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ऊर्जा मंत्री ने रेलवे जीएम से की मुलाकात...रेल बाईपास निर्माण प्रस्ताव को लेकर चर्चा

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Published : Jan 29, 2021, 7:38 PM IST

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी. कल्ला ने शुक्रवार को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश से मुलाकात की. इस दौरान बीकानेर में बाईपास रेलवे लाइन निर्माण का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को शीघ्र भिजवाने के बारे में चर्चा की.

ऊर्जा मंत्री ने रेलवे जीएम से की मुलाकात, Energy Minister met railway GM
ऊर्जा मंत्री ने रेलवे जीएम से की मुलाकात

बीकानेर. जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी. कल्ला ने शुक्रवार को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश से मुलाकात की. इस दौरान बीकानेर में बाईपास रेलवे लाईन निर्माण का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को शीघ्र भिजवाने के बारे में चर्चा की. उन्होंने इस दौरान एक विस्तृत पत्र भी अपनी ओर से महाप्रबंधक को सौंपा.

मुलाकात के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) बृजेश गुप्ता और रेलवे के सेवानिवृत अधिकारी डॉ. किशनलाल मेघवाल भी मौजूद रहे. कल्ला ने महाप्रबंधक को बताया कि भविष्य में बीकानेर क्षेत्र के रेल नेटवर्क को मजबूत करने एवं रेलवे के संचालन के लिए बीकानेर-लालगढ के बीच में डबल ट्रैक का निर्माण जरूरी है. यह केवल रेल बाईपास लाइन से ही संभव हो सकता है. रेलवे को बीकानेर के लोगों की इस बहुप्रतीक्षित मांग और आवश्यकता के सम्बंध में निर्णय कर इसका अपने स्तर पर शीघ्र निर्माण करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जब पूर्व में बीकानेर बाईपास रेल लाईन का कार्य स्वीकृत किया था, तब राजस्थान सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की गई, जो कि अभी भी उपलब्ध है. यहां बाईपास के निर्माण से क्षेत्र में रेल सेवाओं का विकास होगा, भविष्य में होने वाली फिजूल खर्ची रूकेगी और रेल फाटक की समस्याओं का भी निदान होगा. जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने महाप्रबंधक को जानकारी दी कि गत सोमवार (25 जनवरी 2021) को इस मुद्दे पर बीकानेर में उनकी केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और बीकानेर के जिला कलक्टर नमित मेहता के साथ विस्तृत बैठक में भी इस बात पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि बीकानेर में रेलवे बाईपास निर्माण का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को मंजूरी के लिए शीघ्रता से भेजा जाए.

कल्ला ने अपने पत्र में कहा कि बीकानेर शहर में लंबे समय से रेलवे फाटकों की गंभीर समस्या है. बीकानेर और लालगढ रेलवे लाइन पर चार फाटकों में से दो फाटकों पर रोड ओवरब्रिज बनाए गए हैं. शहर के बीच कोटगेट क्षेत्र से गुजरने वाले रेल फाटक संख्या 140 और 141 के बार-बार बंद रहने के कारण लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इन फाटकों पर रेल गाडियों के आवागमन के दौरान यातायात बहुत अधिक होने के कारण भीड़ एकत्रित हो जाती है और हर बार ट्रैफिक जाम हो जाता है.

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस समस्या के बारे में आमजन और जनप्रतिनिधियों ने अनेक बार बीकानेर रेल मंडल प्रबंधक को विरोध जताया है. इस समस्या के निदान के लिए बीकानेर रेल बाईपास लाइन के निर्माण का फैसला लिया गया था और रेल मंत्रालय ने वर्ष 2003-2004 में डिपोजिट कार्य के आधार पर स्वीकृति दी थी, जिसका खर्च राजस्थान सरकार की ओर से वहन किया जाना था. उस समय बाईपास रेल लाइन की लम्बाई 26 किलोमीटर और अनुमानित खर्च 60.12 करोड़ रुपये निर्धारित था.

इस कार्य के लिए राजस्थान सरकार के आग्रह पर उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से एक सर्वे किया गया, लेकिन राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच में एमओयू नहीं होने के कारण यह कार्य वर्ष 2009-2010 में रेल मंत्रालय की ओर से निरस्त कर दिया गया. इसका प्रमुख कारण यह बताया कि भविष्य में जब भी बीकानेर और लालगढ़ के बीच में ब्रॉडगेज लाईन का निर्माण होगा, तब यात्री गाड़ियों की संख्या इस मार्ग पर कम हो जाएगी और इसके कारण बीकानेर शहर वासियों को कोई समस्या नहीं रहेगी. जबकि वास्तविकता में ब्रॉडगेज आने के बाद यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ गई और औसतन प्रति घंटा एक से दो रेल गाड़ियों का इस ट्रैक पर आवागमन होता है.

इस कारण बीकानेर शहर में कोटगेट क्षेत्र के ये दो रेल फाटक अधिक समय बंद रहते हैं, इस समस्या का निदान नहीं होने के कारण बीकानेर शहर वासियों में लगातार आक्रोश है. डॉ. कल्ला ने बताया कि रेल मंत्रालय की नीति के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे अगले 3 वर्ष में राजस्थान में सभी प्रमुख ब्रॉडगेज रूट को डबल ट्रैक में बदलकर उनके विद्युतीकरण पर जोर दे रहा है. बीकानेर से देश के सभी प्रमुख क्षेत्रों में जाती है. यहां के रेल यूजर्स की नई रेलगाडियां चलाने के लिए भी काफी मांगे हैं.

