भीलवाड़ा: विधवा महिलाओं की मदद के लिए भीलवाड़ा के उद्योगपति गोपाल राठी ने सराहनीय पहल की है. गोपाल राठी का पारिवारिक ट्रस्ट श्री चंदनमल श्री गोपाल राठी चेरिटेबल ट्रस्ट माहेश्वरी समाज की विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध करा रहा है. भीलवाड़ा और अजमेर जिले में रहने वाली विधवा महिलाओं को यह सुविधा दी जा रही है.
7 दिन के भीतर मदद
सहायता राशि प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं. आवेदक से नाम, स्थाई पता, मोबाइल नंबर, जन्म तारीख के साथ ही परिवार का विवरण, आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल्स मांगी जाती है. आवेदन करने के हफ्ते भर के भीतर ही विधवा महिलाओं को सहायता राशि दे दी जाती है.
एक तरफ विधवा महिलाओं को पेंशन के लिए सरकारी कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन श्रीगोपाल राठी महज 7 दिन में ही विधवाओं को सहायता राशि मुहैया करा रहे हैं. सहायता राशि देने में पारदर्शिता का ध्यान भी रखा जा रहा है. बैंक के जरिए राशि दी जाती है. सहायता राशि लेने पहुंचीं माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने भी इस पहल की तारीफ की.
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हर महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि
सहायता राशि लेने पहुंची माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने बताया कि बीमारी के बाद पति का निधन हो गया. 2 बच्चे हैं. समाज ने पहले भी साथ दिया था. यही अपील करती हूं कि दूसरे समाज के लोग भी इसी तरह मजबूर विधवा महिला का साथ दें तो उनके बच्चे-बच्ची भी पढ़-लिख कर नाम रोशन कर सकते हैं. मेरे दोनों बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया है. उनकी तमाम जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है. मैं मजबूर होकर समाज का पैसा ले रही हूं. अगर मेरी मजबूरी नहीं होती तो एक हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि लेने की जरूरत नहीं पड़ती.
पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए मदद
गोपाल राठी ने बताया कि पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए भीलवाड़ा और अजमेर जिले में विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है. हम एजुकेशन, स्कूल फीस में भी सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. अब तक 211 महिलाओं के आवेदन मिल चुके हैं. आगे जितने भी आवेदन आएंगे, उन सभी को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
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ताकि मजबूर न रहें महिलाएं....
गोपाल राठी के मुताबिक उनका उद्देश्य है कि विधवा महिला मजबूर नहीं रहें. उनके बेटे भी पढ़-लिख कर समाज और देश का नाम रोशन कर सकें. हम सिर्फ आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, कैंसिल चेक लेकर 7 दिन में बैंक के जरिए सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. पुष्कर धार्मिक स्थल पर भी हम 20 साल से प्रतिदिन 100 से 150 लोगों को भोजन कराते हैं.
सराहनीय पहल
कोरोना महामारी के चलते 500-600 भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. भविष्य में अस्पताल के पास धर्मशाला बनाने का उद्देश्य है ताकि वहां आने वाले प्रत्येक मरीज के परिजनों को रहने के लिए कोई दुविधा नहीं हो.श्रीगोपाल राठी की ये पहल वाकई अनुकरणीय है.