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प्रदेश में कई जगहों पर कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर शहीदों को किया गया नमन - Kargil war

आज यानि (शुक्रवार) 26 जुलाई 2019 को भारत-पाक के बीच साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध को 20 साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर सरकार से लेकर आम लोगों तक इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को सलाम किए. इस दिन को पाक की हार और भारत की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है. 20 साल पहले कारगिल में पाक ने भारत के ऊपर हमला कर दिया था, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इस महासंग्राम में देश ने 527 वीर सपूतों को खो दिया था, जिनको आज श्रद्धांजलि दी जा रही है.

कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर शहीदों को किया गया नमन
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Published : Jul 26, 2019, 6:12 PM IST

नागौर. करीब 20 साल पहले जम्मू-कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों को खदेड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नागौर के योद्धाओं को कारगिल शहीद दिवस के मौके पर नमन किया गया. शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया. नागौर में मूंडवा तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक पर हुए कार्यक्रम में शहरवासियों ने भी शहीदों को पुष्पांजलि दी.

कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर शहीदों को किया गया नमन

मूंडवा तिराहा स्थित शहीद स्मारक पर शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से हुए इस कार्यक्रम में आरएसी के जवानों ने शहीदों को सलामी दी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, शहीदों के परिजनों और शहरवासियों ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया. कारगिल और उससे पहले हुए युद्धों में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की घुसपैठ से लेकर भारतीय सेना की विजय तक का पूरा विवरण साझा किया. साथ ही युवाओं को उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस में कॅरियर बनाने का आह्वान किया. एडीएम मनोज कुमार ने कहा कि जो जिस क्षेत्र में काम कर रहा है. वहां ईमानदारी और लगन से काम करके भी वह देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकता है.

इस मौके पर कारगिल में शहीद हुए सिपाही अर्जुनराम, नायक प्रभुराम चोटिया, ग्रेनेडियर सुरेंद्र सिंह और नायक भंवर सिंह के परिजनों के अलावा कारगिल से पहले युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों का भी सम्मान किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स और शहरवासी शामिल हुए.

चूरू में मनाया गया कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर चूरू में शहीद स्मारक पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को जिला प्रशासन, सैनिक कल्याण बोर्ड, वीरांगनाओं और अन्य लोगों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. आज ही के दिन भारत के वीर सैनिकों ने अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्तान को इस युद्ध में पराजित कर पूरे विश्व में भारत के बहादुरी का संदेश दिया था. इस कारगिल के युद्ध में शेखावाटी के कई जवानों ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी तो वही कुछ जवानों ने मातृभूमि की सेवा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था.

कारगिल युद्ध में चूरू के सात जवानों ने दी थी शहादत
कारगिल युद्ध में जिले के सात जवानों ने अपनी शहादत दी थी. इनमें सूरतपुरा के लांस हवलदार महेंद्र सिंह गोदारा, सुलखानिया के सिपाही बजरंग लाल नैन, हरपालु ताल के लांस नायक विनोद कुमार कटेवा, भैसली के सिपाही राजकुमार पूनिया और दुधवाखारा के सूबेदार सुमेर सिंह राठौड़ थे.

आज भी यहां के कई जवान हैं सेना में
शेखावाटी देश में सबसे ज्यादा सैनिक देने वाले क्षेत्र में शुमार है और चूरू में भी देश सेवा का जज्बा कम नहीं है. इसी कारण यहां काफी संख्या में लोग अभी सेना में है और युवा सेना में जाने की तैयारियां कर रहे हैं.

चूरु स्थित शहीद स्मारक पर कलेक्टर संदेश नायक, कार्यवाहक एसपी प्रकाश चंद्र शर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सागर मल सैनी, एपीआरओ कुमार अजय सहित काफी संख्या में सैनिक, वीरांगनाएं और स्कूली बच्चे मौजूद रहे. समारोह में इस मौके पर 2 मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया गया. वहीं फूल मालाएं चढ़ाकर उन्हें नमन किया गया.

