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विभिन्न मांगों को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

बीकानेर में नर्सिंग छात्रों ने शुक्रवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में नर्सिंग छात्रों ने कोरोना जांच और सर्वे का काम किया है. इस दौरान उनका सिलेबस कंप्लीट नहीं हो पाया है. ऐसे में उन्हें बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए.

Protest of Nursing Students, Protests in Bikaner
विभिन्न मांगों को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन
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Published : Oct 9, 2020, 5:47 PM IST

बीकानेर. जिले में शुक्रवार को नर्सिंग छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग छात्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में राजस्थान के सभी सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेज व स्कूल को आदेश जारी कर नर्सिंग छात्र-छात्राओं को कोरोना की जांच व सर्वे में लगाए जाने के आदेश जारी किए गए थे.

सरकार के इस आदेश की पालना करते हुए नर्सिंग स्टूडेंट्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर सरकारी आदेशों की पालना करते हुए घर-घर जाकर कोरोना सर्वे किया, जिसके कारण नर्सिंग स्टूडेंट्स का समय पर सिलेबस पूरा नहीं हो पाया. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन नर्सिंग छात्र-छात्राओं के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की गई. नर्सिंग छात्र-छात्राओं के साथ इंसाफ किया जाए.

पढ़ें- कोटा : रामगंजमंडी में स्कूल छात्राओं ने निकाली कोरोना जागरूकता रैली, किए गए मास्क वितरण

सभी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को अगली क्लास में प्रमोट किया जाए और निजी व सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले नर्सिंग स्टूडेंट्स की 70 प्रतिशत फीस माफ की जाए, क्योंकि कोरोना में नर्सिंग स्टूडेंट्स ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए निस्वार्थ भाव से बिना कोई भत्ते व बीमा के काम किया था. नर्सिंग छात्रों का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

बीकानेर. जिले में शुक्रवार को नर्सिंग छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग छात्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में राजस्थान के सभी सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेज व स्कूल को आदेश जारी कर नर्सिंग छात्र-छात्राओं को कोरोना की जांच व सर्वे में लगाए जाने के आदेश जारी किए गए थे.

सरकार के इस आदेश की पालना करते हुए नर्सिंग स्टूडेंट्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर सरकारी आदेशों की पालना करते हुए घर-घर जाकर कोरोना सर्वे किया, जिसके कारण नर्सिंग स्टूडेंट्स का समय पर सिलेबस पूरा नहीं हो पाया. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन नर्सिंग छात्र-छात्राओं के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की गई. नर्सिंग छात्र-छात्राओं के साथ इंसाफ किया जाए.

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सभी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को अगली क्लास में प्रमोट किया जाए और निजी व सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले नर्सिंग स्टूडेंट्स की 70 प्रतिशत फीस माफ की जाए, क्योंकि कोरोना में नर्सिंग स्टूडेंट्स ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए निस्वार्थ भाव से बिना कोई भत्ते व बीमा के काम किया था. नर्सिंग छात्रों का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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