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देशभर के कृषि संस्थानों की रैंकिंग में 29वें पायदान पर पहुंचा स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय

बीकानेर के स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने इस साल आईसीआर की ओर से जारी रैंकिंग में 28 स्थानों की छलांग लगाते हुए 29वां स्थान हासिल किया है. विश्वविद्यालय को पिछले वर्ष रैंकिंग में 57वां स्थान मिला था.

Swami Kesavanand Rajasthan Agricultural University,  Rajasthan News
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय
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Published : Dec 4, 2020, 10:43 PM IST

बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने देश भर के कृषि संस्थानों की वार्षिक रैंकिंग में 29वां स्थान हासिल किया है. पिछले वर्ष विश्वविद्यालय 57वीं रैंकिंग पर था. इस प्रकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से इस वर्ष की रैंकिंग में एसकेआरएयू ने रैंकिंग में 28 स्थानों की बड़ी छलांग लगाई है.

इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने कहा कि रैंकिंग सुधार उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी. सतत एवं सामूहिक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हो पाई है. उन्होंने बताया कि देशभर के 75 कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों द्वारा वर्ष भर किए गए कार्यों के आधार पर यह रैंकिंग तय की गई है.

पढ़ें- हमारे प्रयासों से प्रदेश में उच्च शिक्षा का बेहतरीन वातावरण बना: CM गहलोत

इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से आईसीएआर के निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया गया. इसमें विश्वविद्यालय की ओर से विकसित तकनीकियों, फसलों, आधारभूत सुविधाओं में वृद्धि, जेआरएफ, एसआरएफ और विद्यार्थियों की अन्य महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों, शोध पत्रों, किसानों से संबंधित गतिविधियों जैसे बिंदु सम्मिलित थे. उन्होंने बताया कि रैंकिंग सुधार के लिए माइक्रो लेवल पर प्लानिंग की गई और प्रत्येक रैंकिंग बिंदु पर विशेष ध्यान दिया गया.

प्रदेश में रही यह स्थिति...

आईसीएआर की ओर से जारी रैंकिंग में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को देश भर में 29वां स्थान मिला है. इस सूची में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय 39वें, श्रीकर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर 42वें और कृषि विश्वविद्यालय कोटा 49वें पायदान पर है. कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को रैंकिंग नहीं मिली है. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की 21वीं रैंक है. इस प्रकार एसकेआरएयू ने प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान हासिल किया है.

कोरोना काल में रही विशेष योजना...

कुलपति ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से शोध, प्रसार एवं शैक्षणिक गतिविधियों की गति बरकरार रखी गई. इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई. ऑनलाइन शिक्षण, किसानों एवं विद्यार्थियों से ई-संवाद, प्रदेश के पहले दीक्षांत समारोह एवं 40 से अधिक वेबिनार का आयोजन, स्तरीय संस्थानों के साथ एमओयू तथा सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग के प्रयास किए गए.

पढ़ें- गुणवत्तापूर्ण विधि शिक्षा वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता : राज्यपाल कलराज मिश्र

इन सभी गतिविधियों की प्रभावी माॅनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई. इसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल हो पाई है. उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में और अधिक इजाफा हुआ है. अगले वर्ष की रैंकिंग में विश्वविद्यालय पहले दस स्थानों में आए, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है.

देशभर के कुलपतियों की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस

स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की दो दिवसीय वार्षिक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन शुक्रवार को इसमें भागीदारी निभाई. कुलपति ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दौरान आईसीएआर के महानिदेशक डाॅ. टी. महापात्रा, उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डाॅ. आर. सी. अग्रवाल, भारतीय कृषि विश्वविद्यालय एसोशिएसन के अध्यक्ष डाॅ. बलदेव सिंह, अतिरिक्त सचिव संजय कुमार सिंह एवं जी. श्रीनिवास ने अपनी बात रखी.

कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर विशेष फोकस रहा. देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से शिक्षा, प्रसार एवं अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में और अधिक गति लाने के निर्देश दिए गए, जिससे किसानों और कृषि विद्यार्थियों को लाभ हो सके.

बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने देश भर के कृषि संस्थानों की वार्षिक रैंकिंग में 29वां स्थान हासिल किया है. पिछले वर्ष विश्वविद्यालय 57वीं रैंकिंग पर था. इस प्रकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से इस वर्ष की रैंकिंग में एसकेआरएयू ने रैंकिंग में 28 स्थानों की बड़ी छलांग लगाई है.

इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने कहा कि रैंकिंग सुधार उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी. सतत एवं सामूहिक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हो पाई है. उन्होंने बताया कि देशभर के 75 कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों द्वारा वर्ष भर किए गए कार्यों के आधार पर यह रैंकिंग तय की गई है.

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इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से आईसीएआर के निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया गया. इसमें विश्वविद्यालय की ओर से विकसित तकनीकियों, फसलों, आधारभूत सुविधाओं में वृद्धि, जेआरएफ, एसआरएफ और विद्यार्थियों की अन्य महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों, शोध पत्रों, किसानों से संबंधित गतिविधियों जैसे बिंदु सम्मिलित थे. उन्होंने बताया कि रैंकिंग सुधार के लिए माइक्रो लेवल पर प्लानिंग की गई और प्रत्येक रैंकिंग बिंदु पर विशेष ध्यान दिया गया.

प्रदेश में रही यह स्थिति...

आईसीएआर की ओर से जारी रैंकिंग में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को देश भर में 29वां स्थान मिला है. इस सूची में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय 39वें, श्रीकर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर 42वें और कृषि विश्वविद्यालय कोटा 49वें पायदान पर है. कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को रैंकिंग नहीं मिली है. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की 21वीं रैंक है. इस प्रकार एसकेआरएयू ने प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान हासिल किया है.

कोरोना काल में रही विशेष योजना...

कुलपति ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से शोध, प्रसार एवं शैक्षणिक गतिविधियों की गति बरकरार रखी गई. इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई. ऑनलाइन शिक्षण, किसानों एवं विद्यार्थियों से ई-संवाद, प्रदेश के पहले दीक्षांत समारोह एवं 40 से अधिक वेबिनार का आयोजन, स्तरीय संस्थानों के साथ एमओयू तथा सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग के प्रयास किए गए.

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इन सभी गतिविधियों की प्रभावी माॅनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई. इसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल हो पाई है. उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में और अधिक इजाफा हुआ है. अगले वर्ष की रैंकिंग में विश्वविद्यालय पहले दस स्थानों में आए, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है.

देशभर के कुलपतियों की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस

स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की दो दिवसीय वार्षिक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन शुक्रवार को इसमें भागीदारी निभाई. कुलपति ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दौरान आईसीएआर के महानिदेशक डाॅ. टी. महापात्रा, उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डाॅ. आर. सी. अग्रवाल, भारतीय कृषि विश्वविद्यालय एसोशिएसन के अध्यक्ष डाॅ. बलदेव सिंह, अतिरिक्त सचिव संजय कुमार सिंह एवं जी. श्रीनिवास ने अपनी बात रखी.

कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर विशेष फोकस रहा. देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से शिक्षा, प्रसार एवं अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में और अधिक गति लाने के निर्देश दिए गए, जिससे किसानों और कृषि विद्यार्थियों को लाभ हो सके.

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