जयपुर. कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना वायरस अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ता जा रहा है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि अस्पताल में बेड की कमी आना भी शुरू हो गई है.
बता दें कि रेलवे ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की पहली लहर में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बड़ी संख्या में आइसोलेशन को तैयार किए थे. यह कोच आज भी रेलवे के विभिन्न मंडलों में खाली खड़े हैं. राज्य में बढ़ रहे कोविड-19 मरीजों की संख्या को देखते हुए यदि सरकार इन आइसोलेशन कोच का उपयोग कोविड-19 मरीजों के लिए कर सकती है, जिन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं. जो कम लक्षण वाले हैं और जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता भी नहीं है.
उत्तर पश्चिम रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर मंडल में करीब 250 कोच तैयार करवाए गए थे. लेकिन बाद में आइसोलेशन कोच का उपयोग नहीं होने पर यह कोच खाली ही खड़े हुए हैं. इनमें से वर्तमान में 203 कोच रेलवे के पास उपलब्ध भी हैं. जिनमें से 78 कोच पूरी तरह से तैयार खड़े हुए हैं. जबकि 125 कोच में कुछ मामूली काम होने के बाद वो भी मरीजों के लिए तैयार हो सकते हैं. अगर राज्य सरकार की ओर से उनका उपयोग हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए किया जा सकता है तो उन लोगों की जान बचाई जा सकती है और जिन लोगों को बेड की कमी आ रही है उन्हें भी यह बेड मिल सकेंगे.
उत्तर पश्चिम रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले साल जब अस्पतालों में बेड की कमी थी तब इन कोच को तैयार करके राज्य सरकार को उपयोग के लिए दिए थे. लेकिन तब सरकार की मेडिकल टीम ने यहां मैनपावर नहीं होने का हवाला देकर उपयोग में लेने से मना भी कर दिया था, लेकिन अब जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है और सरकार के पास और मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नहीं है जो आइसोलेट होने पर ठीक हो सकते हैं. ऐसे मरीजों के लिए उपयुक्त भी हो सकते हैं.
रेलवे अस्पताल में भी 52 बेड रिजर्व
राज्य सरकार ने जयपुर स्थित केंद्र रेलवे अस्पताल को कोविड-19 के लिए भी रिजर्व कर रखा है. अभी यहां 52 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व रखे हैं जल्दी ही यहां और नए बेड बढ़ाई भी जा सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि यंहा और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं करवाया जा सकता है. ऐसे में यह बेड केवल के लक्षण वाले मरीजों के लिए उपयोगी होंगे.