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बीकानेरः विधेयक के विरोध में अनाज मंडी बन्द, करोड़ों का कारोबार ठप

केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए कृषि विधेयक का विरोध लगातार जारी है. इस बिल के विरोध में सोमवार को प्रदेश की सभी मंडियों के साथ साथ बीकानेर की भी अनाज मंडी भी बंद रही. अनाज मंडी के बंद होने के कारण लगभग 5 करोड़ रुपए के कारोबार पर प्रभाव पड़ा है. साथ ही बिल के विरोध में बीकानेर कच्ची आढ़त संघ ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.

rajasthan news, बीकानेर न्यूज
केंद्र सरकार के विधेयक के खिलाफ बंद रही अनाज मंडियां
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Published : Sep 21, 2020, 4:42 PM IST

बीकानेर. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयक के विरोध में सोमवार को पूरे प्रदेश की अनाज मंडियों के साथ ही बीकानेर अनाज मंडी में भी कारोबार बंद रहा. इस दौरान मंडी में सांकेतिक हड़ताल का असर देखने को मिला.

केंद्र सरकार के विधेयक के खिलाफ बंद रही अनाज मंडियां

वहीं, जिंसों की बोली नहीं हुई और पल्लेदारों और श्रमिकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. बीकानेर कच्ची आढ़त संघ ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. कांग्रेसियों ने भी इसी मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

बीकानेर कच्ची आढ़त संघ के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल सेठिया का कहना था कि केंद्र सरकार का ये विधेयक किसानों और व्यापारियों के लिए बहुत घातक है और इससे कालाबाजारी बढ़ने के साथ ही चोरी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के बाद मंडिया पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी और मंडी में कारोबार शून्य हो जाएगा.

पढ़ें- होमगार्ड जवान को बोनट पर घसीटते हुए ले गया कार चालक, देखें VIDEO

उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भी अपनी फसल का पूरा मूल्य नहीं मिलेगा. मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों श्रमिकों के साथ ही व्यापारियों को भी कारोबार में खासा नुकसान होगा और इसके विरोध में आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन मंडी बंद की जाएगी. इसके बावजूद भी अगर सरकार नहीं चेती तो राजस्व टैक्स का भुगतान बंद किया जाएगा और न्यायालय की शरण ली जाएगी. सोमवार को बीकानेर मंडी में बंद के चलते करीब 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ.

बीकानेर. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयक के विरोध में सोमवार को पूरे प्रदेश की अनाज मंडियों के साथ ही बीकानेर अनाज मंडी में भी कारोबार बंद रहा. इस दौरान मंडी में सांकेतिक हड़ताल का असर देखने को मिला.

केंद्र सरकार के विधेयक के खिलाफ बंद रही अनाज मंडियां

वहीं, जिंसों की बोली नहीं हुई और पल्लेदारों और श्रमिकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. बीकानेर कच्ची आढ़त संघ ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. कांग्रेसियों ने भी इसी मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

बीकानेर कच्ची आढ़त संघ के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल सेठिया का कहना था कि केंद्र सरकार का ये विधेयक किसानों और व्यापारियों के लिए बहुत घातक है और इससे कालाबाजारी बढ़ने के साथ ही चोरी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के बाद मंडिया पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी और मंडी में कारोबार शून्य हो जाएगा.

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उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भी अपनी फसल का पूरा मूल्य नहीं मिलेगा. मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों श्रमिकों के साथ ही व्यापारियों को भी कारोबार में खासा नुकसान होगा और इसके विरोध में आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन मंडी बंद की जाएगी. इसके बावजूद भी अगर सरकार नहीं चेती तो राजस्व टैक्स का भुगतान बंद किया जाएगा और न्यायालय की शरण ली जाएगी. सोमवार को बीकानेर मंडी में बंद के चलते करीब 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ.

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