बीकानेर: भुजिया और रसगुल्ला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर बीकानेर भी अब अनार की खेती के लिए पहचाना जाएगा. राजस्थान की गुजरात से लगती सीमा से पश्चिमी राजस्थान के अंतिम छोर भारत-पाक सीमा के बाड़मेर और बीकानेर में अनार की खेती हो रही है.
धीरे-धीरे बदलते पर्यावरण के बीच रेतीले धोरों में अनार की खेती किसी क्रांतिकारी बदलाव से कम नहीं है. किसान भी अनार की खेती के लिए उत्साहित हैं.
5 साल में बढ़ा रूझान
राजस्थान के रेतीले धोरों के साथ ही तेज गर्मी और पानी की कमी के किस्से मशहूर हैं. बदलते वक्त में इंदिरा गांधी नहर की वजह से पश्चिमी राजस्थान में खेती में नए बदलाव नजर आए हैं. पिछले 5 साल से किसानों में अनार की खेती को लेकर रूझान बढ़ा है.
चुनौतियां भी कम नहीं
एक अनुमान के मुताबिक अकेले बीकानेर में अनार के करीब दो लाख पौधे लगे हुए हैं. अनार फॉर्म से जुड़े केयरटेकर पंकज पारीक कहते हैं कि इस खेती में मुनाफा भी है और चुनौती भी.
इंतजार का फल होता है मीठा
अनार के पौधे को लगाने के बाद 3 साल तक इसकी देखभाल करना पड़ता है. 3 साल तक फसल के लिए इंतजार करना पड़ता है. बस यही एक सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि खेती करने वाला किसान फसल की उम्मीद उसी वक्त करता है.
दूसरी फसलों से ज्यादा मुनाफा
तीन साल बाद अनार की पहली फसल से मिलने वाला मुनाफा दूसरी फसलों से कई गुना ज्यादा है. 25 बीघा में मूंगफली की फसल से होने वाली आय 5 लाख है. अगर इतनी जमीन पर अनार की खेती की जाए तो 20 लाख रुपए तक की भी आय प्राप्त की जा सकती है.
नासिक की अनार को टक्कर
बीकानेर फल-सब्जी मंडी में अनाज के बड़े थोक व्यापारी रमेश कहते हैं कि नासिक की अनार बीकानेर में आ रही है. लेकिन अब बीकानेर की अनार भी इसकी टक्कर में नजर आ रही है. गुजरात सीमा से लेकर बाड़मेर तक कई जगह अनार की खेती हो रही है.
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साल में एक फसल ले रहे किसान
रमेश कहते हैं कि नासिक में किसान साल में तीन बार अनार की फसल लेते हैं लेकिन बीकानेर में अब तक साल में एक ही फसल ले रहे हैं. नवंबर से लेकर फरवरी मार्च तक बीकानेर में उग रही अनार फल मंडी में बिक्री के लिए आती है.
बाहर भी भेजे जा रहे बीकानेर के अनार
मंडी में अनार कारोबारी घनश्याम तिवाड़ी कहते हैं कि बीकानेर की अनार न सिर्फ बीकानेर बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ ही देश से बाहर भी एक्सपोर्ट की जाने लगी है.
अनार की खेती में भी बनेगी पहचान
अबतक रेतीले धोरों और पानी की कमी जैसे हालातों के लिए पहचान रखने वाले पश्चिमी राजस्थान में भी बदलाव नजर आ रहा है. थार के मरुस्थल वाले इस क्षेत्र में अनार की खेती हर तरफ नजर आएगी तो आश्चर्य नहीं है. किसानों के उत्साह को देखकर भी लग रहा है कि आने वाले समय में इस खेती में बीकानेर का भविष्य उज्जवल है.
थार रेगिस्तान
राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा और गुजरात में भी थार रेगिस्तान फैला हुआ है. इसे 'ग्रेट इन्डियन डेजर्ट' (Great Indian Desert) के नाम से भी जाना जाता है. थार रेगिस्तान का करीब 60 फीसदी हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में फैला हुआ है.
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