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राजस्थान दिवस पर प्रदेश की जेलों से 1349 कैदी रिहा, बैंड बाजे के साथ किया गया विदा

राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश भर की सभी जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को रिहा किया गया है. राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों से 1,349 कैदियों को समय से पहले रिहा किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 27 मार्च को जेल महकमे की समीक्षा बैठक के दौरान राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों में बंद सदाचारण वाले कैदियों को छोड़ने की घोषणा की थी.

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राजस्थान दिवस पर प्रदेश की जेलों से 1349 कैदी रिहा
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Published : Mar 30, 2021, 10:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान दिवस पर प्रदेश भर की सभी जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों से 1,349 कैदियों को समय से पहले रिहा किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 27 मार्च को जेल महकमे की समीक्षा बैठक के दौरान राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों में बंद सदाचारण वाले कैदियों को छोड़ने की घोषणा की थी.

राजस्थान दिवस पर प्रदेश की जेलों से 1349 कैदी रिहा

जयपुर मंडल की जेलों से 516 कैदियों को रिहा किया गया है. वहीं जयपुर सेंट्रल जेल से एक महिला समेत 39 कैदियों को रिहा किया गया है. इनमें ज्यादातर स्थाई पैरोल पर चल रहे थे. इसके अलावा 70 वर्ष के पुरुष बंदी और 65 वर्ष की महिला बंदी को भी रिहा किया गया है. कैदियों की रिहाई के बाद अब इनके वारंट वापस कोर्ट को लौटा दिए जाएंगे.

जयपुर में कैदियों को रिहाई पर बैंड बाजे के साथ समारोह पूर्वक विदा किया गया. कैदियों के लिए अवसर बारात से कम नहीं था क्योंकि बैंड बाजे के साथ जेल के गेट से ही विदाई करते हुए बाहर तक लाया गया. कैदियों को अब बाकी जीवन सजा के रूप में नहीं काटकर अपने परिवार के साथ काटने का मौका मिलेगा.

जयपुर सेंट्रल जेल से कैदियों को बैंड बाजे के साथ डीजी जेल के कार्यालय तक लाया गया. जहां पर डीजी जेल राजीव दासोत ने बंदियों का स्वागत किया. जेल के नवनिर्मित गेट का भी कैदी की ओर से फीता काटकर उद्घाटन करवाया गया. इस मौके पर रिहा होने वाले कैदियों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली. कैदियों को जेल अधिकारियों की ओर से मिठाई खिलाकर विदा किया गया.

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 28 मार्च को गृह विभाग ने रिहा किए जाने वाले कैदियों की श्रेणी निर्धारित करते हुए रिहाई के आदेश जारी किए. गृह विभाग की ओर से तय किए गए मापदंडों पर खरे उतरे 1349 कैदियों को रिहा दे दी गई है. हालांकि बलात्कार, पोक्सो एक्ट, मादक पदार्थ, रिश्वत, नकली नोट, आर्म्स एक्ट, तेजाब हमले, मोब लिंचिंग समेत करीब 28 मामलों के अपराधियों को रिहा नहीं किया गया है.

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि समय से पूर्व रिहाई किए गए कैदियों में ऐसे बंदी है जिन्होंने 14 वर्ष की वास्तविक सजा काट ली है और अच्छे व्यवहार के कारण ढाई वर्ष का परिहार (रेमीशन) भी अर्जित किया है. ऐसे बंदी जो 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं और एक तिहाई सजा भी काट चुके हैं. इनमें कुछ ऐसे बंदी भी है जो आजीवन कारावास से कम सजा से दंडित है और दो तिहाई सजा काट चुके हैं. इसके साथ ही उनका आचरण भी अच्छा है.

पढ़ें- SPECIAL : ग्रामीण अंचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा 'बापू का चरखा'...फैशन बन रही खादी

उन्होंने बताया कि 28 प्रकार के गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदियों को रिहा नहीं किया गया है. जिनमें बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब डालने से संबंधित अपराध, आर्म्स एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीएस एक्ट, विस्फोटक पदार्थ, अधिनियम गोवंश अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसी श्रेणियों के बंदियों को इस योजना के तहत रिहा नहीं किया गया है. जेलों से रिहा हुए कैदियों को भावपूर्ण विदाई दी गई है.

उन्होंने बताया कि जयपुर केंद्रीय कारागृह और जिला कारागृह से रिहा हुए कैदियों को बैंड बाजे के साथ विदा किया गया. कैदी के हाथ से ही महानिदेशालय के नवनिर्मित बाहरी प्रवेश द्वार का उद्घाटन करवाया गया. कैदियों ने फीता काटकर प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया. डीजी जेल राजीव दासोत ने कैदियों को उनके भावी जीवन की शुभकामनाएं देते हुए पुनः अपराध जगत की ओर अग्रसर नहीं होने की सलाह दी है.

