ETV Bharat / city

Exclusive: एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन, बोली- महिलाओं को आगे बढ़ने की जरूरत

author img

By

Published : Mar 8, 2021, 3:09 PM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी को लेकर एक नवाचार देखने को मिला. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह की पहल पर कुलपति पदक प्राप्त करने वाली छात्रा सुमन को 1 दिन का माननीय कुलपति बनाने की घोषणा की गई और माननीय कुलपति के रूप में काम करने का मौका दिया.

Maharaja Ganga Singh University bikaner, bikaner latest hindi news
एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन...

बीकानेर. आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, यानी महिलाओं का दिन. इस मौके पर बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी को लेकर एक नवाचार देखने को मिला. दरअसल, विश्वविद्यालय की ओर से दीक्षांत समारोह के दौरान सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को कुलपति पदक प्रदान किया जाता है. वर्ष 2018 में सामाजिक ज्ञान संकाय में मनोविज्ञान विषय की छात्रा सुमन ने टॉप किया था और उसे कुलपति पदक प्रदान किया गया था. लेकिन, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह की पहल पर कुलपति पदक प्राप्त करने वाली छात्रा को 1 दिन का माननीय कुलपति बनाने की घोषणा की गई और सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सुमन को विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति के रूप में काम करने का मौका दिया गया.

महिला दिवस पर एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन...

कुलपति की कुर्सी पर बैठी...

इस दौरान सुमन के लिए वे सारे प्रोटोकॉल फॉलो किए गए, जो कुलपति के लिए किए जाते हैं. सुमन विश्वविद्यालय के अतिथि गृह से कुलपति सचिवालय तक कुलपति की गाड़ी में पहुंची. मानव कुलपति सुमन न सिर्फ कुलपति की कुर्सी पर बैठी, बल्कि विश्वविद्यालय की स्टाफ से परिचय प्राप्त किया और कार्यालयों का निरीक्षण भी किया. इस दौरान ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सुमन ने बताया कि वह गांव से आती है और ग्रामीण पृष्ठभूमि की होने के बावजूद भी शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है. सुमन ने बताया कि वह विवाहित है और एक बच्चे की मां है. लेकिन, अपने बच्चे को पालने के साथ ही लगातार पढ़ाई जारी रखी. यही कारण रहा कि विश्वविद्यालय की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. एक दिन की मानद कुलपति के रूप में मिली जिम्मेदारी को निभाने के लिए सुमन अपने पति और बच्चे के साथ विश्वविद्यालय पहुंची.

महिला दिवस पर एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन...

पढ़ें: Right to Choice के तहत अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं लड़का-लड़की, पुलिस को FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं: लता सिंह

महिलाओं को आगे आना चाहिए...

इस दौरान सुमन ने कहा कि महिलाओं को आगे आना चाहिए और महिलाएं तभी सक्षम बन सकती है, जब वे शिक्षित बने. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कुलपति पदक पूर्व में ही विश्वविद्यालय ने देना शुरू कर दिए थे, लेकिन मानद कुलपति का नवाचार एक घटना के कारण हुआ. उन्होंने बताया कि एक दिन विश्वविद्यालय में किसी कामकाज को लेकर एक छात्रा उनसे मिलने आई थी और तब उस छात्रा ने कहा था कि सर में भी एक दिन इस कुर्सी पर बैठना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि जब सुमन को कुलपति पदक प्रदान किया गया, उसी दिन जेहन में उस लड़की की बात आ गई. आज तभी इस बात की घोषणा की कि एक दिन के लिए मानद कुलपति सुमन को बनाना है. इस दौरान कुलपति विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अगर सुमन आज मानद कुलपति के रूप में कोई सुझाव देती है, तो उसे लागू किया जाएगा.

बीकानेर. आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, यानी महिलाओं का दिन. इस मौके पर बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी को लेकर एक नवाचार देखने को मिला. दरअसल, विश्वविद्यालय की ओर से दीक्षांत समारोह के दौरान सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को कुलपति पदक प्रदान किया जाता है. वर्ष 2018 में सामाजिक ज्ञान संकाय में मनोविज्ञान विषय की छात्रा सुमन ने टॉप किया था और उसे कुलपति पदक प्रदान किया गया था. लेकिन, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह की पहल पर कुलपति पदक प्राप्त करने वाली छात्रा को 1 दिन का माननीय कुलपति बनाने की घोषणा की गई और सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सुमन को विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति के रूप में काम करने का मौका दिया गया.

महिला दिवस पर एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन...

कुलपति की कुर्सी पर बैठी...

इस दौरान सुमन के लिए वे सारे प्रोटोकॉल फॉलो किए गए, जो कुलपति के लिए किए जाते हैं. सुमन विश्वविद्यालय के अतिथि गृह से कुलपति सचिवालय तक कुलपति की गाड़ी में पहुंची. मानव कुलपति सुमन न सिर्फ कुलपति की कुर्सी पर बैठी, बल्कि विश्वविद्यालय की स्टाफ से परिचय प्राप्त किया और कार्यालयों का निरीक्षण भी किया. इस दौरान ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सुमन ने बताया कि वह गांव से आती है और ग्रामीण पृष्ठभूमि की होने के बावजूद भी शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है. सुमन ने बताया कि वह विवाहित है और एक बच्चे की मां है. लेकिन, अपने बच्चे को पालने के साथ ही लगातार पढ़ाई जारी रखी. यही कारण रहा कि विश्वविद्यालय की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. एक दिन की मानद कुलपति के रूप में मिली जिम्मेदारी को निभाने के लिए सुमन अपने पति और बच्चे के साथ विश्वविद्यालय पहुंची.

महिला दिवस पर एक दिन की मानद कुलपति बनीं सुमन...

पढ़ें: Right to Choice के तहत अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं लड़का-लड़की, पुलिस को FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं: लता सिंह

महिलाओं को आगे आना चाहिए...

इस दौरान सुमन ने कहा कि महिलाओं को आगे आना चाहिए और महिलाएं तभी सक्षम बन सकती है, जब वे शिक्षित बने. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कुलपति पदक पूर्व में ही विश्वविद्यालय ने देना शुरू कर दिए थे, लेकिन मानद कुलपति का नवाचार एक घटना के कारण हुआ. उन्होंने बताया कि एक दिन विश्वविद्यालय में किसी कामकाज को लेकर एक छात्रा उनसे मिलने आई थी और तब उस छात्रा ने कहा था कि सर में भी एक दिन इस कुर्सी पर बैठना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि जब सुमन को कुलपति पदक प्रदान किया गया, उसी दिन जेहन में उस लड़की की बात आ गई. आज तभी इस बात की घोषणा की कि एक दिन के लिए मानद कुलपति सुमन को बनाना है. इस दौरान कुलपति विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अगर सुमन आज मानद कुलपति के रूप में कोई सुझाव देती है, तो उसे लागू किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.