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हंगामे के बीच बीकानेर नगर निगम में 377 करोड़ रुपए का बजट हुआ पेश, कांग्रेस ने लगाया ये आरोप

बीकानेर नगर निगम का वर्ष 2021-22 के लिए महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने 370 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. करीब 1 साल बाद हुई नगर निगम की साधारण सभा की बैठक काफी हंगामेदार रही. हंगामे के बीच ही महापौर ने बजट पेश किया और बैठक खत्म करने की घोषणा की.

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बीकानेर नगर निगम में 377 करोड़ रुपए का बजट हुआ पेश
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Published : Feb 9, 2021, 3:44 PM IST

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक सोमवार को आयोजित हुई. कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंस की पालना करने के लिए नगर निगम के बाहर रविंद्र रंगमंच में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान महापौर सुशीला कंवर ने शहर के विकास के लिए वर्ष 2021-22 के लिए 377 करोड़ 54 लाख रुपए का बजट पेश किया. बैठक के शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी पार्षदों ने व्यवस्थाओं की खामियों को उठाते हुए विरोध शुरू कर दिया और काला कपड़ा लेकर महापौर के सामने लहराया.

बीकानेर नगर निगम में 377 करोड़ रुपए का बजट हुआ पेश

बैठक में बोलने के लिए माइक उपलब्ध नहीं करवाने पर विरोध करने के लिए खड़े हुए कांग्रेसी पार्षदों का कहना था कि हमें बोलने के लिए मौका नहीं दिया जा रहा है. वहीं महापौर का कहना था कि पहले अभिभाषण पूरा हो जाए, उसके बाद में चर्चा होगी. इस दौरान कांग्रेसी पार्षद शहर में विकास नहीं होने और बजट के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लगातार अपनी बात कहते रहे. इस दौरान कई बार वे महापौर के आसन के आगे विरोध करने के लिए पहुंचे, लेकिन हंगामे के बीच किसी बात का कोई नतीजा नहीं निकला.

महापौर ने अभिभाषण एक बार बीच में ही रोक दिया. कुछ देर बाद फिर से महापौर ने अभिभाषण पूरा करते हुए शहर में विकास के कई काम शुरू करने की बात कही. इस दौरान कई नई योजनाओं को नए वर्ष में चालू करने की घोषणा की, जिनमें शहर में नगर निगम का नया भवन बनाने की साथ ही शहर में कई बार और राजस्व वसूली के लिए निगम की जमीनों की विक्रय करने का प्लान भी बताया.

यह भी पढ़ें- गहलोत कैबिनेट की बैठक आज, बनेगी विधानसभा सत्र पर रणनीति

हंगामे को बढ़ता देख महापौर ने अपना अभिभाषण पूरा होते ही राष्ट्रगान शुरू करवा दिया और बैठक के समाप्त होने की घोषणा की. वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद चेतना डोटासरा का कहना था कि बजट में इन बातों को शामिल किया गया है. वह पिछले 2 सालों से शामिल की जा रही है, लेकिन इतना राजस्व लक्ष्य तय किया जाता है, उसके मुकाबले शून्य राजस्व मिला है. उसके बावजूद भी इस बजट में भी इन मुद्दों को शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास से मिलने वाले 15 प्रतिशत विकास को इस बार भी जोड़ा गया है, जबकि पिछली बार भी नगर विकास न्यास से 1 रुपए भी नहीं मिला. ऐसे में केवल कागजों में बजट बनाने से कुछ नहीं होगा और नींद में भले ही 500 करोड़ रुपए का बजट बना लिया जाए, लेकिन धरातल पर कोई काम नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि धरातल पर काम अगर होता हो तो 200 करोड़ से बीकानेर का समुचित विकास हो सकता है, लेकिन केवल कागजों में ही बजट बन रहा है.

