बीकानेर. मध्यप्रदेश में हुए सियासी घटनाक्रम के साथ ही राजस्थान में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. हालांकि सीधे तौर पर राजस्थान में सरकार को लेकर कोई अनिश्चितता का माहौल नहीं है, लेकिन सिंधिया के उठाए कदम के बाद अब राजस्थान में भी पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के समर्थकों ने मौके की नजाकत को देखते हुए ट्विटर पर एक अभियान चलाया है. साथ ही पार्टी आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया है.
दरअसल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे और उसके बाद लगातार राजनीतिक रूप से दूरी नेपथ्य में चले गए. डूडी समर्थकों का मानना है कि 5 साल तक नेता प्रतिपक्ष रहते हुए सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस के संघर्ष में डूडी की बड़ी भूमिका रही. जिसके चलते भाजपा को हटाकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन सरकार बनने के बाद डूडी को कोई तवज्जो नहीं मिली. ऐसे में अब राज्यसभा से डूडी को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए. अन्यथा राजस्थान में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में डूडी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.
डूडी समर्थकों का मानना है कि चुनाव हारने के बाद राजनीतिक रूप से डूडी को कमजोर साबित करने का प्रयास किया गया. राजस्थान में राजनीतिक रूप से डूडी के काफी मजबूत होने के बावजूद भी उनकी अनदेखी की जा रही है. ट्विटर पर #dudiforRajasthan कैंपेन चलाकर डूडी समर्थक कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
इन समर्थकों का कहना है कि रामेश्वर डूडी को उनके राजनीतिक कद के अनुसार तवज्जो मिलनी चाहिए नहीं तो धैर्य की भी एक सीमा होती है. कहीं ना कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के उठाए कदम के बाद जिस तरह से जुड़ी समर्थक अब दबाव की राजनीति अपनाते हुए नजर आ रहे हैं. समर्थकों का कहना है कि डूडी किसान कौम से आते हैं और कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक होने के बावजूद भी की जा रही अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी.
उधर, राज्यसभा में उम्मीदवारों की घोषणा की कवायद के बीच करीब 10 दिन से खुद रामेश्वर डूडी भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन मुलाकातों में डूडी ने खुद को राज्यसभा में भेजने की मांग भी की है. हालांकि राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा आज या कल में होने की उम्मीद है. ऐसे में अब सबकी नजरें इस बात पर है कि क्या रामेश्वर डूडी कांग्रेस के राज्यसभा से उम्मीदवार होंगे.