बीकानेर. चीन की नापाक हरकत और पाकिस्तान के साथ मित्रता पूर्ण रिश्ते को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान के पाकिस्तान से लगती भारतीय सीमा पर भी सब की नजरें टिक गई है. इन पश्चिमी सीमाओं पर भी सैन्य बल सतर्क हो गया है.
पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा पर बसे गांवों के मौजूदा हालातों को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम खाजूवाला से लगती अंतराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों में पहुंची. जहां लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा दिखाई दिया तो वहीं पाक के सटे सीमावर्ती इलाकों पर हालात सामान्य ही नज़र आए. आम दिनों की तरह खेती-बाड़ी के अपने कामकाज से जुड़े हुए लोग सामान्य दिनचर्या के साथ नजर आए.. पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली नापाक हरकतों से वाकिफ रहने वाले यह लोग चीन और भारत के तनाव की खबरों से भी अपडेट नज़र आए.
भारत-पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा बीकानेर जिले के खाजूवाला क्षेत्र में लगती है. बीकानेर में भारत - पाक बॉर्डर की सीमा 160 km है. इस क्षेत्र में कई गांव भी बसे हैं. सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए जीवन यापन का सहारा खेती और पशुपालन ही है. यहां रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई तरह की पाबंदियां भी लगीं हैं. लेकिन इन पाबंदियों के बावजूद भी यहां रहने वाले लोग पूरी तरह से खुश हैं और सेना के साथ पूरी तरह से सहयोग की भावना अपनाए हुए हैं.
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स्थानीय निवासी नरेंद्र सरेलिया का कहना है कि चीन और भारत के बीच तनाव की स्थिति है, लेकिन पाकिस्तान से लगती सीमा पर कोई हलचल नहीं अब तक नहीं हुई है. ऐेसे में चिंता की कोई बात नहीं है. सैनिक जहां पूरी तरह से मुस्तैद हैं. वहीं ग्रामीणों को भी किसी भी तरह का कोई दिशानिर्देश अभी तक सेना की ओर से नहीं मिला है.
यहां रहने वाले लोग हरदम सेना का साथ निभाने की बात कहते हैं. जज्बे से भरे लफ्जों में लोग कहते हैं कि अगर तनाव की स्थिति हुई भी तो वे सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाने को तैयार हैं. चीन के खिलाफ उपजे आक्रोश के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले युवा भी जरूरत पड़ने पर देश की बॉर्डर फ्रंटलाइन में जाने को तैयार नजर आए.
दरअसल, सीमावर्ती क्षेत्रों में पड़ोसी देशों के साथ किसी भी तरह के तनाव के हालातों पर सेना की ओर से सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों और खेती करने वाले किसानों को वहां से हटने के लिए कहा जाता है. जिससे ग्रामीणों को इस बात का अंदाजा हो जाता है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच युद्ध और तनाव की स्थिति बन सकती है.
लोगों का कहना है कि अगर शिफ्टिंग का किसी तरह का निर्देश मिला तो उसकी पालना की जाएगी. वहीं चीन के खिलाफ यहां भी लोग आक्रोशित नजर आए. उन्होंने सरकार से भी चाइनीज उत्पाद उत्पादों पर रोक लगाने की मांग की. उनका कहना था कि हमारे देश से पैसा कमा कर चीन खुद को मजबूत कर रहा है और हमारे देश के खिलाफ अपने हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है.
स्थानीय निवासी सुरेंद्र का कहना है कि तरह की कोई गतिविधि भारत-पाकिस्तान सीमा पर नहीं है. सेना की ओर से किसी भी मूवमेंट को लेकर स्थानीय लोगों को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं. इससे साफ है कि यहां पूरी तरह से शांति है.
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स्थानीय निवासी किसान कर्मचन्द कहते है हमें चीन के साथ हुए तनाव की जानकारी है और पहले भी जब भी कभी सीमा पर तनाव के हालात हुए हैं तो सेना को पूरा सहयोग किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लगातार तनाव जारी रहता है बावजूद उसके पिछले 10 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि हमें हमारे खेत से पीछे जाने का कहा हो या खेती करने से रोका गया हो.
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख के पास पिछले करीब एक महीने से विवाद चल रहा है. यहां चीन LAC को पार कर भारतीय हिस्से में आ गया है और वहां अपने टेंट, सैन्य उपकरण लगा लिए हैं. भारत इसका विरोध कर रहा है और इसी के तहत 6 जून को दोनों देशों के बीच बैठक हुई.
सैन्य लेवल पर हुई इस बैठक में किया गया था कि दोनों देश विवादित स्थल से अपनी सेनाओं को पीछे हटाएंगे, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया. 15 जून को जब भारतीय सेना की एक टुकड़ी ज़मीनी हाल जानने पहुंची तो चीनी सैनिकों ने धोखे से उनपर हमला कर दिया. तभी से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.