बीकानेर. प्रदेश के अन्य जिलों की तरह बीकानेर में भी पक्षियों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को लगातार तीसरे दिन बीकानेर में कौवे के मरने की खबर सामने आई है. सोमवार को बीकानेर में अलग-अलग 13 स्थानों पर कुल 62 पक्षी मृत पाए गए हैं. इनमें 54 कौवे और 8 कमेडी मृत पाए गए हैं. जिले में कुछ स्थानों पर मृत पक्षियों के सूचना के बाद बर्ड फ्लू की आशंका को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर नमित मेहता ने संबंधित विभागों को समन्वय करते हुए ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने इस संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित कर निर्देश दिए हैं. मेहता ने कहा कि ऐसी सूचना पर ऐसे स्थानों की पहचान करने के साथ-साथ मरे हुए पक्षियों की सैम्पलिंग और उचित निस्तारण के लिए वन, पशुपालन विभाग के साथ-साथ पंचायती राज और चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग उचित समन्वय करते हुए सुनिश्चित करें कि बर्ड फ्लू का संक्रमण मनुष्य तक ना पहुंचे. मेहता ने कहा कि ऐसी सूचना के बाद सैंपलिंग की व्यवस्था करने और मृत शरीर के उचित प्रक्रिया की अनुपालना करवाते हुए निस्तारण होना सुनिश्चित हो.
तीन कन्ट्रोल रूम स्थापित
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में पक्षियों (कौआ) की अप्राकृतिक मृत्यु के मद्देनजर 3 कन्ट्रोल रूम स्थापित कर सतर्कता बरती जा रही है. इन कन्ट्रोल रूम में कोई भी व्यक्ति पक्षियों की अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना दे सकता है. जिला कलेक्टर में विकास अधिकारियों को सभी ग्राम विकास अधिकारियों को ऐसे किसी भी सूचना मिलने पर कार्रवाई करने में सहयोग करने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए हैं. यदि कोई सैंपल पॉजिटिव पाया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे क्षेत्र को सील करें और कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र के संपर्क में ना आए.
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जिला कलेक्टर ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि क्षेत्र में बर्ड फ्लू की संभावना पाए जाने पर क्षेत्र के लोगों के साथ सावधानी उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें. इस कार्य में पीएचसी पर तैनात एएनएम, चिकित्सक को प्रोएक्टिव करें. जिला कलेक्टर ने बताया कि ऐसी सूचना के लिए ब्लॉक लेवल पर भी कंट्रोल रूम में सूचना दी जा सकती है. श्रीडूंगरगढ़ और नापासर में मृत पक्षी मिलने की सूचना का विश्लेषण किया जा रहा है.
पीपीई किट की व्यवस्था
मेहता ने कहा कि सैंपल लेने वाले कर्मचारी अनिवार्य रूप से पीपीई किट पहनें. निस्तारण प्रक्रिया में नियोजित कर्मचारियों के भी पीपीई किट, दास्ताने, सैनिटाइजर का उपयोग सुनिश्चित हो. इसके लिए सम्बंधित विभाग पीएचसी स्तर पर भी सम्पर्क कर सकता है. मेहता ने कहा भी कहा कि किसी भी स्थान पर 10 से 20 पक्षी एक साथ अचानक मरने की सूचना मिले तो तुरंत कार्रवाई की जाए. जिला कलेक्टर ने बताया कि लूणकरणसर श्री डूंगरगढ़ और नापासर में पक्षी मिलने की सूचना के बाद सैंपलिंग की गई है. संबंधित विभाग की ओर से आसपास के क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई केस आता है, तो समय रहते एडवाइजरी करवा दी जाएगी.