जयपुर. सहकारिता विभाग में खाली पड़े ऋण पर्यवेक्षक के पदों पर जल्द ही भर्ती की जाएगी. करीब 300 पदों पर होने वाली ये भर्ती राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से कराई जाएगी. भर्ती के बाद बैंक की कार्यप्रणाली में और गति आएगी. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बुधवार को सचिवालय में विभाग से जुड़े प्रमुख अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए.
अंजना ने अधिकारियों को आदेश दिया कि केंद्रीय सहकारी बैंकों के ऋण पर्यवेक्षकों के अधिक पदों की सूची मंगाकर भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र संपन्न कराया जाए. बैठक के दौरान उन्होंने धारा 55 से जुड़े प्रकरणों की होने वाली जांच और जांच परिणामों के लंबित रहने पर भी चिंता जाहिर की. साथ ही कहा कि इस देरी के कारण अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारिता अधिनियम की धारा 55 में होने वाली जांच के लिए एक निश्चित समय तय किया जाए और यदि किसी कारणवश जांच में देरी हो रही है, तो कारणों सहित सक्षम अधिकारी से अवधि बढ़ाने की अनुमति ली जाए.
बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि नए किसानों को भी फसली ऋण का वितरण किया जाए, ताकि उन्हें 0% पर फसली ऋण का लाभ मिल सके. उन्होंने निर्देश दिए कि समर्थन मूल्य पर आगामी खरीद में भारत सरकार की ओर से दिए गए खरीद लक्ष्य के अनुरूप ही किसानों के पंजीयन किए जाएं. साथ ही उनमें प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए.
इस दौरान प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि उपज रहन ऋण योजना में करीब 1800 किसानों ने 3% ब्याज दर पर 18 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपार्जन के गोदामों में नियमित रूप से निरीक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए.
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4 दिन में होगा भुगतान
बैठक में सहकारिता रजिस्ट्रार ने कहा कि समर्थन मूल्य खरीद पर सरसों और चना की खरीद में किसानों को तीन से चार दिनों में भुगतान किया जा रहा है और अब तक 2 लाख 91 हजार 879 किसानों को 3450 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. बैठक में राजफेड के प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम रश्मि गुप्ता, अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक परशुराम मीणा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सेकंड जीएल स्वामी और राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी राजीव लोचन शर्मा सहित प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे.