बीकानेर. शहर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और कला संस्कृति मंत्रालय की ओर से बीकानेर की लोक कलाओं को बढ़ाने और आमजन तक पहुंचाने के लिए एक नवाचार किया जा रहा है. इसके तहत विश्वविद्यालय में रम्मतों का मंचन किया जाएगा. दरअसल होली के मौके पर फाल्गुन मास में बीकानेर के अलग-अलग अंदरूनी क्षेत्र के मोहल्लों में पिछले 200 सालों से भी ज्यादा समय से रम्मतों का आयोजन हो रहा है, इन रम्मतों का आयोजन होली के मौके पर किया जाता है.
इन रम्मतों में लोक संस्कृति का रूप देखने को मिलता है, जहां वर्तमान हालातों पर कटाक्ष के साथ ही पुरातन काल की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए मंचन किया जाता है. रात भर चलने वाली इन रम्मतों का अभ्यास बसंत पंचमी के साथ ही शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार इन रम्मतों को शहरी क्षेत्र से बाहर मंचित करने का एक प्रयास नवाचार के रूप में किया गया है.
हालांकि शहरी क्षेत्र में हर साल होली के मौके पर आयोजित से यह रम्मतें अपने तय स्थान पर होगी, लेकिन इस बार इसे व्यापक रूप से प्रचारित करने के साथ ही लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कला संस्कृति मंत्रालय राजस्थान के सहयोग से बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के परिसर में भी खास तौर पर आयोजित किया जा रहा है.
विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. विठ्ठल बिस्सा ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के रम्मत पार्क में शहर की 11 रम्मतों का मंचन 12 से 14 मार्च के बीच 3 दिन तक होगा. उन्होंने बताया कि पिछले 200 सालों से भी ज्यादा समय से यह रम्मत बीकानेर शहर में आयोजित की जा रही है, लेकिन इस बार उन्हें खासतौर से विश्वविद्यालय परिसर में भी आयोजित किया गया है, ताकि शहर की इस संस्कृति से आम लोग भी रूबरू हो सकें. उन्होंने बताया कि शाम 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक 3 घंटे तक यह आयोजन होगा.