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राजस्थान के 11,344 पंचायतों में तालाबंदी, मांगें नहीं माने जाने पर 30 जनवरी को धरना की चेतावनी - Rajasthan News

राजस्थान की 11,344 पंचायतों में गुरुवार को तालाबंदी की गई. सरपंचों ने गहलोत सरकार से मांग की है कि पैसा पीडी खातों में आने की जगह पहले की तरह पंचायतों के खाते में ही मिले. सरपंचों ने मांगें नहीं जाने पर 30 जनवरी को जयपुर में धरना की चेतावनी दी है.

Lockout in Panchayats of Rajasthan,  Jaipur News
11,344 पंचायतों में तालाबंदी
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Published : Jan 21, 2021, 5:30 PM IST

जयपुर. स्टेट फाइनेंस कमिशन का पैसा अब सीधा पंचायतों के खातों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. अब वित्त विभाग के पीडी खातों के जरिए पंचायतों को पैसे लेने के आदेश का भारी विरोध हो रहा है. इस विरोध के कारण गुरुवार को प्रदेश के सभी 11,344 पंचायतों की तालाबंदी की गई. प्रदेश के सभी सरपंचों ने सरकार के इस आदेश का सामूहिक रूप से विरोध किया.

11,344 पंचायतों में तालाबंदी

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष भंवरलाल जानू ने बताया कि इस मामले में सरपंचों ने अपना विरोध जताते हुए सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद सभी 25 सांसदों को ज्ञापन दिया गया और फिर 200 विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया. इस मामले को लेकर वित्त सचिव अखिल अरोड़ा से बातचीत की गई, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.

पढ़ें- डूंगरपुर: पंचायत भवनों पर तालेबंदी कर सरपंचों ने किया प्रदर्शन, वित्तीय अधिकार छीनने का विरोध

भंवरलाल जानू ने बताया कि वित्त सचिव ने उन्हें कहा कि पीडी अकाउंट ऐसे ही रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा इसमें कुछ सरलीकरण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें नहीं लगता है कि इसमें सरलीकरण की कोई गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि अगर एक बार पीडी अकाउंट खुल गया तो हमारा कोई भी सरपंच उसको ऑपरेट नहीं कर पाएगा.

जानू ने कहा कि गांव में नेट नहीं है, ट्रेंड अकाउंटेंट नहीं है और स्टाफ भी नहीं है. इसमें पैसे मिलने में देरी होती है. उन्होंने कहा कि पहले सेंट्रल से आए पैसों को भी पीडी अकाउंट में डाल दिया और वह आज तक पंचायतों को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि फाइनेंस कमीशन की पिछले साल की 2 किस्तें भी पीडी अकाउंट में डाल दी गई और उसमें मिलने वाले 3000 करोड़ रुपए अभी बाकी हैं.

भंवरलाल जानू ने आशंका जताई कि सरकार फाइनेंशियल क्राइसिस का नाम लेकर कभी भी खाते सीज कर सकती है. ऐसे में सरपंच आक्रोशित है. 11,344 पंचायतों में गुरुवार को तालाबंदी की गई है और शुक्रवार से पंचायत के सभी काम बंद कर देंगे. अगर मांगें नहीं मानी गई तो नरेगा में मस्टरोल जीरो कर दिया जाएगा.

पढ़ें- जोधपुरः लूणी में राज्य सरकार ने सरपंचों का वित्तीय अधिकार छीना, सरपंच ने पंचायत मुख्यालय पर जड़ा ताला

सरकार की ओर से किए गए सभी कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा और 30 जनवरी को सभी सरपंच जयपुर में धरना देंगे. सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से आग्रह किया कि पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही पैसा दिया जाए जिससे विकास काम बाधित नहीं हो.

बंध गए हैं सरपंचों के हाथ

दरअसल, सरपंचों का जबरदस्त विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इस निर्णय के बाद सरपंचों से वित्तीय अधिकार छीन जाएंगे. सरपंचों को पंचायतों के विकास कार्यों के लिए पैसा खर्च करने का अधिकार नहीं होगा. इस निर्णय के बाद पंचायतों के पैसों का हिसाब-किताब वित्त विभाग के पास होगा. वित्त विभाग सभी पंचायतों का पीडी अकाउंट खोल रहा है. सरपंच को इन्हीं अकाउंट से पैसा विकास कार्यों के लिए दिया जाएगा, जिससे कि सरपंचों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

पहले राशि पंचायत के अकाउंट में होती थी ट्रांसफर

पहले प्रत्येक पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरकार स्टेट फाइनेंस कमिशन से सीधा पंचायतों के खातों में पैसा ट्रांसफर करती थी. यह राशि साल में दो किस्तों के रूप में पंचायतों के खातों में दी जाती थी. छोटी ओर मध्यम पंचायतों में 10-10 लाख और बड़ी पंचायतों में 15-15 लाख रुपए की दो किस्तों में पैसा दिया जाता था.

पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरपंच पंचायत के बैंक अकाउंट से ही पैसा खर्च करते थे, जिनकी पहले ब्याज की राशि भी मिल जाया करती थी. लेकिन नई व्यवस्था के अनुसार अब पंचायतों का पैसे पर कोई कंट्रोल नहीं होगा. सरकार ने हर पंचायत के लिए पीडी अकाउंट खोल दिए हैं जो वित्त विभाग के कंट्रोल में रहेंगे. सरपंचों को भी अब पंचायत के विकास कार्यों के लिए वित्त विभाग से पैसा लेना होगा.

जयपुर. स्टेट फाइनेंस कमिशन का पैसा अब सीधा पंचायतों के खातों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. अब वित्त विभाग के पीडी खातों के जरिए पंचायतों को पैसे लेने के आदेश का भारी विरोध हो रहा है. इस विरोध के कारण गुरुवार को प्रदेश के सभी 11,344 पंचायतों की तालाबंदी की गई. प्रदेश के सभी सरपंचों ने सरकार के इस आदेश का सामूहिक रूप से विरोध किया.

11,344 पंचायतों में तालाबंदी

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष भंवरलाल जानू ने बताया कि इस मामले में सरपंचों ने अपना विरोध जताते हुए सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद सभी 25 सांसदों को ज्ञापन दिया गया और फिर 200 विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया. इस मामले को लेकर वित्त सचिव अखिल अरोड़ा से बातचीत की गई, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.

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भंवरलाल जानू ने बताया कि वित्त सचिव ने उन्हें कहा कि पीडी अकाउंट ऐसे ही रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा इसमें कुछ सरलीकरण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें नहीं लगता है कि इसमें सरलीकरण की कोई गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि अगर एक बार पीडी अकाउंट खुल गया तो हमारा कोई भी सरपंच उसको ऑपरेट नहीं कर पाएगा.

जानू ने कहा कि गांव में नेट नहीं है, ट्रेंड अकाउंटेंट नहीं है और स्टाफ भी नहीं है. इसमें पैसे मिलने में देरी होती है. उन्होंने कहा कि पहले सेंट्रल से आए पैसों को भी पीडी अकाउंट में डाल दिया और वह आज तक पंचायतों को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि फाइनेंस कमीशन की पिछले साल की 2 किस्तें भी पीडी अकाउंट में डाल दी गई और उसमें मिलने वाले 3000 करोड़ रुपए अभी बाकी हैं.

भंवरलाल जानू ने आशंका जताई कि सरकार फाइनेंशियल क्राइसिस का नाम लेकर कभी भी खाते सीज कर सकती है. ऐसे में सरपंच आक्रोशित है. 11,344 पंचायतों में गुरुवार को तालाबंदी की गई है और शुक्रवार से पंचायत के सभी काम बंद कर देंगे. अगर मांगें नहीं मानी गई तो नरेगा में मस्टरोल जीरो कर दिया जाएगा.

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सरकार की ओर से किए गए सभी कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा और 30 जनवरी को सभी सरपंच जयपुर में धरना देंगे. सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से आग्रह किया कि पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही पैसा दिया जाए जिससे विकास काम बाधित नहीं हो.

बंध गए हैं सरपंचों के हाथ

दरअसल, सरपंचों का जबरदस्त विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इस निर्णय के बाद सरपंचों से वित्तीय अधिकार छीन जाएंगे. सरपंचों को पंचायतों के विकास कार्यों के लिए पैसा खर्च करने का अधिकार नहीं होगा. इस निर्णय के बाद पंचायतों के पैसों का हिसाब-किताब वित्त विभाग के पास होगा. वित्त विभाग सभी पंचायतों का पीडी अकाउंट खोल रहा है. सरपंच को इन्हीं अकाउंट से पैसा विकास कार्यों के लिए दिया जाएगा, जिससे कि सरपंचों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

पहले राशि पंचायत के अकाउंट में होती थी ट्रांसफर

पहले प्रत्येक पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरकार स्टेट फाइनेंस कमिशन से सीधा पंचायतों के खातों में पैसा ट्रांसफर करती थी. यह राशि साल में दो किस्तों के रूप में पंचायतों के खातों में दी जाती थी. छोटी ओर मध्यम पंचायतों में 10-10 लाख और बड़ी पंचायतों में 15-15 लाख रुपए की दो किस्तों में पैसा दिया जाता था.

पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरपंच पंचायत के बैंक अकाउंट से ही पैसा खर्च करते थे, जिनकी पहले ब्याज की राशि भी मिल जाया करती थी. लेकिन नई व्यवस्था के अनुसार अब पंचायतों का पैसे पर कोई कंट्रोल नहीं होगा. सरकार ने हर पंचायत के लिए पीडी अकाउंट खोल दिए हैं जो वित्त विभाग के कंट्रोल में रहेंगे. सरपंचों को भी अब पंचायत के विकास कार्यों के लिए वित्त विभाग से पैसा लेना होगा.

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