ETV Bharat / city

खेल और साहित्य के मंच पर भी चमकेगा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय का नाम, निखरेंगी प्रतिभाएं...बढ़ेगा बीकानेर का मान

बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में आधारभूत विकास के लिए तैयार हो रही तीन सौगातें (MGSU three Gifts will give new identity to Bikaner) आने वाले दिनों में जिले का मान बढ़ाएगी. वैसे तो बीकानेर की पहचान यहां की संस्कृति खानपान से है लेकिन अब खेल के क्षेत्र और साहित्य के बड़े रंगमंच पर भी बीकानेर का नाम देखने को मिलेगा. देखिए खास रिपोर्ट

Indoor Stadium, Cycling Track and Auditorium building in MGSU
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय देगा कई सौगातें
author img

By

Published : Feb 24, 2022, 7:12 PM IST

Updated : Feb 24, 2022, 11:00 PM IST

बीकानेर. दुनिया भर में बीकानेर की पहचान यहां की भुजिया और रसगुल्ले से है तो विदेशी और देशी पर्यटकों को यहां की हवेलियां खूब सुहाती हैं. लेकिन आने वाले दिनों में अब बीकानेर का नाम खेलकूद और साहित्य के बड़े मंच पर भी चमकने लगेगा. दरअसल बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम, साइकिलिंग ट्रैक और ऑडिटोरियम जिले की नई पहचान (Indoor Stadium, Cycling Track and Auditorium building in MGSU) बनने वाले हैं.

स्थापना के 18 साल बाद बीकानेर का महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय अपने आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही नए आयाम स्थापित करते हुए नजर आ रहा है. दरअसल विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक विकास के साथ ही खेल और अन्य गतिविधियों के विकास में जुड़ा हुआ है और इसी कड़ी में विश्वविद्यालय परिसर में एक साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके साथ ही जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम की तर्ज पर एक ऑडिटोरियम का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम बीकानेर की शान (MGSU three Gifts will give new identity to Bikaner) में चार चांद लगाएगा.

पढ़ें. Special: रेल फाटक बंद होने पर थम जाता है बीकानेर शहर, चार दशक से समाधान के इंतजार में लोग

सरकार की खेलो इंडिया योजना को मिलेगा प्रोत्साहन
दरअसल कुछ सरकारी स्तर पर भी खेलो इंडिया योजना के तहत युवाओं को खेल से जोड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि संसाधनों के अभाव में प्रतिभा को उभरने का मौका नहीं मिल पा रहा है या यूं कहें कि बेहतर खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में बीकानेर में साइकिलिंग ट्रैक और इंडोर स्टेडियम के बनने के बाद यहां के खिलाड़ियों को न सिर्फ एक मंच मिलेगा बल्कि वे अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ने में कामयाब होंगे. इससे देश का नाम होगा और राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर को भी एक पहचान मिलेगी.

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. बिट्ठल बिस्सा कहते हैं कि निश्चित रूप से इन तीनों प्रोजेक्ट से बीकानेर को पहचान मिलेगी और खेलों के क्षेत्र में जहां बीकानेर की खिलाड़ी आगे बढ़ेंगे वहीं ऑडिटोरियम में साहित्य और दूसरी गतिविधियां शुरू होने से यहां की पहचान बनेगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग में मां गंगा सिंह विश्वविद्यालय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र है और विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे के विकास में यह तीन प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होंगे.

विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी कुलदीप जैन कहते हैं कि इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी समय लगा है लेकिन अब संतुष्टि है कि बीकानेर शहर को बड़ी सौगात मिलेगी और शहर के लोगों को एक्सपोजर भी मिलेगा. डॉ. विठ्ठल बिस्सा कहते हैं कि खुद के बजट से विश्वविद्यालय ने यह तीनों काम करवा कर एक उदाहरण पेश किया है.

पढ़ें. The Worlds largest Bell in Kota: विश्व की सबसे बड़ी घंटी के निर्माण में अड़चन, वजन बढ़ाने से ठेकेदार ने पीछे खींचे हाथ

45 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा निर्माण
इंडोर स्टेडियम, साइकिलिंग ट्रैक और ऑडिटोरियम की कुल निर्माण लागत 45 करोड़ रुपए आई है और अब पूरा काम अंतिम चरण में है. दरअसल बीकानेर में साइकिलिंग को लेकर खिलाड़ियों में खासा क्रेज है और प्रतियोगिताओं में बीकानेर के खिलाड़ी साइकिलिंग में अपना दबदबा दिखा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके एक्साइटिंग साइकिलिंग ट्रैक की जरूरत बीकानेर में महसूस की जा रही थी जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो और जिस पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकें.

