जयपुर. प्रदेश के कई जिलों में कौओं की मौत का सिलसिला जारी है. राजधानी जयपुर में भी जल महल पर 10 कौवे मृत मिले हैं. साथ ही 5 कौवे बीमार अवस्था में मिले हैं. कौओं की मौत को लेकर बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही है.
सूचना पर वन विभाग और पशुपालन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे. पशुपालन विभाग के कर्मचारियों ने मृत कौओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए हैं. हालांकि, जांच के बाद ही बर्ड फ्लू की पुष्टि होगी. बर्ड फ्लू की आशंका से जयपुर में दस्तक होने से विभाग के अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए. एनजीओ कर्मियों और पशुपालन कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनकर मृत कौओं को अपने कब्जे में लिया है. बीमार कौओं का जल महल के पास वन विभाग की चौकी पर इलाज किया जा रहा है. जल महल पर बर्ड फ्लू की सूचना से आसपास के लोगों में भी डर का माहौल बना हुआ है.
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पशु चिकित्सकों की टीम को का इलाज कर रही है. इसके साथ ही जल महल और आमेर में सागर बांध के आसपास भी वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें लगातार सर्वे कर रही है. जिससे अन्य जगहों पर भी इस तरह की अगर कोई मामले मिलते है तो तुरंत इलाज शुरू किया जा सके. जल महल झील पर इन दिनों काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. बर्ड फ्लू की दस्तक से प्रवासी पक्षियों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.
पहली बार झालावाड़ में हुई थी कौओं की मौत
कोरोना महामारी से जूझ रहे राजस्थान में अब बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग ने सभी संभागों में रिस्पांस टीमें भेजने के साथ ही अलर्ट जारी कर दिया है. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौओं के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मरने के कारणों को जांचने के लिए भोपाल लेब में सैंपल भेजे गए, जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद प्रदेश में लगातार कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.
मामले को लेकर पशुपालन निदेशालय में विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा और सचिव आरुषि मलिक ने अधिकारियों की बैठक ली और बर्ड फ्लू रोकने के तमाम इंतजाम करते हुए रोकने के निर्देश दिए. अब तक झालावाड़ में 100, कोटा में 47, बारां में 72, पाली में 19, जोधपुर में 7 और जयपुर के जलमहल पर 10 सहित प्रदेश भर में 245 कौओं की मौत हो चुकी है. जब भी कोई पक्षी मरता है तो उसको गड्ढा खोदकर दफनाया जाता है, जिससे संक्रमण ना फैल सके. पशु निदेशालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया हैं.