बीकानेर. जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर अब तक 8000 के पार हो गया है. सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में पॉजिटिव की कुल सख्या 415 आई है. वहीं पॉजिटिव के मुकाबले सोमवार को कुल पॉजिटिव का आंकड़ा आधा हो गया, लेकिन सैंपल भी आधे ही लिए गए. कोरोना संक्रमण के चलते पीबीएम अस्पताल में भर्ती हुए आठ मरीजों की मौत हो गई है, जो कि अस्पताल प्रशासन 6 लोगों की ही मौत की पुष्टि कर रहा है.
वहीं कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक ऑक्सीजन को लेकर कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि किसी भी कीमत पर आक्सीजन का अपव्यय नहीं हो, इसके लिए ‘फ्लोर मैनेजमेंट’ को और अधिक सुदृढ़ रखा जाए. ऐसे में मेडिकल काॅलेज प्राचार्य, पीबीएम अधीक्षक सहित वरिष्ठ चिकित्सक एमसीएच विंग का रेंडम और नियमित विजिट करें. इसके साथ ही विंग के वार रूम में राउंड द क्लाॅक नियुक्त कार्मिक भी सीसीटीवी स्क्रीन के माध्यम से इस पर नजर रखें, साथ ही ऑक्सीजन बचत के लिए मरीजों और उनके परिजनों की काउंसलिंग की जाए.
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मेहता ने सोमवार शाम को मेडिकल काॅलेज सभागार में आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एमसीएच विंग सहित पीबीएम अस्पताल में भर्ती सभी गंभीर एवं अतिगंभीर रोगियों के लिए मांग के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, रोगी बढ़ने की स्थिति में भी यह व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए प्रभावी योजना के अनुसार काम किया जाए. वहीं प्रशासन की ओर से ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति की समूची व्यवस्था की माॅनिटरिंग के लिए वरिष्ठ आरएएस अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसके साथ ही इसमें कहा गया कि, चिकित्सक भी इसे लेकर सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें शत-प्रतिशत आक्सीजन का उपयोग मरीजों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए हो.
साथ ही उन्होंने कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों से मिलने का समय निर्धारित करने के निर्देश दिए और कहा कि, इसके अलावा कोई भी यहां नहीं रहे, यह सुनिश्चित किया जाए. कलेक्टर ने कहा कि सामान्य और कम गंभीर के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जा सके, इसके लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी गठित की जाए. इस कमेटी की ओर से चिकित्सकीय मापदण्डों के आधार पर परीक्षण के बाद ही यह कार्रवाई की जाए.
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साथ ही ऐसे मरीज, जिन्हें केवल चिकित्सकीय पर्यवेक्षण की जरूरत है, उन्हें आवश्यकता अनुसार डे-केयर सेंटर में रखा जाए. वहीं इस दौरान आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था के लिए पीबीएम परिसर के साथ ही आसपास के भवनों के चिन्हीकरण पर चर्चा की गई. इस बीच कलेक्टर ने एमसीएच विंग में भर्ती मरीजों, दवाओं की स्थिति, आवश्यक संसाधन, सुरक्षा व्यवस्था सहित विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा की.