जयपुर. राजस्थान में 3 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए आज गुरुवार को प्रचार का अंतिम दिन है. इन चुनाव में कांग्रेस ने भले ही 30 स्टार प्रचारक बनाए हो, लेकिन इन 3 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में असल टास्क गहलोत सरकार के छह मंत्रियों के पास रहा. ऐसे में इन चुनाव में हार-जीत का असर सत्ता और संगठन के साथ ही इन मंत्रियों पर भी पड़ेगा.
तीनों सीटों पर उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत मिलती है तो यह मंत्री मजबूत और ताकतवर बनकर उभरेंगे तो वहीं अगर पार्टी को दिए गए टास्क को पूरा करने में मंत्री असफल हुए तो फिर इनके चुनाव प्रबंधन पर भी सवाल खड़े होंगे. हालांकि, मंत्री सफल हुए या असफल इसका पता तो 2 मई को जब नतीजे आएंगे उसके बाद ही लगेगा, लेकिन यह साफ है कि इन छह मंत्रियों का कद बढ़ेगा या घटेगा, इसे काफी हद तक यह चुनाव तय करेंगे.
पढ़ें : मैं ठीक हूं, जल्द आपके बीच आऊंगा...सहाड़ा से BJP प्रत्याशी ने जारी किया VIDEO
इन 3 सीटों पर जिन मंत्रियों को जीत दिलाने का टास्ट मिला है, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, खेल मंत्री अशोक चांदना, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया हैं. इनमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और खेल मंत्री अशोक चांदना को सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी दी गई है. जहां सामान्य वर्ग की सीट होने के चलते रघु शर्मा को ब्राह्मण वर्ग को पार्टी के पक्ष में एकजुट करने का जिम्मा देने के साथ ही चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, रघु शर्मा के साथ ही भीलवाड़ा जिले से आने वाले मंत्री अशोक चांदना को भी गुर्जर वोट बैंक में सेंध लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.
चुनाव जिताने की जिम्मेदारी...
जबकि राजसमंद की बात की जाए तो यहां चुनाव जिताने की जिम्मेदारी का टास्क सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया को मिला हुआ है. मूल ओबीसी वर्ग से आने वाले सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को यहां चुनाव जिताने के साथ ही ओबीसी वर्ग को कांग्रेस के साथ लाने का टास्क भी मिला है तो वहीं प्रमोद जैन भाया को वैश्य वर्ग में सेंध लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.
लगातार चुनावी दौरे पर डोटासरा...
इसी तरीके से बात की जाए सुजानगढ़ उपचुनाव की तो यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की साख दांव पर लगी हुई है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी सुजानगढ़ के बाहर गए ही नहीं तो वहीं पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा लगातार सुजानगढ़ में चुनावी दौरे कर रहे हैं.