दिखी अव्यवस्थाएं

नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में कई अवस्थाएं नजर आई, जिनमें कांग्रेस पार्षदों ने भी मुद्दा उठाया. दरअसल कांग्रेसी पार्षदों को न तो बोलने के लिए पहले माइक दिया गया और ना ही उन्हें पीने का पानी दिया गया. इतना ही नहीं सदन में जिस मुद्दे को लेकर बैठक का उसका आयोजन किया गया. बजट बैठक का और प्रस्तावों की प्रति भी पार्षदों और मीडिया को उपलब्ध नहीं करवाई गई.

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक सोमवार को आयोजित हुई. कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंस की पालना करने के लिए नगर निगम के बाहर रविंद्र रंगमंच में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान महापौर सुशीला कंवर ने शहर के विकास के लिए वर्ष 2021-22 के लिए 377 करोड़ 54 लाख रुपए का बजट पेश किया. बैठक के शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी पार्षदों ने व्यवस्थाओं की खामियों को उठाते हुए विरोध शुरू कर दिया और काला कपड़ा लेकर महापौर के सामने लहराया.

बीकानेर नगर निगम में 377 करोड़ रुपए का बजट हुआ पेश

बैठक में बोलने के लिए माइक उपलब्ध नहीं करवाने पर विरोध करने के लिए खड़े हुए कांग्रेसी पार्षदों का कहना था कि हमें बोलने के लिए मौका नहीं दिया जा रहा है. वहीं महापौर का कहना था कि पहले अभिभाषण पूरा हो जाए, उसके बाद में चर्चा होगी. इस दौरान कांग्रेसी पार्षद शहर में विकास नहीं होने और बजट के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लगातार अपनी बात कहते रहे. इस दौरान कई बार वे महापौर के आसन के आगे विरोध करने के लिए पहुंचे, लेकिन हंगामे के बीच किसी बात का कोई नतीजा नहीं निकला.

महापौर ने अभिभाषण एक बार बीच में ही रोक दिया. कुछ देर बाद फिर से महापौर ने अभिभाषण पूरा करते हुए शहर में विकास के कई काम शुरू करने की बात कही. इस दौरान कई नई योजनाओं को नए वर्ष में चालू करने की घोषणा की, जिनमें शहर में नगर निगम का नया भवन बनाने की साथ ही शहर में कई बार और राजस्व वसूली के लिए निगम की जमीनों की विक्रय करने का प्लान भी बताया.

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हंगामे को बढ़ता देख महापौर ने अपना अभिभाषण पूरा होते ही राष्ट्रगान शुरू करवा दिया और बैठक के समाप्त होने की घोषणा की. वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद चेतना डोटासरा का कहना था कि बजट में इन बातों को शामिल किया गया है. वह पिछले 2 सालों से शामिल की जा रही है, लेकिन इतना राजस्व लक्ष्य तय किया जाता है, उसके मुकाबले शून्य राजस्व मिला है. उसके बावजूद भी इस बजट में भी इन मुद्दों को शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास से मिलने वाले 15 प्रतिशत विकास को इस बार भी जोड़ा गया है, जबकि पिछली बार भी नगर विकास न्यास से 1 रुपए भी नहीं मिला. ऐसे में केवल कागजों में बजट बनाने से कुछ नहीं होगा और नींद में भले ही 500 करोड़ रुपए का बजट बना लिया जाए, लेकिन धरातल पर कोई काम नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि धरातल पर काम अगर होता हो तो 200 करोड़ से बीकानेर का समुचित विकास हो सकता है, लेकिन केवल कागजों में ही बजट बन रहा है.

दिखी अव्यवस्थाएं

नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में कई अवस्थाएं नजर आई, जिनमें कांग्रेस पार्षदों ने भी मुद्दा उठाया. दरअसल कांग्रेसी पार्षदों को न तो बोलने के लिए पहले माइक दिया गया और ना ही उन्हें पीने का पानी दिया गया. इतना ही नहीं सदन में जिस मुद्दे को लेकर बैठक का उसका आयोजन किया गया. बजट बैठक का और प्रस्तावों की प्रति भी पार्षदों और मीडिया को उपलब्ध नहीं करवाई गई.

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