बीकानेर. रेमेडीसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में शिकायतों के आधार पर दर्ज रिपोर्ट के बात बीकानेर में एसओजी ने कैंप करते हुए जांच शुरू कर दी है. मंगलवार को ड्रग डीलरों से पूछताछ की. एसओजी की लंबी पूछताछ के चलते सभी ड्रग डीलरों से आने वाले तीन-चार दिन में पूछताछ पूरी हो पाएगी. ऐसे में अगले कई दिन तक एसओजी टीम बीकानेर में ही कैम्प करेगी.
मंगलवार को एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के नेतृत्व में सर्किट हाउस में एसओजी की टीम ने ड्रग डीलरों से पूछताछ की. इस दौरान उनसे दस्तावेज भी लिए. एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने बताया, 1 अप्रैल से 3 मई तक कुल 33 दिनों में बीकानेर में 1400 रेमेडिसिवर मेडिसिन इंजेक्शन आए थे. लेकिन ड्रग कंट्रोलर के पास दिए गए दस्तावेजों में केवल 890 का ही रिकॉर्ड मिल पाया है और 510 इंजेक्शन की कालाबाजारी नजर आ रही है.
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उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले ड्रग डीलरों से पूरी जानकारी और पूछताछ की जाएगी और उसके बाद निजी चिकित्सालय और निजी चिकित्सकों से पूछताछ की जाएगी. मित्तल ने बताया, बीकानेर में निजी अस्पताल कोविड डेडिकेटेड हैं, जहां रेमेडेसिविर की सप्लाई की गई थी. इसके अलावा राजस्थान के अन्य जिलों और पश्चिम बंगाल के कोलकाता और हरियाणा में भी निजी अस्पताल को रेमेडेसिविर बीकानेर से सप्लाई किए गए हैं. उन्होंने बताया, बीकानेर से बाहर सभी निजी चिकित्सालयों को पत्र भेजकर जानकारी मंगाई गई है. उन्होंने बताया, बीकानेर में तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा निजी डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी और उनके नाम सूचीबद्ध किए गए हैं.
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गौरतलब है कि बीकानेर में सदर थाना पुलिस ने भी निजी अस्पतालों और लैब में कार्यरत चार लोगों को 4 रेमेडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था. उसके बाद एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है तो वहीं दूसरी और इस मामले में एसओजी ने भी जांच की है. वहीं सदर थाना पुलिस भी इस मामले में अलग से जांच कर रही है. एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि जिन लोगों को सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनकी हमारी जांच में कहीं भूमिका नजर आई तो उन लोगों को भी प्रोडक्शन वारंट लेकर पूछताछ की जाएगी.