जयपुर. लॉकडाउन के चलते दुनिया के विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत लगातार अपने देश वापस लाया जा रहा है. ऐसे में शनिवार को इस मिशन के तहत 2 फ्लाइट में 410 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे हैं. वहीं रात को रियाद से आने वाली फ्लाइट में 180 प्रवासी राजस्थानी जयपुर आएंगे.
एसीएस उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बीते 22 मई से विदेशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों के आने का सिलसिला जारी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित एयर सेल की माकूल व्यवस्था का यह परिणाम है, कि वंदे भारत मिशन के तहत दो चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गए हैं और तीसरे चरण में फ्लाइट के आने का सिलसिला जारी हो गया है.
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सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट पर हेल्थ प्रोटोकॉल और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की गई है. जिससे नियमों के साथ सभी तरह की व्यवस्थाओं का संचालन हो रहा है. अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को 2 फ्लाइट में से यूएसए फ्लाइट में 175 और कजाकिस्तान से आई फ्लाइट में 235 प्रवासी राजस्थानी आए हैं.
इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, विदेशों से आ रहे सभी प्रवासियों के फोन में एयरपोर्ट पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाई जा रही है.
एयरपोर्ट किया जाता बार-बार सैनिटाइज
जयपुर एयरपोर्ट की सीनियर कमांडेंट वाईपी सिंह ने बताया कि, एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है. जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होते है, उनका इमीग्रेशन क्लियर करवाकर उनको क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है.
यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास रहेंगे. इमीग्रेशन के क्लीयरेंस के बाद यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.
वहीं राज्य सरकार के द्वारा तीन श्रेणियों में होटलों को बांटा गया है. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है. उनका किराया भी उनको चुकाना होता है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट किया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद यात्री को घर लौट सकते हैं. वहीं 7 दिन के क्वॉरेंटाइन बाद सभी यात्रियों को 7 दिन होम क्वॉरेंटाइन में रहना अनिवार्य है.
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एयरपोर्ट पर इन अधिकारियों ने संभाल रखा मोर्चा
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, विदेश से आ रहे प्रवासियों की व्यवस्था के लिए सरकारी अफसर दिन-रात लगे हुए हैं. जिसमें एयरपोर्ट पर क्वॉरेंटाइन अधिकारी बीसी गंगवाल, उप निदेशक पर्यटन उपेंद्र सिंह शेखावत और रीको के डीजीएम तरुण जैन द्वारा संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. वहीं संयुक्त निदेशक मेडिकल डॉक्टर एस के भंडारी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निर्मल जैन और उनकी पूरी मेडिकल टीम द्वारा सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर मेडिकल चेकअप तक का जिम्मा उठाया जा रहा हैं.