भीलवाड़ा में मनाया गया कारगिल विजय दिवस
भीलवाड़ा के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित गांधी विद्यालय में शुक्रवार को पूर्व सैनिक सेवा परिषद गुलाबपुरा की ओर से जिला स्तरीय कारगिल विजय दिवस मनाया गया. इस मौके पर कारगिल में शहीद हुए रणबांकुरे को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

गुलाबपुरा कस्बे के गांधी विद्यालय में कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीद जवानों को पुष्पांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से आयोजित किया, जिसमें कस्बे सहित पूर्व सैनिक परिवार के सदस्य मौजूद रहे. यहां सामाजिक संगठनों और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी कारगिल में शहीद जवानों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर कारगिल की वीर गाथाओं को जब बच्चे और सामाजिक संगठन के लोगों ने सुना तो उनके मन में देश के प्रति जज्बा कायम हो गया. उन्होंने कारगिल की वीर गाथा को सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए. इस मौके पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और कारगिल युद्ध में कर्नल रहे उदय सिंह ने भी कारगिल युद्ध के दौरान अपने आंखों देखा मंजर लोगों के सामने रखा.

कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि के दौरान बड़ी भूल के कारण जूते पहन कर ही श्रद्धांजलि दे दी गई. कार्यक्रम में गुलाबपुरा नगरपालिका अध्यक्ष धनराज गुर्जर, हुरडा प्रधान मधुसूदन पारीक, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल उदय सिंह, पूर्व सैनिक सामाजिक संगठन और राजनीति क्षेत्र के लोग मौजूद रहे.

नागौर. करीब 20 साल पहले जम्मू-कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों को खदेड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नागौर के योद्धाओं को कारगिल शहीद दिवस के मौके पर नमन किया गया. शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया. नागौर में मूंडवा तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक पर हुए कार्यक्रम में शहरवासियों ने भी शहीदों को पुष्पांजलि दी.

कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर शहीदों को किया गया नमन

मूंडवा तिराहा स्थित शहीद स्मारक पर शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से हुए इस कार्यक्रम में आरएसी के जवानों ने शहीदों को सलामी दी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, शहीदों के परिजनों और शहरवासियों ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया. कारगिल और उससे पहले हुए युद्धों में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की घुसपैठ से लेकर भारतीय सेना की विजय तक का पूरा विवरण साझा किया. साथ ही युवाओं को उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस में कॅरियर बनाने का आह्वान किया. एडीएम मनोज कुमार ने कहा कि जो जिस क्षेत्र में काम कर रहा है. वहां ईमानदारी और लगन से काम करके भी वह देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकता है.

इस मौके पर कारगिल में शहीद हुए सिपाही अर्जुनराम, नायक प्रभुराम चोटिया, ग्रेनेडियर सुरेंद्र सिंह और नायक भंवर सिंह के परिजनों के अलावा कारगिल से पहले युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों का भी सम्मान किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स और शहरवासी शामिल हुए.

चूरू में मनाया गया कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह पर चूरू में शहीद स्मारक पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को जिला प्रशासन, सैनिक कल्याण बोर्ड, वीरांगनाओं और अन्य लोगों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. आज ही के दिन भारत के वीर सैनिकों ने अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्तान को इस युद्ध में पराजित कर पूरे विश्व में भारत के बहादुरी का संदेश दिया था. इस कारगिल के युद्ध में शेखावाटी के कई जवानों ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी तो वही कुछ जवानों ने मातृभूमि की सेवा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था.

कारगिल युद्ध में चूरू के सात जवानों ने दी थी शहादत
कारगिल युद्ध में जिले के सात जवानों ने अपनी शहादत दी थी. इनमें सूरतपुरा के लांस हवलदार महेंद्र सिंह गोदारा, सुलखानिया के सिपाही बजरंग लाल नैन, हरपालु ताल के लांस नायक विनोद कुमार कटेवा, भैसली के सिपाही राजकुमार पूनिया और दुधवाखारा के सूबेदार सुमेर सिंह राठौड़ थे.

