जयपुर. अलवर के एक अस्पताल में झुलसी 21 दिन की नवजात बच्ची की बुधवार को राजधानी में इलाज के दौरान मौत हो गई. मंगलवार को अलवर के गीतानंद शिशु हॉस्पिटल में बच्ची बेबी वार्मर में झुलस गई थी. इसके बाद उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था.
अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में मंगलवार को एफबीएनसी यूनिट के वार्मर में आग लगने से 15 बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. लेकिन अस्पताल ने जैसे-तैसे 14 बच्चों को सही सलामत दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था. वहीं, 21 दिन की एक नवजात बालिका 70 फीसदी झुलस गई, जिसके बाद बच्ची को अलवर से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था. इस दौरान बच्चों को बचाने में 3 महिला कर्मचारी भी झुलस गई थी. मामले को लेकर 3 सदस्यीय कमिटी गठित की गई, जिसमें सामने आया कि स्टाफ की कमी के कारण यह घटना हुई.
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मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया के आधार पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के एफबीएनसी में पिछले एक साल से सीसीटीवी कैमरा बंद थे और वहीं बिजली सप्लाई को ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट करने वाली एमसीबी सीधे वार्मर से जुड़ी हुई नहीं थी. शर्मा ने बताया कि मामले में जिसने भी लापरवाही की होगी उसके खिलाफ शाम तक एक्शन लिया जाएगा.