बिड़ला ऑडिटोरियम की तर्ज पर ऑडिटोरियम
विश्वविद्यालय में शैक्षणिक विकास के साथ ही अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजन की गतिविधियां संचालित नहीं हो पा रही थीं और इसके लिए सबसे बड़ी कमी ऑडिटोरियम की ही महसूस की जा रही थी. हालांकि बीकानेर में दो ऑडिटोरियम पहले से हैं लेकिन उनके मुकाबले नए निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का स्तर काफी ऊंचा है और यहां पर न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन भी होना संभव हैं. इस ऑडिटोरियम में एक साथ 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. दरअसल बीकानेर साहित्यकारों का शहर माना जाता है लेकिन किसी भी बड़ी साहित्यिक संगोष्ठी के आयोजन के लिए मानकों के अनुरूप ऑडिटोरियम नहीं होने की कमी भी देखने को मिल रही थी ऐसे में इस ऑडिटोरियम के बाद वो कमी भी दूर हो जाएगी.

पढ़ें. Special : पक्षियों के कलरव से गुलजार हुआ घना...हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे पेलिकन की अठखेलियां देख पर्यटक अभिभूत

इंडोर स्टेडियम बनेगा बीकानेर की पहचान
संभवत राजस्थान में किसी भी विश्वविद्यालय के स्तर पर इस तरह का इनडोर स्टेडियम नहीं है क्योंकि यह महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में बनकर तैयार हुआ है. हालांकि इन तीनों ही प्रोजेक्ट का काम अब अंतिम चरण में है और अब टेस्टिंग और ट्रायल ही लिया जा रहा है. इस इंडस्ट्री में 10,000 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. इसके अलावा एक साथ पांच मैच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक ही समय में आयोजित किया जा सकते हैं और इसमें तकरीबन 3000 से ज्यादा दर्शक बैठ सकते हैं.

एयर कनेक्टिविटी की समस्या दूर
दरअसल किसी भी शहर की कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या होने से कई बार आयोजन नहीं हो पाते हैं. बीकानेर में एयर कनेक्टिविटी की समस्या अब नहीं है और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय से एयरपोर्ट की दूरी महज आठ से 9 किलोमीटर है.

बीकानेर. दुनिया भर में बीकानेर की पहचान यहां की भुजिया और रसगुल्ले से है तो विदेशी और देशी पर्यटकों को यहां की हवेलियां खूब सुहाती हैं. लेकिन आने वाले दिनों में अब बीकानेर का नाम खेलकूद और साहित्य के बड़े मंच पर भी चमकने लगेगा. दरअसल बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम, साइकिलिंग ट्रैक और ऑडिटोरियम जिले की नई पहचान (Indoor Stadium, Cycling Track and Auditorium building in MGSU) बनने वाले हैं.

स्थापना के 18 साल बाद बीकानेर का महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय अपने आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही नए आयाम स्थापित करते हुए नजर आ रहा है. दरअसल विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक विकास के साथ ही खेल और अन्य गतिविधियों के विकास में जुड़ा हुआ है और इसी कड़ी में विश्वविद्यालय परिसर में एक साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके साथ ही जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम की तर्ज पर एक ऑडिटोरियम का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम बीकानेर की शान (MGSU three Gifts will give new identity to Bikaner) में चार चांद लगाएगा.

पढ़ें. Special: रेल फाटक बंद होने पर थम जाता है बीकानेर शहर, चार दशक से समाधान के इंतजार में लोग

सरकार की खेलो इंडिया योजना को मिलेगा प्रोत्साहन
दरअसल कुछ सरकारी स्तर पर भी खेलो इंडिया योजना के तहत युवाओं को खेल से जोड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि संसाधनों के अभाव में प्रतिभा को उभरने का मौका नहीं मिल पा रहा है या यूं कहें कि बेहतर खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में बीकानेर में साइकिलिंग ट्रैक और इंडोर स्टेडियम के बनने के बाद यहां के खिलाड़ियों को न सिर्फ एक मंच मिलेगा बल्कि वे अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ने में कामयाब होंगे. इससे देश का नाम होगा और राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर को भी एक पहचान मिलेगी.