आज भी यहां के कई जवान हैं सेना में
शेखावाटी देश में सबसे ज्यादा सैनिक देने वाले क्षेत्र में शुमार है और चूरू में भी देश सेवा का जज्बा कम नहीं है. इसी कारण यहां काफी संख्या में लोग अभी सेना में है और युवा सेना में जाने की तैयारियां कर रहे हैं.

चूरु स्थित शहीद स्मारक पर कलेक्टर संदेश नायक, कार्यवाहक एसपी प्रकाश चंद्र शर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सागर मल सैनी, एपीआरओ कुमार अजय सहित काफी संख्या में सैनिक, वीरांगनाएं और स्कूली बच्चे मौजूद रहे. समारोह में इस मौके पर 2 मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया गया. वहीं फूल मालाएं चढ़ाकर उन्हें नमन किया गया.

भीलवाड़ा में मनाया गया कारगिल विजय दिवस
भीलवाड़ा के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित गांधी विद्यालय में शुक्रवार को पूर्व सैनिक सेवा परिषद गुलाबपुरा की ओर से जिला स्तरीय कारगिल विजय दिवस मनाया गया. इस मौके पर कारगिल में शहीद हुए रणबांकुरे को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

गुलाबपुरा कस्बे के गांधी विद्यालय में कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीद जवानों को पुष्पांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से आयोजित किया, जिसमें कस्बे सहित पूर्व सैनिक परिवार के सदस्य मौजूद रहे. यहां सामाजिक संगठनों और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी कारगिल में शहीद जवानों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर कारगिल की वीर गाथाओं को जब बच्चे और सामाजिक संगठन के लोगों ने सुना तो उनके मन में देश के प्रति जज्बा कायम हो गया. उन्होंने कारगिल की वीर गाथा को सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए. इस मौके पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और कारगिल युद्ध में कर्नल रहे उदय सिंह ने भी कारगिल युद्ध के दौरान अपने आंखों देखा मंजर लोगों के सामने रखा.

कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि के दौरान बड़ी भूल के कारण जूते पहन कर ही श्रद्धांजलि दे दी गई. कार्यक्रम में गुलाबपुरा नगरपालिका अध्यक्ष धनराज गुर्जर, हुरडा प्रधान मधुसूदन पारीक, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल उदय सिंह, पूर्व सैनिक सामाजिक संगठन और राजनीति क्षेत्र के लोग मौजूद रहे.

Intro:20 साल पहले जम्मू-कश्मीर के करगिल में पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों को खदेड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नागौर के योद्धाओं को करगिल शहीद दिवस के मौके पर नमन किया गया। शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया। नागौर में मूंडवा तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक पर हुए कार्यक्रम में शहरवासियों ने भी शहीदों को पुष्पांजलि दी।


Body:नागौर. यहां मूंडवा तिराहा स्थित शहीद स्मारक पर शुक्रवार को करगिल विजय दिवस मनाया गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से हुए इस कार्यक्रम में आरएसी के जवानों ने शहीदों को सलामी दी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, शहीदों के परिजनों और शहरवासियों ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया। करगिल और उससे पहले हुए युद्धों में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा ने करगिल में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की घुसपैठ से लेकर भारतीय सेना की विजय तक का पूरा विवरण साझा किया और युवाओं को उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस में कॅरियर बनाने का आह्वान किया। एडीएम मनोज कुमार ने कहा कि जो जिस क्षेत्र में काम कर रहा है। वहां ईमानदारी और लगन से काम करके भी वह देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकता है।


Conclusion:इस मौके पर करगिल में शहीद हुए सिपाही अर्जुनराम, नायक प्रभुराम चोटिया, ग्रेनेडियर सुरेंद्र सिंह और नायक भंवर सिंह के परिजनों के अलावा करगिल से पहले युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स और शहरवासी शामिल हुए। ..... बाइट 1- कर्नल मुकेश शर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी। बाइट 2- मनोज कुमार, एडीएम।
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