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Special: मिलिए उस शख्स से जिसने विधवा महिलाओं की मदद के लिए की सराहनीय पहल - Good initiative

भीलवाड़ा शहर में रहने वाले श्रीगोपाल राठी ने सराहनीय पहल की है. उनका पारिवारिक ट्रस्ट विधवा महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने अजमेर और भीलवाड़ा जिले की माहेश्वरी समाज की 250 विधवा महिलाओं को सहायता राशि देने का लक्ष्य रखा है.

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विधवा महिलाओं के लिए सराहनीय पहल
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Published : Jun 15, 2021, 6:20 PM IST

भीलवाड़ा: विधवा महिलाओं की मदद के लिए भीलवाड़ा के उद्योगपति गोपाल राठी ने सराहनीय पहल की है. गोपाल राठी का पारिवारिक ट्रस्ट श्री चंदनमल श्री गोपाल राठी चेरिटेबल ट्रस्ट माहेश्वरी समाज की विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध करा रहा है. भीलवाड़ा और अजमेर जिले में रहने वाली विधवा महिलाओं को यह सुविधा दी जा रही है.

7 दिन के भीतर मदद

सहायता राशि प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं. आवेदक से नाम, स्थाई पता, मोबाइल नंबर, जन्म तारीख के साथ ही परिवार का विवरण, आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल्स मांगी जाती है. आवेदन करने के हफ्ते भर के भीतर ही विधवा महिलाओं को सहायता राशि दे दी जाती है.

विधवा महिलाओं के लिए की सराहनीय पहल

एक तरफ विधवा महिलाओं को पेंशन के लिए सरकारी कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन श्रीगोपाल राठी महज 7 दिन में ही विधवाओं को सहायता राशि मुहैया करा रहे हैं. सहायता राशि देने में पारदर्शिता का ध्यान भी रखा जा रहा है. बैंक के जरिए राशि दी जाती है. सहायता राशि लेने पहुंचीं माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने भी इस पहल की तारीफ की.

पढ़ें- जब आलाकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री माना है तो फिर पायलट को भी मानना पड़ेगा : भंवरलाल शर्मा

हर महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि

सहायता राशि लेने पहुंची माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने बताया कि बीमारी के बाद पति का निधन हो गया. 2 बच्चे हैं. समाज ने पहले भी साथ दिया था. यही अपील करती हूं कि दूसरे समाज के लोग भी इसी तरह मजबूर विधवा महिला का साथ दें तो उनके बच्चे-बच्ची भी पढ़-लिख कर नाम रोशन कर सकते हैं. मेरे दोनों बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया है. उनकी तमाम जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है. मैं मजबूर होकर समाज का पैसा ले रही हूं. अगर मेरी मजबूरी नहीं होती तो एक हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि लेने की जरूरत नहीं पड़ती.

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हर महीने 1000 रुपए की सहायता

पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए मदद

गोपाल राठी ने बताया कि पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए भीलवाड़ा और अजमेर जिले में विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है. हम एजुकेशन, स्कूल फीस में भी सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. अब तक 211 महिलाओं के आवेदन मिल चुके हैं. आगे जितने भी आवेदन आएंगे, उन सभी को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

पढ़ें- 'क्या राजस्थान में गिर जाएगी गहलोत सरकार', राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बढ़ाया सस्पेंस

ताकि मजबूर न रहें महिलाएं....

गोपाल राठी के मुताबिक उनका उद्देश्य है कि विधवा महिला मजबूर नहीं रहें. उनके बेटे भी पढ़-लिख कर समाज और देश का नाम रोशन कर सकें. हम सिर्फ आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, कैंसिल चेक लेकर 7 दिन में बैंक के जरिए सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. पुष्कर धार्मिक स्थल पर भी हम 20 साल से प्रतिदिन 100 से 150 लोगों को भोजन कराते हैं.