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उन्होंने बताया कि बीकानेर-लालगढ रेलवे लाईन के चारों तरफ शहर की आवासीय कॉलोनियां और बाजार की वजह से भविष्य में दूसरी लाइन का निर्माण संभव नहीं होगा और ट्रैक के विद्युतीकरण में भी परेशानी आएगी. बीकानेर जिले में रेलवे तंत्र के विकास की दृष्टि से भी बीकानेर-लालगढ के बीच में डबल ट्रैक का निर्माण भी अत्यन्त आवश्यक है.

बीकानेर. जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी. कल्ला ने शुक्रवार को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश से मुलाकात की. इस दौरान बीकानेर में बाईपास रेलवे लाईन निर्माण का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को शीघ्र भिजवाने के बारे में चर्चा की. उन्होंने इस दौरान एक विस्तृत पत्र भी अपनी ओर से महाप्रबंधक को सौंपा.

मुलाकात के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) बृजेश गुप्ता और रेलवे के सेवानिवृत अधिकारी डॉ. किशनलाल मेघवाल भी मौजूद रहे. कल्ला ने महाप्रबंधक को बताया कि भविष्य में बीकानेर क्षेत्र के रेल नेटवर्क को मजबूत करने एवं रेलवे के संचालन के लिए बीकानेर-लालगढ के बीच में डबल ट्रैक का निर्माण जरूरी है. यह केवल रेल बाईपास लाइन से ही संभव हो सकता है. रेलवे को बीकानेर के लोगों की इस बहुप्रतीक्षित मांग और आवश्यकता के सम्बंध में निर्णय कर इसका अपने स्तर पर शीघ्र निर्माण करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जब पूर्व में बीकानेर बाईपास रेल लाईन का कार्य स्वीकृत किया था, तब राजस्थान सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की गई, जो कि अभी भी उपलब्ध है. यहां बाईपास के निर्माण से क्षेत्र में रेल सेवाओं का विकास होगा, भविष्य में होने वाली फिजूल खर्ची रूकेगी और रेल फाटक की समस्याओं का भी निदान होगा. जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने महाप्रबंधक को जानकारी दी कि गत सोमवार (25 जनवरी 2021) को इस मुद्दे पर बीकानेर में उनकी केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और बीकानेर के जिला कलक्टर नमित मेहता के साथ विस्तृत बैठक में भी इस बात पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि बीकानेर में रेलवे बाईपास निर्माण का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को मंजूरी के लिए शीघ्रता से भेजा जाए.

कल्ला ने अपने पत्र में कहा कि बीकानेर शहर में लंबे समय से रेलवे फाटकों की गंभीर समस्या है. बीकानेर और लालगढ रेलवे लाइन पर चार फाटकों में से दो फाटकों पर रोड ओवरब्रिज बनाए गए हैं. शहर के बीच कोटगेट क्षेत्र से गुजरने वाले रेल फाटक संख्या 140 और 141 के बार-बार बंद रहने के कारण लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इन फाटकों पर रेल गाडियों के आवागमन के दौरान यातायात बहुत अधिक होने के कारण भीड़ एकत्रित हो जाती है और हर बार ट्रैफिक जाम हो जाता है.

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस समस्या के बारे में आमजन और जनप्रतिनिधियों ने अनेक बार बीकानेर रेल मंडल प्रबंधक को विरोध जताया है. इस समस्या के निदान के लिए बीकानेर रेल बाईपास लाइन के निर्माण का फैसला लिया गया था और रेल मंत्रालय ने वर्ष 2003-2004 में डिपोजिट कार्य के आधार पर स्वीकृति दी थी, जिसका खर्च राजस्थान सरकार की ओर से वहन किया जाना था. उस समय बाईपास रेल लाइन की लम्बाई 26 किलोमीटर और अनुमानित खर्च 60.12 करोड़ रुपये निर्धारित था.

इस कार्य के लिए राजस्थान सरकार के आग्रह पर उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से एक सर्वे किया गया, लेकिन राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच में एमओयू नहीं होने के कारण यह कार्य वर्ष 2009-2010 में रेल मंत्रालय की ओर से निरस्त कर दिया गया. इसका प्रमुख कारण यह बताया कि भविष्य में जब भी बीकानेर और लालगढ़ के बीच में ब्रॉडगेज लाईन का निर्माण होगा, तब यात्री गाड़ियों की संख्या इस मार्ग पर कम हो जाएगी और इसके कारण बीकानेर शहर वासियों को कोई समस्या नहीं रहेगी. जबकि वास्तविकता में ब्रॉडगेज आने के बाद यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ गई और औसतन प्रति घंटा एक से दो रेल गाड़ियों का इस ट्रैक पर आवागमन होता है.

इस कारण बीकानेर शहर में कोटगेट क्षेत्र के ये दो रेल फाटक अधिक समय बंद रहते हैं, इस समस्या का निदान नहीं होने के कारण बीकानेर शहर वासियों में लगातार आक्रोश है. डॉ. कल्ला ने बताया कि रेल मंत्रालय की नीति के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे अगले 3 वर्ष में राजस्थान में सभी प्रमुख ब्रॉडगेज रूट को डबल ट्रैक में बदलकर उनके विद्युतीकरण पर जोर दे रहा है. बीकानेर से देश के सभी प्रमुख क्षेत्रों में जाती है. यहां के रेल यूजर्स की नई रेलगाडियां चलाने के लिए भी काफी मांगे हैं.

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उन्होंने बताया कि बीकानेर-लालगढ रेलवे लाईन के चारों तरफ शहर की आवासीय कॉलोनियां और बाजार की वजह से भविष्य में दूसरी लाइन का निर्माण संभव नहीं होगा और ट्रैक के विद्युतीकरण में भी परेशानी आएगी. बीकानेर जिले में रेलवे तंत्र के विकास की दृष्टि से भी बीकानेर-लालगढ के बीच में डबल ट्रैक का निर्माण भी अत्यन्त आवश्यक है.

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