जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इसी बीच केंद्र सरकार की ओर से वन्दे भारत मिशन चलाकर विदेशों में फंसे प्रवासियों को वापस राजस्थान लाया जा रहा है. जिसके तहत सोमवार को आबूधाबी से एक फ्लाइट जयपुर पहुंची. फ्लाइट के अंतर्गत 1 बच्चे सहित 173 प्रवासी राजस्थानी जयपुर आए.
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. इसके साथ वहां मौजूद चिकित्सकों की टीम ने सभी 173 लोगों का मेडिकल चेकअप किया. वहीं इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थान में लाने के लिए वंदे भारत मिशन का तीसरा चरण चल रहा है. जिसमें 29 जून तक जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट आएंगी और उसमें प्रवासी राजस्थानियों को वापस राजस्थान लाया जाएगा.
एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों कि एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है.
एयरपोर्ट किया गया सैनिटाइज
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को देना पड़ेगा. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है. जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया गया है. इसके साथ ही जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर चाय और पानी की निःशुल्क व्यवस्था की गई है.
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यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.