ETV Bharat / city

चील जैसे बड़े पक्षी भी मांझे की जद में, घायल होकर पहुंच रहे पक्षी अस्पताल

जयपुर में पतंगबाजी के कारण मांझे में फंसकर पक्षी घायल हो रहे है. ऐसे में छोटे पक्षियों के अलावा अब बड़े पक्षी भी मांझे में फंस रहे है. जयपुर जू के बर्डस सेंटर में तीन घायल चीलों का इलाज चल रहा है.

मांझे में फंसकर चील घायल, Eagle injured by stuck in mahja
मांझे में फंसकर चील घायल
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 3:22 PM IST

जयपुर. राजधानी में मकर सक्रांति के पर्व पर जमकर पतंगबाजी हो रही है. ऐसे में छोटे पक्षियों के अलावा अब बड़े पक्षी भी मांझे की जद में आ रहे हैं. इसी के चलते सोमवार को जयपुर जू के बर्डस हेल्प सेंटर में तीन चील घायल होकर पहुंची.

मांझे में फंसकर चील घायल

जयपुर जू में इन तीनों चीलों का इलाज चल रहा है. दरअसल आसमान में हो रही पतंगबाजी के चलते मांझे की चपेट में आने के कारण यह चील घायल हो गई. इनका इलाज कर रहे जू के कर्मचारियों का कहना है,कि आमतौर पर मांझे की चपेट में आने पर कबूतर तोते जैसे छोटे पक्षी ही घायल होते हैं. लेकिन इस बार 3 चील भी बर्ड्स हेल्प सेंटर पर पहुंची है. जहां इनका इलाज किया जा रहा है.

ये पढ़ेंः Special: विदेश से लौटी महिला ने सरपंच बन बदल दी इस गांव की तस्वीर, पति हैं IPS

जू के कर्मचारियों का यह भी कहना है,कि यह चील दुर्लभ प्रजाति की होती हैं. आमतौर पर काफी ऊंचाई पर आसमान में उड़ती है. लेकिन इस बार इस प्रजाति के पक्षी भी मांझे की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में इन पक्षियों के उपचार के लिए जयपुर जू और एनजीओ की तरफ से शहर के अलग-अलग स्थानों पर बर्ड्स हेल्प सेंटर बनाए गए हैं. जहां मांझे के कारण घायल होने पर पक्षियों का इलाज किया जा रहा है.

ऐसे में ईटीवी भारत आमजन से यह अपील भी करना चाहता है कि पतंगबाजी जरूर करें लेकिन इन बेजुबान पक्षियों का भी ख्याल रखें और अगर कोई घायल पक्षी दिखाई दे तो इन्हें इलाज के लिए बर्ड्स हेल्प सेंटर पर लेकर जाए.

जयपुर. राजधानी में मकर सक्रांति के पर्व पर जमकर पतंगबाजी हो रही है. ऐसे में छोटे पक्षियों के अलावा अब बड़े पक्षी भी मांझे की जद में आ रहे हैं. इसी के चलते सोमवार को जयपुर जू के बर्डस हेल्प सेंटर में तीन चील घायल होकर पहुंची.

मांझे में फंसकर चील घायल

जयपुर जू में इन तीनों चीलों का इलाज चल रहा है. दरअसल आसमान में हो रही पतंगबाजी के चलते मांझे की चपेट में आने के कारण यह चील घायल हो गई. इनका इलाज कर रहे जू के कर्मचारियों का कहना है,कि आमतौर पर मांझे की चपेट में आने पर कबूतर तोते जैसे छोटे पक्षी ही घायल होते हैं. लेकिन इस बार 3 चील भी बर्ड्स हेल्प सेंटर पर पहुंची है. जहां इनका इलाज किया जा रहा है.

ये पढ़ेंः Special: विदेश से लौटी महिला ने सरपंच बन बदल दी इस गांव की तस्वीर, पति हैं IPS

जू के कर्मचारियों का यह भी कहना है,कि यह चील दुर्लभ प्रजाति की होती हैं. आमतौर पर काफी ऊंचाई पर आसमान में उड़ती है. लेकिन इस बार इस प्रजाति के पक्षी भी मांझे की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में इन पक्षियों के उपचार के लिए जयपुर जू और एनजीओ की तरफ से शहर के अलग-अलग स्थानों पर बर्ड्स हेल्प सेंटर बनाए गए हैं. जहां मांझे के कारण घायल होने पर पक्षियों का इलाज किया जा रहा है.

ऐसे में ईटीवी भारत आमजन से यह अपील भी करना चाहता है कि पतंगबाजी जरूर करें लेकिन इन बेजुबान पक्षियों का भी ख्याल रखें और अगर कोई घायल पक्षी दिखाई दे तो इन्हें इलाज के लिए बर्ड्स हेल्प सेंटर पर लेकर जाए.

Intro:जयपुर- राजधानी जयपुर में मकर सक्रांति के पर्व पर जमकर पतंगबाजी हो रही है ऐसे में छोटे पक्षियों के अलावा अब बड़े पक्षी भी मांझे की जद में आ रहे हैं इसी के चलते आज जयपुर जू के बर्ड्स हेल्प सेंटर में तीन चील घायल होकर पहुंची


Body:जयपुर जू में इन तीनों चीलों का इलाज चल रहा है। दरअसल आसमान में हो रही पतंगबाजी के चलते मांझे की चपेट में आने के कारण यह चील घायल हो गई इनका इलाज कर रहे जू के कर्मचारियों का कहना है कि आमतौर पर मांझे की चपेट में आने पर कबूतर तोते जैसे छोटे पक्षी ही घायल होते हैं लेकिन इस बार 3 चील भी बर्ड्स हेल्प सेंटर पर पहुंची है जहां इनका इलाज किया जा रहा है। जू के कर्मचारियों का यह भी कहना है कि यह चील दुर्लभ प्रजाति की होती हैं और आमतौर पर काफी ऊंचाई पर आसमान में उड़ती है लेकिन इस बार इस प्रजाति के पक्षी भी मांझे की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में इन पक्षियों के उपचार के लिए जयपुर जू और एनजीओ की तरफ से शहर के अलग-अलग स्थानों पर बर्ड्स हेल्प सेंटर बनाए गए हैं जहां मांझे के कारण घायल होने पर पक्षियों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में ईटीवी भारत आमजन से यह अपील भी करना चाहता है कि पतंगबाजी जरूर करें लेकिन इन बेजुबान पक्षियों का भी ख्याल रखें और अगर कोई घायल पक्षी दिखाई दे तो इन्हें इलाज के लिए बर्ड्स हेल्प सेंटर पर लेकर जाए


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.