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SPECIAL: कोरोना के चलते अस्पताल जाने से डर रहे लोग, संस्थागत प्रसव में आई कमी - कोरोना का असर

कोरोना संकट ने हर जगह अपना प्रभाव डाला है. चाहे बात अर्थव्यवस्था की हो, या दैनिक जीवन दिनचर्या की. यहां तक कि कोरोना के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों के साथ ही अस्पतालों में होने वाले संस्थागत प्रसव में भी भारी कमी आई है. देखें खास रिपोर्ट...

Corona Effect in Hospitals, Reduction in Institutional Delivery
कोरोना के चलते संस्थागत प्रसव में आई कमी
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Published : Jul 21, 2020, 7:53 PM IST

बीकानेर. वैश्विक स्तर पर फैली महामारी कोरोना का असर काफी देखने को मिला है. कोरोना का असर अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के साथ ही उन प्रसूताओं पर भी पड़ा है, जिनका लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रसव होना था. खुद चिकित्सा विभाग की जानकारी के मुताबिक संस्थागत प्रसव में लॉकडाउन के दौरान खासी कमी आई है. इसका एक सबसे बड़ा कारण वाहनों की उपलब्धता नहीं होना रहा. हालांकि कुछ लोग कोरोना मरीजों के चलते भी अस्पताल से दूरी बनाते हुए नजर आए.

कोरोना के चलते संस्थागत प्रसव में आई कमी

बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सलीम भी इस बात को स्वीकारते हुए कहते हैं कि कोरोना काल में अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. साथ ही अस्पताल में होने वाले प्रसव की संख्या भी कम हुई है. वहीं चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि विभाग के सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाले संस्थागत प्रसव में भी कमी देखने को मिली है.

पढ़ें- SPECIAL: मरीजों में अभी भी कोरोना का डर, जयपुर में कोविड-19 सेंटर खाली, अस्पतालों तक में नहीं आ रहे पेशेंट

बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीना कहते हैं कि संस्थागत प्रसव में कमी आई है, जिसका कारण लॉकडाउन में वाहनों की उपलब्धता नहीं होना था. लेकिन इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने ऐसे लोगों से संपर्क बनाए रखा और उनकी होम डिलीवरी में मदद की. वहीं बीकानेर के बच्चा अस्पताल के डॉ. मुकेश कहते हैं कि अस्पताल में गंभीर परिस्थिति में आईसीयू में आने वाले नवजात भी कम आए. साथ ही जनरल वार्ड में भी बीमार बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है.

पढ़ें- SPECIAL: नर्सिंगकर्मियों की कमी से जूझ रहे राजस्थान के अस्‍पताल

बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा कहते हैं कि अब जबकि लॉकडाउन खुल गया है. हालांकि कोरोना का प्रभाव जारी है, लेकिन विभाग की ओर से अब उन सभी नवजात बच्चों के टीकाकरण और देखरेख को लेकर संबंधित क्षेत्र की जीएनएम और एएनएम से हर दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है.

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो बीकानेर में साल 2019 में जनवरी से लेकर मई तक 18969 संस्थागत प्रसव हुए. वहीं जनवरी 2020 से मई 2020 तक यह आंकड़ा 18254 रहा. जनवरी 2020 में बीकानेर में जहां संस्थागत प्रसव 4319 हुए. वहीं मार्च में ये आंकड़ा 3640 और अप्रैल में 2693 रह गया. वहीं मई में यह आंकड़ा 3721 रहा.

बीकानेर. वैश्विक स्तर पर फैली महामारी कोरोना का असर काफी देखने को मिला है. कोरोना का असर अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के साथ ही उन प्रसूताओं पर भी पड़ा है, जिनका लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रसव होना था. खुद चिकित्सा विभाग की जानकारी के मुताबिक संस्थागत प्रसव में लॉकडाउन के दौरान खासी कमी आई है. इसका एक सबसे बड़ा कारण वाहनों की उपलब्धता नहीं होना रहा. हालांकि कुछ लोग कोरोना मरीजों के चलते भी अस्पताल से दूरी बनाते हुए नजर आए.

कोरोना के चलते संस्थागत प्रसव में आई कमी

बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सलीम भी इस बात को स्वीकारते हुए कहते हैं कि कोरोना काल में अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. साथ ही अस्पताल में होने वाले प्रसव की संख्या भी कम हुई है. वहीं चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि विभाग के सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाले संस्थागत प्रसव में भी कमी देखने को मिली है.

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बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीना कहते हैं कि संस्थागत प्रसव में कमी आई है, जिसका कारण लॉकडाउन में वाहनों की उपलब्धता नहीं होना था. लेकिन इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने ऐसे लोगों से संपर्क बनाए रखा और उनकी होम डिलीवरी में मदद की. वहीं बीकानेर के बच्चा अस्पताल के डॉ. मुकेश कहते हैं कि अस्पताल में गंभीर परिस्थिति में आईसीयू में आने वाले नवजात भी कम आए. साथ ही जनरल वार्ड में भी बीमार बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है.

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बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा कहते हैं कि अब जबकि लॉकडाउन खुल गया है. हालांकि कोरोना का प्रभाव जारी है, लेकिन विभाग की ओर से अब उन सभी नवजात बच्चों के टीकाकरण और देखरेख को लेकर संबंधित क्षेत्र की जीएनएम और एएनएम से हर दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है.

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो बीकानेर में साल 2019 में जनवरी से लेकर मई तक 18969 संस्थागत प्रसव हुए. वहीं जनवरी 2020 से मई 2020 तक यह आंकड़ा 18254 रहा. जनवरी 2020 में बीकानेर में जहां संस्थागत प्रसव 4319 हुए. वहीं मार्च में ये आंकड़ा 3640 और अप्रैल में 2693 रह गया. वहीं मई में यह आंकड़ा 3721 रहा.

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