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21 दिन की मासूम बच्ची ने तोड़ा दम, चिकित्सा मंत्री ने कहा- लापरवाही करने वाले के ऊपर होगी कार्रवाई - Alwar news

अलवर के गीतानंद शिशु हॉस्पिटल में बच्ची बेबी वार्मर में झुलसी 21 दिन की बच्ची ने बुधवार को राजधानी के जेके लोन अस्पताल में दम तोड़ दिया. मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि घटना में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

21 दिन के बच्ची की मौत,  21 day old child dies
बच्ची की मौत
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Published : Jan 1, 2020, 4:45 PM IST

जयपुर. अलवर के एक अस्पताल में झुलसी 21 दिन की नवजात बच्ची की बुधवार को राजधानी में इलाज के दौरान मौत हो गई. मंगलवार को अलवर के गीतानंद शिशु हॉस्पिटल में बच्ची बेबी वार्मर में झुलस गई थी. इसके बाद उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था.

21 दिन की मासूम बच्ची ने तोड़ा दम

अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में मंगलवार को एफबीएनसी यूनिट के वार्मर में आग लगने से 15 बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. लेकिन अस्पताल ने जैसे-तैसे 14 बच्चों को सही सलामत दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था. वहीं, 21 दिन की एक नवजात बालिका 70 फीसदी झुलस गई, जिसके बाद बच्ची को अलवर से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था. इस दौरान बच्चों को बचाने में 3 महिला कर्मचारी भी झुलस गई थी. मामले को लेकर 3 सदस्यीय कमिटी गठित की गई, जिसमें सामने आया कि स्टाफ की कमी के कारण यह घटना हुई.

पढ़ें- अलवर के शिशु अस्पताल में झुलसी बच्ची की इलाज के दौरान जयपुर में मौत

मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया के आधार पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के एफबीएनसी में पिछले एक साल से सीसीटीवी कैमरा बंद थे और वहीं बिजली सप्लाई को ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट करने वाली एमसीबी सीधे वार्मर से जुड़ी हुई नहीं थी. शर्मा ने बताया कि मामले में जिसने भी लापरवाही की होगी उसके खिलाफ शाम तक एक्शन लिया जाएगा.

जयपुर. अलवर के एक अस्पताल में झुलसी 21 दिन की नवजात बच्ची की बुधवार को राजधानी में इलाज के दौरान मौत हो गई. मंगलवार को अलवर के गीतानंद शिशु हॉस्पिटल में बच्ची बेबी वार्मर में झुलस गई थी. इसके बाद उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था.

21 दिन की मासूम बच्ची ने तोड़ा दम

अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में मंगलवार को एफबीएनसी यूनिट के वार्मर में आग लगने से 15 बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. लेकिन अस्पताल ने जैसे-तैसे 14 बच्चों को सही सलामत दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था. वहीं, 21 दिन की एक नवजात बालिका 70 फीसदी झुलस गई, जिसके बाद बच्ची को अलवर से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर किया गया था. इस दौरान बच्चों को बचाने में 3 महिला कर्मचारी भी झुलस गई थी. मामले को लेकर 3 सदस्यीय कमिटी गठित की गई, जिसमें सामने आया कि स्टाफ की कमी के कारण यह घटना हुई.

पढ़ें- अलवर के शिशु अस्पताल में झुलसी बच्ची की इलाज के दौरान जयपुर में मौत

मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया के आधार पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के एफबीएनसी में पिछले एक साल से सीसीटीवी कैमरा बंद थे और वहीं बिजली सप्लाई को ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट करने वाली एमसीबी सीधे वार्मर से जुड़ी हुई नहीं थी. शर्मा ने बताया कि मामले में जिसने भी लापरवाही की होगी उसके खिलाफ शाम तक एक्शन लिया जाएगा.

Intro:जयपुर- नए साल के पहले दिन ही 21 दिन की मासूम बच्ची लक्ष्मी ने जिंदगी को अलविदा कह दिया। जिंदगी मौत के बीच में जूझ रही लक्ष्मी ने सुबह जेके लोन के NICU में आज सुबह 10.30 बजे दम तोड़ दिया। अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में मंगलवार को एफबीएनसी यूनिट के वार्मर में आग लगने से 15 बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गयी थी। लेकिन अस्पताल ने जैसे तैसे 14 बच्चों को सही सलामत दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था। लेकिन 22 दिन की एक नवजात बालिका 70 प्रतिशत झुलस गयी जिसके बाद बच्ची को अलवर से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में लाया गया और मंगलवार रातभर बच्ची जिंदगी मौत के बीच में लड़ती रही और आज सुबह नवजात ने जिंदगी को अलविदा कह दिया।

अलवर में ये घटना मंगलवार को सुबह 5 बजे अस्पताल के एफबीएनसी यूनिट में वार्मर में आग लगने से ये घटना घटी। जब ये हादसा हुआ तो वहां पर 15 बच्चे मौजूद थे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने जैसे तैसे 14 बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया लेकिन बच्चों को बचाने में तीन महिला कर्मचारी भी झुलस गयी थी।

इस मामले पर तीन सदस्य कमिटी घटित कर दी गयी थी। कमिटी ने वहां मौजूद सभी स्टाफ के बयान भी दर्ज कर लिए थे। कमिटी के अनुसार स्टाफ की कमी सामने आयी थी। आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट को निदेशक को भेज दी है।Body:इस मामले पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा की ये बेहद दुखद समाचार है। वही मंत्री के निर्देश पर गठित कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया के आधार पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आयी है। अस्पताल के एफबीएनसी में पिछले एक साल से बंद सीसीटीवी कैमरा बंद थे वही बिजली सप्लाई को ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट करने वाली एमसीबी सीधे वार्मर से जुड़ी हुई नहीं थी। इसी के साथ घटना के वक्त नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह से चौकस भी नहीं मिला। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आधा दर्जन स्टाफ की अनदेखी को बताया घटना का प्रमुख कारण। मंत्री शर्मा ने कहा की इस मामले में जिसने भी लापरवाही की होगी उसके खिलाफ शाम तक एक्शन लिया जाएगा।

बाईट- रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्रीConclusion:
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