बीकानेर. रुणिचा स्थित लोक देवता बाबा रामदेव का मेला भादवा महीने की दशमी (Baba Ramdev fair in Runicha) को भरेगा. बाबा रामदेव के दर्शन के लिए इस मेले में देश भर से पैदल श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं और बाबा की समाधि पर माथा टेकते हैं. कई सौ किलोमीटर पैदल सफर तय कर कई दिनों बाद यह पैदल श्रद्धालु रुणिचा पहुंचते हैं, खास बात यह है कि इतने लंबे सफर में भी पैदल चलकर आने वाले इन श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है.
वजह है इन पैदल श्रद्धालुओं की सेवा करने वाले सेवादारों की पूरे रास्ते (Sevadar provide facilities to devotees) मौजूदगी. देश के पंजाब, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली और आसपास के राज्यों के साथ ही राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, सीकर और आसपास के जिलों के पैदल श्रद्धालु बड़ी संख्या में हर साल भादव महीने पैदल ही रामदेवरा जाते हैं और रास्ते में उनकी सेवा के लिए सेवादारों की ओर से हर तरह की सुविधा और सेवा की व्यवस्था की जाती है.
पढ़ें. रामदेव बाबा के भक्तों की सेवा में राजनेता, कोई मरहम पट्टी में लगा तो किसी ने लंगर में परोसा खाना
रास्तेभर मदद को सेवादार तैयार
राजमार्ग के किनारे या फिर सूनसान रेतीले धोरे हों हर जगह इन पैदल श्रद्धालुओं के लिए सेवादार सहायता के लिए नजर आते हैं. पूरे रास्ते हर कदम पर टैंट लगाकर खाने पीने आराम करने से लेकर मोबाइल चार्ज करने तक की हर सुविधा इन सेवादारों की ओर से पैदल यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जाती है.
लजीज खाने की भी व्यवस्था
इतना ही नहीं सुबह गर्म नाश्ते से लेकर 24 घंटे गर्म खाना, चाय-ठंडा के साथ ही हर तरह का लजीज व्यंजन इन पैदल यात्रियों के लिए सेवादारों की ओर से उपलब्ध कराया जाता है. अलग-अलग संस्थाओं की ओर से लगाए जाने वाले इन शिविरों में सेवा करने वाले लोग अपने पूरे कामकाज और व्यवसाय को छोड़कर 10 दिनों तक केवल इन पैदल श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए जुटे दिखते हैं.
जंगल में मंगल सा माहौल
बदलते समय के साथ ही अब सेवा भी हाईटेक होने लग गई है. जंगल में मंगल सा दिखने वाला माहौल में स्विस टेंट और डोम जैसी सुविधाएं भी सेवादारों की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है. इतना ही नहीं पिछले 50 सालों से भी ज्यादा समय से लगातार कई सेवा संस्थान इन पैदल श्रद्धालुओं की सेवा में जुटी हुई हैं.
पढ़ें. Baba Ramdev Mela, IAS टीना डाबी ने बाबा रामदेव का किया अभिषेक, भक्तों की लंबी कतार
दिल्ली की संस्था का हाईटेक टैंट
पिछले 8 सालों से बीकानेर से करीब 100 किलोमीटर दूर नोखड़ा के पास दिल्ली की बाबा रामदेव संस्था की ओर से श्रद्धालुओं के लिए हाईटेक व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. इस संस्था में जुड़े सभी लोग बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों से हैं और वे कहते हैं कि जब हमने इस क्षेत्र में मेले के वक्त कुछ व्यवस्थाओं में कमी देखी तब हमें यह ख्याल आया और हम लोग सब अपने साथियों के साथ हर साल यहां आते हैं. संस्था के संस्थापक अध्यक्ष लक्ष्मीपत भूतोडिया कहते हैं कि हम अपना प्रयास करते हैं कि पैदल श्रद्धालुओं को हर सुविधा उपलब्ध कराएं, बाकी सब बाबा रामदेव की कृपा है.
पढ़ें. मंगला आरती के साथ बाबा रामदेव मेला शुरू, पहुंचे हजारों श्रद्धालु
अब बनाएंगे स्थायी व्यवस्था
संस्था के कोषाध्यक्ष मोतीलाल सेठिया कहते हैं कि अब हम लोगों ने यहां करीब 4 बीघा जमीन खरीद ली है और पूरी तरह से यहां स्थाई व्यवस्था जिसमें महिला और पुरुषों के लिए प्रशासन बाथरूम की व्यवस्था और कमरों का निर्माण करेंगे साथ ही यहां एक बाबा रामदेव का भव्य मंदिर भी बनाएंगे और हमारा उद्देश्य है कि मेले के मौके पर जहां श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधाएं काम आए वही आम दिनों में स्थानीय ग्रामीण भी इस सुविधाओं का लाभ ले सके।
आम और खास आते नजर
दरअसल सामाजिक भेदभाव और कुरीतियों को मिटाकर भाईचारा कायम रखने के लिए बाबा रामदेवरा ने ही अगुवाई की थी और वही अब मेले में भी नजर आता है. बाबा के दर तक पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं में हर धर्म, मजहब जाति के लोग शामिल होते हैं और सेवा भाव में शामिल होते हैं. इतना ही नहीं आम लोगों के साथ खास भी इन सेवाओं में सेवादार की तरह नजर आते हैं.
पढ़ें. बाबा रामदेव के मेला का आगाज, अभिषेक और आरती के साथ शुरू
बीकानेर से सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल कहते हैं कि निश्चित रूप से बाबा रामदेवरा ने लोक कल्याण और सामाजिक भेदभाव को मिटाने के लिए कार्य किया. श्रद्धालुओं के लिए सेवादारों की व्यवस्थाओं को लेकर मंत्री अर्जुन मेघवाल कहते हैं कि निश्चित रूप से जिस तरह से श्रद्धालु पैदल रुणिचा धाम जाते हैं उसी श्रद्धाभाव से इन श्रद्धालुओं की सेवा के लिए भी सेवादारों की कमी नहीं रहती और हर कदम पर सेवादार बेहतर करने का प्रयास करते हुए नजर आते हैं.
हर खाना सेवा में
हालांकि सेवाभाव में सेवा करने वाले का भाव देखा जाता है लेकिन हर श्रद्धालु को बेहतर वातावरण मिले इसका प्रयास इन सेवा संस्थाओं की ओर से लगाए जाने वाले शिविरों में देखने को मिलता है. शिविर में रोटी-सब्जी के साथ ही ग्रीन सलाद से लेकर मिठाई, नमकीन, ठंडा पेय के साथ ही आराम करने के लिए कूलर और एसी टेंट भी इन सेवादारों की ओर से श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध करवाया जाता है.
घावों पर मरहम से पट्टी तक: पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं के पैरों में पड़ने वाले छालों और घावों पर मरहम लगाने के लिए भी हर सेवा शिविर में सेवादारों की ओर से तत्परता देखने को मिलती है.