्वार भेजा जा चुका है.
इसी तरह फलोदी से 62, चित्तौड़गढ़ से 28, सरदारशहर से 33, अनूपगढ़ से 45, डीडवाना से 102, डूंगरपुर से 8, बांसवाड़ा से 2, प्रतापगढ़ से 3, झालावाड़ से 22, जालोर से 21, बाड़मेर से 18 भीलवाड़ा से 19, कोटा से 219, राजसमंद से 9, दोसा से 97, जैसलमेर से 9, जयपुर से 661 समेत कुल 4,014 मोक्ष कलश लेकर 7,855 यात्रियों को हरिद्वार भेजा जा चुका है.
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राजस्थान रोडवेज की ओर से बस सेवा के लिए पंजीयन 24 घंटे जारी है. इसके लिए संबंधित यात्री राजस्थान रोडवेज की वेबसाइट पर जाकर मोक्ष कलश स्पेशल पंजीयन लिंक पर क्लिक कर दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजीयन फार्म को भरकर पंजीयन किया जा सकता है.
बता दें कि लॉकडाउन के कारण बहुत से लोग अपने परिजनों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित नहीं कर पा रहे थे, जिसके बाद गहलोत के निर्देशों पर राजस्थान रोडवेज ने निःशुल्क बस सेवा शुरू की. इस बस में प्रत्येक मोक्ष कलश के साथ दो लोगों को निःशुल्क यात्रा करने की छूट है, जिनको उसी बस में वापसी लाने की भी व्यवस्था की गई है. इसे प्रदेश के अलग-अलग शहरों से हरिद्वार के लिए संचालित की जा रही है.