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. बिट्ठल बिस्सा कहते हैं कि निश्चित रूप से इन तीनों प्रोजेक्ट से बीकानेर को पहचान मिलेगी और खेलों के क्षेत्र में जहां बीकानेर की खिलाड़ी आगे बढ़ेंगे वहीं ऑडिटोरियम में साहित्य और दूसरी गतिविधियां शुरू होने से यहां की पहचान बनेगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग में मां गंगा सिंह विश्वविद्यालय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र है और विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे के विकास में यह तीन प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होंगे.

विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी कुलदीप जैन कहते हैं कि इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी समय लगा है लेकिन अब संतुष्टि है कि बीकानेर शहर को बड़ी सौगात मिलेगी और शहर के लोगों को एक्सपोजर भी मिलेगा. डॉ. विठ्ठल बिस्सा कहते हैं कि खुद के बजट से विश्वविद्यालय ने यह तीनों काम करवा कर एक उदाहरण पेश किया है.

पढ़ें. The Worlds largest Bell in Kota: विश्व की सबसे बड़ी घंटी के निर्माण में अड़चन, वजन बढ़ाने से ठेकेदार ने पीछे खींचे हाथ

45 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा निर्माण
इंडोर स्टेडियम, साइकिलिंग ट्रैक और ऑडिटोरियम की कुल निर्माण लागत 45 करोड़ रुपए आई है और अब पूरा काम अंतिम चरण में है. दरअसल बीकानेर में साइकिलिंग को लेकर खिलाड़ियों में खासा क्रेज है और प्रतियोगिताओं में बीकानेर के खिलाड़ी साइकिलिंग में अपना दबदबा दिखा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके एक्साइटिंग साइकिलिंग ट्रैक की जरूरत बीकानेर में महसूस की जा रही थी जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो और जिस पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकें.

बिड़ला ऑडिटोरियम की तर्ज पर ऑडिटोरियम
विश्वविद्यालय में शैक्षणिक विकास के साथ ही अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजन की गतिविधियां संचालित नहीं हो पा रही थीं और इसके लिए सबसे बड़ी कमी ऑडिटोरियम की ही महसूस की जा रही थी. हालांकि बीकानेर में दो ऑडिटोरियम पहले से हैं लेकिन उनके मुकाबले नए निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का स्तर काफी ऊंचा है और यहां पर न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन भी होना संभव हैं. इस ऑडिटोरियम में एक साथ 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. दरअसल बीकानेर साहित्यकारों का शहर माना जाता है लेकिन किसी भी बड़ी साहित्यिक संगोष्ठी के आयोजन के लिए मानकों के अनुरूप ऑडिटोरियम नहीं होने की कमी भी देखने को मिल रही थी ऐसे में इस ऑडिटोरियम के बाद वो कमी भी दूर हो जाएगी.

पढ़ें. Special : पक्षियों के कलरव से गुलजार हुआ घना...हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे पेलिकन की अठखेलियां देख पर्यटक अभिभूत

इंडोर स्टेडियम बनेगा बीकानेर की पहचान
संभवत राजस्थान में किसी भी विश्वविद्यालय के स्तर पर इस तरह का इनडोर स्टेडियम नहीं है क्योंकि यह महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में बनकर तैयार हुआ है. हालांकि इन तीनों ही प्रोजेक्ट का काम अब अंतिम चरण में है और अब टेस्टिंग और ट्रायल ही लिया जा रहा है. इस इंडस्ट्री में 10,000 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. इसके अलावा एक साथ पांच मैच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक ही समय में आयोजित किया जा सकते हैं और इसमें तकरीबन 3000 से ज्यादा दर्शक बैठ सकते हैं.

एयर कनेक्टिविटी की समस्या दूर
दरअसल किसी भी शहर की कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या होने से कई बार आयोजन नहीं हो पाते हैं. बीकानेर में एयर कनेक्टिविटी की समस्या अब नहीं है और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय से एयरपोर्ट की दूरी महज आठ से 9 किलोमीटर है.

Last Updated : Feb 24, 2022, 11:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.