जयपुर. राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा लगातार गहलोत सरकार को घेरती नजर आई है. आंकड़े भी यही बताते हैं कि प्रदेश में कानून की पालना कराने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं है.
साल 2018 से 2020 के मध्य 4,729 मुकदमे राजकार्य में बाधा के दर्ज कराए गए हैं. जिनमें अधिकारियों के साथ हुई मारपीट के केस भी शामिल है. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा की ओर से विधानसभा में लगाए गए एक सवाल के जवाब में इसका खुलासा हुआ है.
विधानसभा में रामलाल शर्मा ने तारांकित प्रश्न 1587 लगाया था. जो गृह विभाग से जुड़ा था और इसका लिखित में जवाब अब आया है. शर्मा ने अपने सवाल में यह भी पूछा था कि खनिज माफिया या अवैध बजरी माफियाओं की ओर से अधिकारियों पर हमले किए गए हैं तो किस-किस अधिकारियों पर साल 2018 से 2020 के बीच हमले हुए. इसका भी लिखित में जवाब शर्मा को विधानसभा सचिवालय की ओर से दिया गया है.
पुलिस अधिकारियों को भी नहीं बख्शा
विधानसभा की ओर से मिले जवाब में आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं. खनिज माफिया और अवैध बजरी माफियाओं की ओर से साल 2018 से 2020 के बीच अधिकारियों पर हमले के कुल 274 प्रकरण दर्ज हुए हैं. इनमें पुलिस अधीक्षक, उप अधीक्षक, थाना अधिकारी, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार स्तर तक के अधिकारी भी शामिल हैं. जिन पर खनिज माफियाओं ने हमले किए हैं.
इन जिलों में हुए अधिकारियों पर हमले
जिन जिलों में अवैध खनन और बजरी से जुड़े मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमले हुए हैं उनमें कोटा ग्रामीण, टोंक, नागौर, बाड़मेर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, अलवर, जालोर, भीलवाड़ा, करौली, जोधपुर ग्रामीण, प्रतापगढ़, भरतपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, दौसा और बारां जिला शामिल है.
अवैध खनन और बजरी माफियाओं का बोलबाला
जिन जिलों में सबसे ज्यादा अवैध खनन और बजरी माफियाओं का आतंक है उनमें टोंक और धौलपुर जिला अव्वल नंबर पर है.
राजस्थान में कायम हो चुका जंगलराज
रामलाल शर्मा भाजपा राजस्थान के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा कहते हैं कि जिस प्रकार के आंकड़े सामने आए हैं उससे यह साबित हो गया है कि राजस्थान में जंगलराज कायम हो चुका है.
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शर्मा के अनुसार प्रदेश सरकार कहती है कि राजस्थान में कानून का राज है, लेकिन जिस तरह अधिकारियों पर लगातार हमले हो रहे हैं, राजकार्य में बाधा के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और अपराधियों के हौसले बुलंद है वो इस बात को दर्शाता है कि कानून का राज नहीं बल्कि अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.