जयपुर. जमीन अवाप्ति के मसले पर सरकार की चुप्पी से अब नींदड़ के किसानों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. यही वजह है कि अब किसान जमीन समाधि सत्याग्रह के साथ-साथ आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दे रहे हैं.
शुक्रवार को जमीन समाधि सत्याग्रह के 14वें दिन 101 किसानों ने जमीन समाधि ली. इसमें 41 महिलाएं भी शामिल रहीं. किसानों का आरोप है कि उनके संघर्ष को 67 दिन बीत गए, लेकिन सरकार आंख मूंदकर सोई हुई है. नींदड़ संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेंद्र सिंह ने कहा कि, शुक्रवार शाम तक सरकार के फैसले का इंतजार रहेगा. अन्यथा शनिवार से 5 किसान आमरण अनशन पर जाएंगे और इसके बाद जयपुर जिले के किसानों की महापंचायत नींदड़ में बुलाई जाएगी. जहां फिर हजारों किसान जमीन समाधि में बैठेंगे. उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि किसान ना झुकेगा और ना रुकेगा, ऐसे में सरकार निर्णय करे नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहे.
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सत्याग्रह में शामिल किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की जमीन बचाने के बजाय अपनी सरकारों को बचाने में लगी है. उन्होंने राजस्थान सरकार के हाल भी मध्य प्रदेश सरकार जैसे ही होने की बात कही. वहीं, बुजुर्गों किसानों का कहा कि उन्होंने सुखाड़िया और हरदेव जोशी की सरकार भी देखी, लेकिन गहलोत सरकार जैसी निकम्मी सरकार नहीं देखी.
बहरहाल, जनवरी से लेकर अब तक नींदड़ के किसान दूसरी बार जमीन समाधि सत्याग्रह पर बैठे हैं और इस बार तो 14 दिन का समय बीत गया, लेकिन अब तक सरकार ने राज्य स्तर पर मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन कर किसानों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया.