जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से लोगों की जिंदगी पर काफी प्रभाव पड़ा है. ऐसे में रोजमर्रा की जिंदगी में जहां लोगोंं के लिए ट्रांसपोर्टेशन एक अहम जरिया होता था, वहीं कोरोना काल में इसपर पूर्णविराम लग गया है.
हालांकि इन सबसे परे परिवहन विभाग के द्वारा लगातार ट्रांसपोर्टर्स को राहत दी गई है. वहीं अब ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा एक बार फिर राहत देने की मांग भी की गई है. प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन स्टेज कैरिज के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि हमारी बस ऑपरेटर की जो समस्या है वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में है. राज्य सरकार के द्वारा हमें 3 माह के टैक्स माफी और 3 माह के टैक्स में राहत दी थी.
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इसके साथ ही कहा गया था कि अभी सरकार द्वारा इस सहायता का उपयोग कीजिए. वहीं यदि बसों के संचालन में किसी तरह की कोई परेशानी आएगी तो सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी रहेगी. ऐसे में अब प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार से मांग भी कर रहा है. शर्मा ने कहा कि मार्च महीने से बस ऑपरेटर्स की बसें खड़ी हुई है और यात्री भार नहीं होने की वजह से सड़कों पर बसें नहीं चल पा रही है.
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वहीं प्राइवेट बस ऑपरेटर्स का कहना है कि यात्री भार नहीं होने की वजह से बसों को चलाना सड़कों पर मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को राहत देनी चाहिए. वहीं कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि हमने आरसी सरेंडर की भी बात कही, लेकिन विभाग के द्वारा आरसी सरेंडर भी नहीं की जा रही है. शर्मा ने कहा कि जो बसे यात्री भार के अभाव में चल नहीं पा रही है. उसका टैक्स बस ऑपरेटर नहीं दे पाएंगे.
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प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की मांग
- बिना शर्त आरसी सरेंडर
- स्टेट कैरिज बसों का 50 किलोमीटर का स्लैब बनाया जाए
- परमिट शर्तों के उल्लंघन का जुर्माना कम कर अवैध रूप से वसूला जा रहा 1 माह का अतिरिक्त कर हो बंद
- वाहन के सारे दस्तावेज आरसी परमिट फिटनेस पॉल्यूशन बीमा अवधि बढ़ाकर हो 1 साल
- पेट्रोल डीजल के दामों में कमी
- जिला परिवहन कार्यालय के फिटनेस सेंटर चालू हो दोबारा
- बस मालिक चालक और परिचालकों के लिए जारी हो आर्थिक पैकेज
- लोक परिवहन सेवा की बसों की मॉडल कंडीशन रोडवेज और ठेका गाड़ी स्लीपर बसों की हो सामान
- राष्ट्रीयकृत मार्गों को राष्ट्रीयकरण करने की परिवहन मंत्री की घोषणा को वापस लेकर निरस्त कर लोक परिवहन सेवा की बसों को अनुज्ञा पत्र रिनुअल करने की मांग
- राज्य सरकार कोरोना काल में बसों की मॉडल कंडीशन को बढ़ाकर करे 5 साल
- समस्त स्टेट कैरीज बसों का 1 वर्ष का टैक्स माफ