बीकानेर. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को 2 साल पूरे हो चुके हैं और हर महकमे के कामकाज की समीक्षा भी हो रही है. हालांकि सरकार के स्तर पर बेहतर कामकाज होने की बात कही जा रही है, तो वहीं विपक्ष सरकार पर लगातार आरोप लगाते हुए किसी भी तरह का विकास और मूलभूत समस्या के समाधान नहीं होने की बात कह रहा है. आम जनता से सीधे जुड़े विभागों में पानी और बिजली सबसे अहम है.
शनिवार को बीकानेर के दौरे पर आए ऊर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने दो सालों में हुए कामकाज और आने वाले तीन सालों के रोडमैप को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दो सालों के कामकाज को लेकर मेरे विभाग के कामकाज से मेरी बजाय जनता संतुष्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सबसे पहले सरकार ने 15000 लीटर तक पानी उपभोग करने वालों का बिल पूरी तरह से माफ करने का बड़ा फैसला किया था. उन्होंने कहा कि चार लाख 63 हजार हैंडपंप की मरम्मत करने का काम दो साल में किया गया है.
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पानी के क्षेत्र में हुए काम को बताते हुए मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि 2 सालों में 11000 नए हैडपम्प और 5000 नए ट्यूबवैल खोदे गए हैं और अकाल के वक्त 65 करोड़ की लागत से टैंकरों और ट्रक के माध्यम से जरूरत वाली जगह पर पानी पहुंचाने का काम किया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय रोके गए 9 प्रोजेक्ट को हमारी सरकार ने आते ही शुरू करवाया है. इसके अलावा बीकानेर पाली जोधपुर को इंदिरा गांधी नहर परियोजना के माध्यम से ज्यादा पानी को लेकर काम शुरू हुआ है, तो वहीं नर्मदा का पानी जालोर और अन्य जिलों के लिए जल्द मिले इसको लेकर काम चल रहा है. 8000 करोड़ की लागत से जलजीवन मिशन का प्रोजेक्ट भी शुरू हो गया है.
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि दो साल में प्रदेश में 1550 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ है और आने वाले समय में इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा. बीडी कल्ला ने कहा कि हमारी सरकार ने वादा किया था कि किसानों के लिए बिजली की दरों को नहीं बढ़ाया जाएगा और इसके लिए 27000 करोड़ की सब्सिडी जारी करते हुए किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है.
प्रदेश में नए थर्मल प्लांट को लेकर उन्होंने कहा कि छबड़ा में पहले ही काम शुरू हो गया है. वहीं 8000 करोड़ की लागत से अब सूरतगढ़ क्रिटीकल थर्मल में भी एक और नए प्लांट का काम जल्द शुरू होगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत 21300 मेगावाट बिजली मिल रही है.
उन्होंने कहा कि सौरऊर्जा के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बनने जा रहे हैं और आने वाले 3 सालों में हम 30000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग की है कि उन्हें दिन में भी बिजली दी जाए और इसके लिए अभी 4 ब्लॉक में किसानों को बिजली दी जा रही है और बाद में दिन में किसानों को बिजली देने की मांग भी हम पूरी कर पाएंगे. कुसुम योजना के तहत 30000 पम्प अथवा बिजली देंगे. कृषि कुओं को एक लाख कनेक्शन देने के लक्ष्य की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 140000 किसानों को किसी को पर कनेक्शन दे चुके हैं जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
ब्यूरोक्रेसी नहीं चला रही सरकार
इस दौरान ब्यूरोक्रेसी के सरकार पर हावी होने के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर इंकार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, कई बार विधिक राय और तकनीकी राय लेनी पड़ती है, लेकिन जब मंत्री आदेश देते हैं तो अधिकारी उस काम को करते हैं और यदि कहीं लापरवाही नजर आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होती है.
बीकानेर की समस्याओं को लेकर बोले
उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास की ओर से 8 साल पहले प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत कांग्रेस सरकार के समय जारी किए गए पट्टों में एसीबी की जांच के चलते एनओसी जारी नहीं हो रही है और इस मामले को लेकर अब सक्षम स्तर तक चर्चा हुई है और जिन पट्टों में दिक्कत है. उनको छोड़कर बाकी सभी पट्टों की जल्द ही एनओसी जारी की जाएगी.
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अगले 35 सालों तक बीकानेर में पानी की व्यवस्था
इस दौरान अगले 3 सालों में बीकानेर में होने वाले काम को लेकर उन्होंने कहा कि ऊर्जा और जलदाय क्षेत्र में बीकानेर में काफी कुछ काम होंगे. साथ ही बीकानेर में 550 करोड़ की लागत से पानी के भंडारण को लेकर काम होगा और इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है. जिसके बाद आने वाले 35 सालों तक पानी की किल्लत नहीं होगी.