जयपुर. जयपुर मिलिट्री स्टेशन में प्रेरणा स्थल पर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर पीवीएसएम, वीएसएम, जीओसी इन सी साउथ वेस्टर्न कमांड ने सन 1971 भारत-पाक युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि दी. इन वीर योद्धाओं को आर्मी कमांडर साउथ वेस्टर्न कमांड और जनरल ऑफिसर कमांडिंग सब एरिया जयपुर की ओर से पुष्पांजलि करके सम्मानित किया. यह कार्यक्रम 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर शानदार विजय के 50 साल पूरे होने पर स्वर्णिम विजय उत्सव का एक हिस्सा है.
भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से किए गए नियोजित ऑपरेशन के माध्यम से इस बड़ी जीत को विश्व इतिहास में दर्ज किया. जिससे एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ. इस समारोह का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी, वीरता और बलिदान को याद करके उन्हें सम्मान करना है. लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर ने स्वर्गीय कर्नल होशियार सिंह, परमवीर चक्र विजेता की पत्नी धनों देवी और 1971 भारत पाक युद्ध के महानायक स्वर्गीय ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह, महावीर चक्र, के पुत्र सवाई पदमानभ सिंह को सम्मानित किया गया.
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कर्नल होशियार सिंह ने मेजर पद पर रहते अपनी बहादुरी और निडरता के साथ शकरगढ़ की लड़ाई में नायक की एक प्रेरणादायक मिशाल कायम की. ऑपरेशन के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने पाकिस्तानी क्षेत्र जरपाल पर अपना कब्जा कर लिया. जिसमें इन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, वीरता, अदम्य साहस और कुशल
नेतृत्व का परिचय दिया. उसी तरह भारत के बहादुर बेटे जयपुर के शाही परिवार से संबंध रखने वाले स्वर्गीय ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह पैराशूट रेजिमेंट ने ले. कर्नल पद पर कई दिन और रात एक करके कड़ी मेहनत और कुशलता से अपनी टुकड़ी को दुश्मन क्षेत्र में अंदर तक पहुंचाया.
छाछरो और विरवाह के दुश्मन क्षेत्र पर अपनी कोशलता से भारी हमले करके उनके सैनिकों और हथियारों को बर्बाद कर भारी क्षति पहुंचाते हुए पीछे हटने पर मजबूर किया. इन्होंने अपने सैनिकों के साथ भारतीय सेना की सर्वोच्च परपराओं में व्यक्तिगत साहस, कुशल नेतृत्व के असाधारण गुणों और मातृभूमि के प्रति समर्पण को व्यक्त किया. 1971 भारत पाक युद्ध की शानदार जीत को इतिहास के पनों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है.
यह जीत हमारे बहादुर वीर योद्धाओं के अदम्य साहस ,समर्पण और सर्वोच्च बलिदान के कारण ही संभव हो पाया है. इस अवसर पर आर्मी कमांडर, दक्षिण पश्चिम कमान ने कहा कि वीरों ने सभी पदों को देश प्रेम और राष्ट्र सेवा के प्रति सदैव समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया. जिसे भारतीय सेना को गौरव और सम्मान के लिए हमेशा जाना जा सके. इस कार्यक्रम का समापन प्रेरणास्थल के केंद्रीय सेनोटोफ में भारत माता कि जय के जयघोष के साथ सम्मपन हुआ.
स्वर्णिम विजय वर्ष की यह विजय मशाल अगले पांच दिनों तक राजस्थान में परिक्रमा करेगी. जिसमें 1971 के भारत पाक युद्ध के शूरवीरों और उनके परिवारजनों को सम्मानित किया जाएगा.