बीकानेर. पिछले 2 महीने से लगातार पेयजल की किल्लत देखने को मिल रही है. सोमवार रात को हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़ा गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि पानी को बीकानेर तक पहुंचने के लिए करीब तीन दिन लगेंगे. ऐसे में पेयजल को लेकर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पेयजल की किल्लतों (Water Crisis in Bikaner) का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन ने निजी टैंकरों को अधिग्रहित कर लिया है और अपने स्तर पर पेयजल की सप्लाई कर रही है.
नलकूपों के माध्यम से पानी को सप्लाई: स्थानीय स्तर पर पार्षद भी अपने क्षेत्र में पेयजल की किल्लतों को दूर करने के लिए मशक्कत करते नजर आ रहे हैं. बता दें कि निजी नलकूपों के माध्यम से पानी का सप्लाई किया जा रहा है. पेयजल टैंकरों के साथ ही शहर की सकरी गलियों में पेयजल को सप्लाई के लिए प्रशासन ने छोटी गाड़ियों में प्लास्टिक की टंकियां रखी है. जिला प्रशासन ने जोनवार के प्रशासनिक अधिकारी और जलदाय विभाग के अधिकारियों को समस्या के समाधान के लिए नियुक्त किया है.
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स्थानीय जनप्रतिनिधि पर आक्रोश: पेयजल की किल्लत से परेशान लोग अब निजी नलकूपों पर भरे जाने वाले टैंकरों के स्थान पर पहुंच कर अपने स्थानीय जनप्रतिनिधि का विरोध कर (residents are opposing public representative for water scarcity in BIkaner) रहे हैं. भाजपा पार्षद वीरेंद्र करल कहते हैं कि प्रशासन की ओर से जिन अधिकारियों को लगाया गया है, वह नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से जलदाय विभाग की ओर से सप्लाई किए जाने वाले टैंकरों के माध्यम से पेयजल की सप्लाई के लिए मशक्कत कर रहे हैं.
जलदाय विभाग के अधिकारियों के मिस मैनेजमेंट: कांग्रेस पार्षद शिवशंकर बिस्सा ने भी जलदाय विभाग के अधिकारियों के मिस मैनेजमेंट की बात करते हुए कहा कि लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. उधर जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले बीकानेर में 72 घंटे में पेयजल की सप्लाई हो रही थी, लेकिन अभी एक दिन छोड़कर सप्लाई की ज रही है. उन्होंने कहा कि निजी टैंकरों के माध्यम से पेयजल की किल्लत वाले स्थानों पर पेयजल की आपूर्ति कराने का प्रयास किया (Water department Rajasthan) जा रहा है.