जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनजाति भागीदारी योजना और सामुदायिक वनाधिकार विकास योजना के त्वरित संचालन के लिए बजट मद के अन्तर्गत 10 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दे दी है.
बता दें, दोनों योजनाएं नई होने के कारण इनके लिए बजट मद उपलब्ध नहीं है. ऐसे में, इन योजनाओं के त्वरित संचालन के लिए जनजाति कल्याण निधि के अन्तर्गत बजट मद से 10 करोड़ रुपए के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी गई है. जनजाति भागीदारी के अन्तर्गत जनजाति क्षेत्र में ढांचागत विकास और सामुदायिक वनाधिकार विकास योजना के तहत जल संग्रहण, वृक्षारोपण, मत्स्य पालन, चारागाह विकास जैसे कार्य किए जाएंगे.
53 स्टार्टअप्स को राहत, ऋण पुनर्भुगतान अवधि बढ़ाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए 53 स्टार्टअप्स को राहत देते हुए ऋण पुनर्भुगतान अवधि में 1 वर्ष तक ब्याज रहित अभिवृद्धि को मंजूरी दे दी है. सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा कोविड-19 को देखते हुए ऋण पुनर्भुगतान की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष करने तथा बढ़ी हुई एक वर्ष की अवधि के ब्याज में राहत देने के संबंध में प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा था.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 93 नवीन पदों का सृजन होगा
राज्य में उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण और बाजार में उपलब्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अन्तर्गत विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए प्रकोष्ठ में 93 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ में संयुक्त नियंत्रक और उप नियंत्रक के एक-एक पद, सहायक नियंत्रक के 8 पद, निरीक्षक के 20 पद, कनिष्ठ विधि अधिकारी और सहायक प्रोग्रामर के एक-एक पद, सूचना सहायक के दो पद, प्रयोगशाला सहायक के 20 पद, सुरक्षा गार्ड के 36 पद के साथ वाहन चालक के 3 पदों सहित कुल 93 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा.
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नवीन प्रस्तावित पदों में से संयुक्त नियंत्रक से निरीक्षक तक के पदों पर विशेष भर्ती नियमों के तहत भर्ती की जाएगी. कनिष्ठ विधि अधिकारी और सहायक प्रोग्रामर के नवीन पदों पर प्रतिनियुक्ति के साथ शेष पदों पर संविदा सेवा के माध्यम से प्रचलित नियमों के अनुरूप कार्मिकों को नियोजित किया जाएगा. सीएम गहलोत के इस निर्णय से राज्य सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी.
पर्यवेक्षक के 65 नवीन पदों होंगे सृजित
प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता की नियुक्ति की जाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के 65 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.
प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान में राज्य में कुल पंचायत समितियों की संख्या 295 से बढ़कर 352 हो गई है. 57 नई पंचायत समितियों के लिए पर्यवेक्षक के एक-एक पद सहित 57 पद सृजित होंगे. महिला अधिकारिता विभाग में ही प्रचेता के र्डाइंग कैडर में 8 प्रचेताओं की सेवानिवृति के कारण समाप्त किए गए पदों को भी पर्यवेक्षक के रूप में परिवर्तित कर पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के कुल 65 सृजित किए जाएंगे. सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश की समस्त 352 पंचायत समितियों में पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के पद उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे राज्य में महिला सशक्तिकरण को गति मिलेगी.