जयपुर. राज्य सरकार ने इसी शैक्षणिक सत्र में 37 नए महाविद्यालय शुरू करने का निर्णय किया है. उच्च शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कुल 78 कार्यों को स्वीकृति जारी की गई है. नए महाविद्यालयों के साथ-साथ नवीन संकाय, नवीन विषय भी सरकारी कॉलेजों में जोड़े जाने का फैसला लिया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट घोषणा 2020-21 में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए राजकीय महाविद्यालय खोलने का फैसला लिया गया. इसी क्रम में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई है. इन नए महाविद्यालयों का संचालन इसी सत्र से शुरू करने की तैयारी की जा रही है. ताकि प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके, और उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिले. इसके साथ ही सरकार द्वारा राजकीय महाविद्यालय में नए संकाय और विषयों को भी जोड़ा जा रहा है.
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राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुल 78 कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है. जिनमें 37 नवीन राजकीय महाविद्यालय, 13 स्नातक स्तर पर नवीन संकाय, चार स्नातक स्तर पर नवीन विषय, 5 स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय, 10 राजकीय महाविद्यालयों का क्रमोन्नयन, 5 स्ववित्तपोषित और 4 निजी महाविद्यालयों को राज्य अधीन किया जाना शामिल है. इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री की माने तो राज्य सरकार सुदूर पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा मुहैया करवाने का प्रयास कर रही है. ताकि समाज के हर वर्ग तक उच्च शिक्षा की आसान पहुंच हो सके.
यहां खुलेंगे नए महाविद्यालय
- बांसवाड़ा के छोटी सरवन, गांगड़तलाई
- अलवर के मालाखेड़ा, कठूमर और राजगढ़
- बीकानेर के देशनोक
- बूंदी के हिंडौली
- अजमेर के भिनाय, सांवर
- जैसलमेर के भणियाणा
- बाड़मेर से सिणधरी, समदड़ी, पाटौदी, गडरा रोड और सेड़वा
- जयपुर के कोटखावदा, बगरू, राणावास, जामडोली और कंवर नगर
- झुंझुनू के चिड़ावा
- सवाई माधोपुर के मलारना, डूंगर
- भीलवाड़ा के गंगापुर
- धौलपुर के सरमथुरा और बसई नवाब
- भरतपुर के रूपवास और सीकरी
- चित्तौड़गढ़ के गंगरार
- दौसा के नांगल राजावतान
- करौली के मासलपुर
- जोधपुर के कुड़ी भगतासनी और लोहावट
- सीकर के लोसल और फतेहपुर
- झुंझुनू के सूरजगढ़
- चूरू के राजलदेसर
- नागौर के मकराना
खास बात ये है कि सरकार की ओर से घोषित किए गए महाविद्यालय में से 12 महाविद्यालय पायलट गुट के और कांग्रेस से बागी हुए विधायकों के क्षेत्रों में खुलेंगे. माना जा रहा है कि सरकार इस कदम से क्षेत्र के लोगों को साधने का प्रयास कर रही है.