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जयपुर में अनूठा विवाह सम्मेलन: 12 जातियों के 26 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में, सामाजिक समरसता का दिया संदेश

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Published : May 10, 2022, 4:45 PM IST

जयपुर शहर में मंगलवार को जानकी नवमी पर सामूहिक विवाह का अनूठा आयोजन किया गया. सेवा भारती की ओर से अंबाबाड़ी आदर्श विद्या मंदिर में एक ही मंडप में 12 जातियों के 26 जोड़े (26 couples of 12 castes tied the knot) सात फेर लेकर शादी के बंधंन में बंधे.

Mass marriage organized on Janaki Navami
सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह

जयपुर. शहर में मंगलवार को जानकी नवमी के अवसर पर सामूहिक विवाह का अनूठा आयोजन किया गया. सेवा भारती की ओर से अंबाबाड़ी आदर्श विद्या मंदिर में एक ही मंडप में अलग-अलग जाति के दूल्हा दुल्हन ने सात फेरे लिए और एक दूसरे के हम सफर बने.

सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 12 जातियों के 26 जोड़े परिणय सूत्र (26 couples of 12 castes tied the knot) में बंधें. विवाह सम्मेलन में 5 अंतरजातीय जोड़े भी शामिल थे. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन कर सेवा भारती की ओर से सामाजिक समरसता और सादगी का संदेश दिया गया. सभी दूल्हों की एक साथ सामूहिक निकासी गई और सभी ने एक साथ तोरण भी मारा. तोरण के बाद दूल्हा दुल्हन ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई. एक ही मंडप में अलग-अलग वेदियां बनाकर दूल्हा दुल्हन के मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे करवाए गए.

सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह

पढे़:आरएसएस और सेवा भारती ने शुरू की कोविड रेस्पॉन्स टीम, ऐसे करेंगे मदद

दूल्हा दुल्हन को सेवा भारती की ओर से उपहार दिए गए. इसके अलावा भामाशाहों की ओर से अन्य घर का सामान भी दिया गया. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में दूल्हा-दुल्हन के परिजन और अन्य लोग मौजूद रहे. विवाह संपन्न होने के बाद दूल्हा-दुल्हन ने सभी लोगों से आशीर्वाद भी लिया. इस विवाह सम्मेलन में 27 जोड़ों का विवाह होना था. लेकिन किसी कारणवश एक जोड़ा शामिल नहीं हो पाया.

सेवा भारती के पदाधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया सेवा भारती प्रदेश के अन्य जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती आई है और उनका मकसद सामाजिक समरसता ही रहता है. हम किसी दूल्हा दुल्हन की जाति का संबोधन में नहीं करते हमारा उद्देश्य रहता है कि गरीब की बेटी को अच्छा घर मिल जाए. इसमें 12 जातियों के 26 जोड़ों ने सात फेरे लिए हैं, इनमें तो अनाथ बच्चियां भी शामिल हैं. बता दें कि सेवा भारती की ओर से यह 11वां श्रीराम जानकी सर्वजातीय विवाह सम्मेलन था. सेवा भारती की ओर से अब तक 2100 जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है.

जयपुर. शहर में मंगलवार को जानकी नवमी के अवसर पर सामूहिक विवाह का अनूठा आयोजन किया गया. सेवा भारती की ओर से अंबाबाड़ी आदर्श विद्या मंदिर में एक ही मंडप में अलग-अलग जाति के दूल्हा दुल्हन ने सात फेरे लिए और एक दूसरे के हम सफर बने.

सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 12 जातियों के 26 जोड़े परिणय सूत्र (26 couples of 12 castes tied the knot) में बंधें. विवाह सम्मेलन में 5 अंतरजातीय जोड़े भी शामिल थे. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन कर सेवा भारती की ओर से सामाजिक समरसता और सादगी का संदेश दिया गया. सभी दूल्हों की एक साथ सामूहिक निकासी गई और सभी ने एक साथ तोरण भी मारा. तोरण के बाद दूल्हा दुल्हन ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई. एक ही मंडप में अलग-अलग वेदियां बनाकर दूल्हा दुल्हन के मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे करवाए गए.

सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह

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दूल्हा दुल्हन को सेवा भारती की ओर से उपहार दिए गए. इसके अलावा भामाशाहों की ओर से अन्य घर का सामान भी दिया गया. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में दूल्हा-दुल्हन के परिजन और अन्य लोग मौजूद रहे. विवाह संपन्न होने के बाद दूल्हा-दुल्हन ने सभी लोगों से आशीर्वाद भी लिया. इस विवाह सम्मेलन में 27 जोड़ों का विवाह होना था. लेकिन किसी कारणवश एक जोड़ा शामिल नहीं हो पाया.

सेवा भारती के पदाधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया सेवा भारती प्रदेश के अन्य जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती आई है और उनका मकसद सामाजिक समरसता ही रहता है. हम किसी दूल्हा दुल्हन की जाति का संबोधन में नहीं करते हमारा उद्देश्य रहता है कि गरीब की बेटी को अच्छा घर मिल जाए. इसमें 12 जातियों के 26 जोड़ों ने सात फेरे लिए हैं, इनमें तो अनाथ बच्चियां भी शामिल हैं. बता दें कि सेवा भारती की ओर से यह 11वां श्रीराम जानकी सर्वजातीय विवाह सम्मेलन था. सेवा भारती की ओर से अब तक 2100 जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है.

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