भीलवाड़ा. विश्व रूपी कोरोना वायरस महामारी का कहर आज के समय में हर वर्ग का व्यक्ति झेल रहा है, ऐसे में जिम क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस कहर का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. जहां एक तरफ सरकार कोरोना से जंग के लिए इम्यूनिटी पावर बढ़ाने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर जिम में अभी भी ताले लगे हुए हैं.
बीते दिनों ही सरकार की ओर से राहत प्रदान करते हुए बाजार और अन्य क्षेत्रों से जुड़े व्यवसायों को शुरू कर दिया गया है. मगर अब तक सरकार द्वारा जिम क्षेत्र में कोई राहत नहीं दी गई. बॉडी बिल्डर से जुड़े लोगों को इस महामारी के कारण कई संकटों से जूझना पड़ रहा है. यहां तक की बॉडी बिल्डर अब बेरोजगार होने के चलते दूसरे काम की तलाश में घूम रहे है.
मिस्टर राजस्थान रहे बॉडी बिल्डर अभिषेक ओझा ने ईटीवी से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन में हर जिम मालिकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. वहीं कंपटीशन भी बंद होने के चलते हम हमारी आगे की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं. मैं खुद इस 2020 में इंडिया को बॉडी बिल्डर के लिए रिप्रेजेंट करना चाह रहा था, परंतु लॉकडाउन के कारण मैं अपनी तैयारी पूर्ण नहीं कर पाया.
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अनलॉक के बाद सरकार ने जहां अन्य क्षेत्रों से जुड़े व्यवसाय खोलने की छूट दी है, यहां तक कि सरकार ने बार और दारू के ठेके खोलने तक की छूट दे दी है, मगर जिम क्षेत्र के लोगों को अब तक कोई भी राहत प्रदान नहीं की गई है. वहीं अब जिम पर ताले लगे होने के चलते बॉडी बिल्डर्स का स्टैमिना भी कम हो रहा है. यहां तक की बीते 3 माह में बंद रहे जिम का बिजली का बिल और किराया भी जैसा का तैसा आ ही रहा है.
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आर्थिक स्थिति हो रही कमजोर-
नॉर्थ इंडिया चैंपियन रहे मोहम्मद अकरम ने कहा कि कोरोना के चलते लॉकडाउन से हर क्षेत्र के व्यक्ति को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. ऐसे में जहां हम एक माह में 50 हजार रुपये से अधिक कमा लेते थे. वहीं अब आमदनी का कोई जरिया नजर नहीं आरहा है. हर बॉडीबिल्डर को अपने डाइट के अनुसार कम से कम 7-8 हजार तक का खर्च आ जाता है, मगर आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते हमारी डाइट भी पूर्ण नहीं हो पा रही है, ना ही हमारा स्टैमिना बढ़ पा रहा है.
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बेरोजगार हुए बॉडी बिल्डर्स रोजगार ढूंढने को मजबूर-
एमपी जिम के ट्रेनर रोहित सिंह राठौड़ ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान लगभग 3 महीनों से हम बेरोजगार हो गए थे और हमारा गुजारा चलना भी काफी हद तक मुश्किल हो गया था. जिसके चलते हमारे घर की स्थिति भी बिगड़ गई है इसलिए हमें मजबूरन अन्य क्षेत्र में रोजगार ढूंढ कर काम चलाना पड़ रहा है. हम बस सरकार से एक ही उम्मीद करते हैं कि हमें भी कोई राहत प्रदान की जाए.
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अब बस सरकार से है उम्मीद-
प्रदेश भर के जिम व्यवसाय से जुड़े लोगों की सरकार से एक ही उम्मीद है कि आने वाली गाइड लाइन में जिम फिटनेस सेंटर को भी खोलने की अनुमति दी जाए. जिसके चलते वह अपने रोजी को दोबारा चला सके और अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की वाली गाड़ी को दोबारा पटरी पर ला सकें.
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हजारों रुपए का किराया-
भीलवाड़ा में लगभग 3 माह से 90 से अधिक जिम बंद है. जिसका किराया जैसा का तैसा चल रहा है, तो वहीं बिजली का बिल भी बढ़ा हुआ आ रहा है. जिले में 80% जिम किराए से चल रहे हैं, जिनका किराया भी 30 से 50 हजार तक के बीच में आता है. साथ ही इस बार बिजली के बिलों ने भी आसमान छू लिया है. वहीं किराया नहीं देने के चलते कई जिम मालिकों पर तो जिम खाली करने का भी दबाव बनाया जा रहा है.
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बेरोजगार हुए बॉडी बिल्डर-
3 माह से बंद जिम के चलते लगभग भीलवाड़ा के सभी बॉडीबिल्डर बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में उन्होंने जैसे-तैसे करके अपना गुजारा निकाल लिया, मगर अब अनलॉक के बाद बॉडी बिल्डर्स की हालत बद से बदतर हो गई है. जिसके चलते उन्होंने काम की तलाश भी शुरू कर दी है. लेकन कुछ बॉडी बिल्डर ऐसे भी है जो बेरोजगार होकर अपने घर ही बैठे हुए हैं.