जयपुर. राजस्थान दिवस पर प्रदेश भर की सभी जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों से 1,349 कैदियों को समय से पहले रिहा किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 27 मार्च को जेल महकमे की समीक्षा बैठक के दौरान राजस्थान दिवस के मौके पर प्रदेश की जेलों में बंद सदाचारण वाले कैदियों को छोड़ने की घोषणा की थी.

राजस्थान दिवस पर प्रदेश की जेलों से 1349 कैदी रिहा

जयपुर मंडल की जेलों से 516 कैदियों को रिहा किया गया है. वहीं जयपुर सेंट्रल जेल से एक महिला समेत 39 कैदियों को रिहा किया गया है. इनमें ज्यादातर स्थाई पैरोल पर चल रहे थे. इसके अलावा 70 वर्ष के पुरुष बंदी और 65 वर्ष की महिला बंदी को भी रिहा किया गया है. कैदियों की रिहाई के बाद अब इनके वारंट वापस कोर्ट को लौटा दिए जाएंगे.

जयपुर में कैदियों को रिहाई पर बैंड बाजे के साथ समारोह पूर्वक विदा किया गया. कैदियों के लिए अवसर बारात से कम नहीं था क्योंकि बैंड बाजे के साथ जेल के गेट से ही विदाई करते हुए बाहर तक लाया गया. कैदियों को अब बाकी जीवन सजा के रूप में नहीं काटकर अपने परिवार के साथ काटने का मौका मिलेगा.

जयपुर सेंट्रल जेल से कैदियों को बैंड बाजे के साथ डीजी जेल के कार्यालय तक लाया गया. जहां पर डीजी जेल राजीव दासोत ने बंदियों का स्वागत किया. जेल के नवनिर्मित गेट का भी कैदी की ओर से फीता काटकर उद्घाटन करवाया गया. इस मौके पर रिहा होने वाले कैदियों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली. कैदियों को जेल अधिकारियों की ओर से मिठाई खिलाकर विदा किया गया.

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 28 मार्च को गृह विभाग ने रिहा किए जाने वाले कैदियों की श्रेणी निर्धारित करते हुए रिहाई के आदेश जारी किए. गृह विभाग की ओर से तय किए गए मापदंडों पर खरे उतरे 1349 कैदियों को रिहा दे दी गई है. हालांकि बलात्कार, पोक्सो एक्ट, मादक पदार्थ, रिश्वत, नकली नोट, आर्म्स एक्ट, तेजाब हमले, मोब लिंचिंग समेत करीब 28 मामलों के अपराधियों को रिहा नहीं किया गया है.

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि समय से पूर्व रिहाई किए गए कैदियों में ऐसे बंदी है जिन्होंने 14 वर्ष की वास्तविक सजा काट ली है और अच्छे व्यवहार के कारण ढाई वर्ष का परिहार (रेमीशन) भी अर्जित किया है. ऐसे बंदी जो 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं और एक तिहाई सजा भी काट चुके हैं. इनमें कुछ ऐसे बंदी भी है जो आजीवन कारावास से कम सजा से दंडित है और दो तिहाई सजा काट चुके हैं. इसके साथ ही उनका आचरण भी अच्छा है.

पढ़ें- SPECIAL : ग्रामीण अंचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा 'बापू का चरखा'...फैशन बन रही खादी

उन्होंने बताया कि 28 प्रकार के गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदियों को रिहा नहीं किया गया है. जिनमें बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब डालने से संबंधित अपराध, आर्म्स एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीएस एक्ट, विस्फोटक पदार्थ, अधिनियम गोवंश अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसी श्रेणियों के बंदियों को इस योजना के तहत रिहा नहीं किया गया है. जेलों से रिहा हुए कैदियों को भावपूर्ण विदाई दी गई है.

उन्होंने बताया कि जयपुर केंद्रीय कारागृह और जिला कारागृह से रिहा हुए कैदियों को बैंड बाजे के साथ विदा किया गया. कैदी के हाथ से ही महानिदेशालय के नवनिर्मित बाहरी प्रवेश द्वार का उद्घाटन करवाया गया. कैदियों ने फीता काटकर प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया. डीजी जेल राजीव दासोत ने कैदियों को उनके भावी जीवन की शुभकामनाएं देते हुए पुनः अपराध जगत की ओर अग्रसर नहीं होने की सलाह दी है.

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