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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा- शोध विश्वविद्यालय का दर्पण होता है

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. राज्यपाल कलराज मिश्र और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. कोरोना के चलते कार्यक्रम पूरी तरह से वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया.

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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ
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Published : Dec 26, 2020, 8:28 PM IST

बीकानेर. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. राज्यपाल कलराज मिश्र और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. कोरोना के चलते कार्यक्रम पूरी तरह से वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया.

कुलपति ने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा व शोध के क्षेत्र में राज्यपाल के मार्गदर्शन में प्रगति की ओर अग्रसर है. कुलपति ने पाठ्यक्रम अद्यतन, समयबद्ध परीक्षा आयोजन एवं परीक्षा परिणाम, गुणवत्तापूर्वक शोध कार्य एवं ढांचागत विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला.

पढे़ं:NDA से अलग हुए हनुमान बेनीवाल, कृषि कानूनों के विरोध में लिया फैसला

ओम बिरला ने कहा कि मानव समुदाय की महत्वपूर्ण आधारशिला समाज की संरचना को संतुलित, परिस्थिति एवं अपेक्षा के अनुरूप निर्मित करने में जिस उपक्रम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है वह शिक्षा है. शिक्षा के माध्यम से ही एक अबोध बालक उत्पादक, चिंतनशील एवं बौद्विक राष्ट्रीय निधि के रूप में उभरता है. शिक्षा एक व्यक्ति के विचारों का रूपांतरण कर उसे समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का पुनीत कार्य करती है. शिक्षक अपने आदर्श व्यवहार के माध्यम से एक बालक के शरीर, मन, बुद्वि एवं आत्मा का परिशोधन करते हुए उसे सौम्य, सुसंस्कृत एवं वैश्विक स्तर के अनुरूप बनाने में अहम भूमिका निभाता है.

उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की प्रगति उसके अध्यापकों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. यही कारण है कि अध्यापन को सर्वोत्तम सेवा की संज्ञा दी जाती है. शोध किसी भी विश्वविद्यालय का दर्पण होता है. गुणवत्तापूर्ण तथा उपादेयता युक्त शोध समाज को नई दिशा प्रदान करने के साथ समाज व राष्ट्र के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त करता है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे विश्वविद्यालय से अपेक्षा करते है कि समाज एवं राष्ट्र की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक एवं शोध कार्यों में निरन्तर प्रगति की ओर आगे बढ़े जिससे विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके तथा आगामी समय में 'नवीन शिक्षा नीति', 'लोकल फाॅर वोकल', 'आत्म निर्भरता', 'नवीन तकनीक' जैसे पहलुओं पर विश्वविद्यालय को कार्य योजना तैयार कर समाज एवं राष्ट्र हित में सहयोग प्रदान करें.

बीकानेर. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. राज्यपाल कलराज मिश्र और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. कोरोना के चलते कार्यक्रम पूरी तरह से वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया.

कुलपति ने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा व शोध के क्षेत्र में राज्यपाल के मार्गदर्शन में प्रगति की ओर अग्रसर है. कुलपति ने पाठ्यक्रम अद्यतन, समयबद्ध परीक्षा आयोजन एवं परीक्षा परिणाम, गुणवत्तापूर्वक शोध कार्य एवं ढांचागत विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला.

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ओम बिरला ने कहा कि मानव समुदाय की महत्वपूर्ण आधारशिला समाज की संरचना को संतुलित, परिस्थिति एवं अपेक्षा के अनुरूप निर्मित करने में जिस उपक्रम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है वह शिक्षा है. शिक्षा के माध्यम से ही एक अबोध बालक उत्पादक, चिंतनशील एवं बौद्विक राष्ट्रीय निधि के रूप में उभरता है. शिक्षा एक व्यक्ति के विचारों का रूपांतरण कर उसे समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का पुनीत कार्य करती है. शिक्षक अपने आदर्श व्यवहार के माध्यम से एक बालक के शरीर, मन, बुद्वि एवं आत्मा का परिशोधन करते हुए उसे सौम्य, सुसंस्कृत एवं वैश्विक स्तर के अनुरूप बनाने में अहम भूमिका निभाता है.

उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की प्रगति उसके अध्यापकों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. यही कारण है कि अध्यापन को सर्वोत्तम सेवा की संज्ञा दी जाती है. शोध किसी भी विश्वविद्यालय का दर्पण होता है. गुणवत्तापूर्ण तथा उपादेयता युक्त शोध समाज को नई दिशा प्रदान करने के साथ समाज व राष्ट्र के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त करता है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे विश्वविद्यालय से अपेक्षा करते है कि समाज एवं राष्ट्र की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक एवं शोध कार्यों में निरन्तर प्रगति की ओर आगे बढ़े जिससे विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके तथा आगामी समय में 'नवीन शिक्षा नीति', 'लोकल फाॅर वोकल', 'आत्म निर्भरता', 'नवीन तकनीक' जैसे पहलुओं पर विश्वविद्यालय को कार्य योजना तैयार कर समाज एवं राष्ट्र हित में सहयोग प्रदान करें.

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