जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर से वही घटना दोहराई गई है. जो साल 2008 में हुई थी. राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता ली और इसके बाद सभी ने यह घोषणा कर दी कि वह कांग्रेस के साथ हैं. इससे पहले सभी छह विधायकों ने जिनमें जोगिंदर अवाना, राजेंद्र सिंह गुड़ा, संदीप यादव, दीपचंद खेरिया, वाजिब अली, लखन मीणा शामिल हैं. इनमें राजेंद्र सिंह गुड़ा साल 2008 में भी बसपा की टिकट पर जीत कर आए थे.
इन्होंने बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया था. साथ ही वह उस समय मंत्री भी बने थे. इसी तरीके से दीपचंद खेरिया लंबे समय से कांग्रेसी रहे हैं. जोगिंदर अवाना भी कांग्रेस के संपर्क में रहे हैं. वाजिब अली अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और कांग्रेस के पहले से संपर्क में हैं. लखन मीणा भी कांग्रेस के संपर्क में थे. केवल संदीप यादव ऐसे बसपा के विधायक हैं जिनका कांग्रेस से कोई संपर्क नहीं रहा है. जिस तरीके से इन सभी छह विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है, उससे साफ है कि आने वाले समय में इन्हें मंत्री पद भी दिया जा सकता है.
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गहलोत मंत्रिमंडल में जल्द हो सकता है फेरबदल
बसपा के सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. उससे एक बात बिल्कुल साफ है कि अब जल्द ही गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का फेरबदल हो सकता है. हालांकि बसपा के विधायकों ने कहा है कि वह बिना किसी शर्त के आए हैं. वहीं निकाय चुनाव के बाद में राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. जिसमें इन सभी विधायकों में से सर्वसम्मति से कुछ विधायकों को मंत्री पद भी दिया जा सकता है. वहीं कई विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति भी दी जा सकती है.
वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि सभी 6 विधायकों ने अब आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने लिए कांग्रेस के टिकट की मांग की है, जिसे कांग्रेस ने माना है. हालांकि इससे पहले भी साल 2008 में कांग्रेस के छह विधायक जिनमें रमेश मीणा, रामकेश मीणा, राजकुमार शर्मा, गिर्राज मलिंगा, राजेंद्र गुड़ा और आमिर थे. उन छह में से पांच को कांग्रेस ने अपना टिकट दिया था. इसी तरीके से इस बार भी आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इन विधायकों को टिकट का वादा कर चुकी है.
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कांग्रेस के हुए अब 106 विधायक
बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद में कांग्रेस के 106 विधायक हो गए हैं. जबकि राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग पहले से कांग्रेस मंत्रिमंडल में शामिल है. वहीं, 12 निर्दलीय विधायकों का भी कांग्रेस को समर्थन प्राप्त है. ऐसे में अब कांग्रेस की संख्या बल बढ़कर 118 हो गई है. ऐसे में अब कांग्रेस की सरकार पर किसी भी तरीके का संकट नहीं होगा. वहीं, आगे आने वाले राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस को आसानी से तीन में से 2 सीट मिल जाएगी.