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ट्रस्ट बनाकर कर रहे महिलाओं की मदद

सराहनीय पहल

कोरोना महामारी के चलते 500-600 भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. भविष्य में अस्पताल के पास धर्मशाला बनाने का उद्देश्य है ताकि वहां आने वाले प्रत्येक मरीज के परिजनों को रहने के लिए कोई दुविधा नहीं हो.श्रीगोपाल राठी की ये पहल वाकई अनुकरणीय है.

भीलवाड़ा: विधवा महिलाओं की मदद के लिए भीलवाड़ा के उद्योगपति गोपाल राठी ने सराहनीय पहल की है. गोपाल राठी का पारिवारिक ट्रस्ट श्री चंदनमल श्री गोपाल राठी चेरिटेबल ट्रस्ट माहेश्वरी समाज की विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध करा रहा है. भीलवाड़ा और अजमेर जिले में रहने वाली विधवा महिलाओं को यह सुविधा दी जा रही है.

7 दिन के भीतर मदद

सहायता राशि प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं. आवेदक से नाम, स्थाई पता, मोबाइल नंबर, जन्म तारीख के साथ ही परिवार का विवरण, आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल्स मांगी जाती है. आवेदन करने के हफ्ते भर के भीतर ही विधवा महिलाओं को सहायता राशि दे दी जाती है.

विधवा महिलाओं के लिए की सराहनीय पहल

एक तरफ विधवा महिलाओं को पेंशन के लिए सरकारी कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन श्रीगोपाल राठी महज 7 दिन में ही विधवाओं को सहायता राशि मुहैया करा रहे हैं. सहायता राशि देने में पारदर्शिता का ध्यान भी रखा जा रहा है. बैंक के जरिए राशि दी जाती है. सहायता राशि लेने पहुंचीं माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने भी इस पहल की तारीफ की.

पढ़ें- जब आलाकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री माना है तो फिर पायलट को भी मानना पड़ेगा : भंवरलाल शर्मा

हर महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि

सहायता राशि लेने पहुंची माहेश्वरी समाज की एक विधवा महिला रेखा आगाल ने बताया कि बीमारी के बाद पति का निधन हो गया. 2 बच्चे हैं. समाज ने पहले भी साथ दिया था. यही अपील करती हूं कि दूसरे समाज के लोग भी इसी तरह मजबूर विधवा महिला का साथ दें तो उनके बच्चे-बच्ची भी पढ़-लिख कर नाम रोशन कर सकते हैं. मेरे दोनों बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया है. उनकी तमाम जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है. मैं मजबूर होकर समाज का पैसा ले रही हूं. अगर मेरी मजबूरी नहीं होती तो एक हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि लेने की जरूरत नहीं पड़ती.

widow woman,  widow pension
हर महीने 1000 रुपए की सहायता

पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए मदद

गोपाल राठी ने बताया कि पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए भीलवाड़ा और अजमेर जिले में विधवा महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है. हम एजुकेशन, स्कूल फीस में भी सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. अब तक 211 महिलाओं के आवेदन मिल चुके हैं. आगे जितने भी आवेदन आएंगे, उन सभी को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

पढ़ें- 'क्या राजस्थान में गिर जाएगी गहलोत सरकार', राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बढ़ाया सस्पेंस

ताकि मजबूर न रहें महिलाएं....

गोपाल राठी के मुताबिक उनका उद्देश्य है कि विधवा महिला मजबूर नहीं रहें. उनके बेटे भी पढ़-लिख कर समाज और देश का नाम रोशन कर सकें. हम सिर्फ आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, कैंसिल चेक लेकर 7 दिन में बैंक के जरिए सहायता राशि उपलब्ध कराते हैं. पुष्कर धार्मिक स्थल पर भी हम 20 साल से प्रतिदिन 100 से 150 लोगों को भोजन कराते हैं.

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ट्रस्ट बनाकर कर रहे महिलाओं की मदद

सराहनीय पहल

कोरोना महामारी के चलते 500-600 भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. भविष्य में अस्पताल के पास धर्मशाला बनाने का उद्देश्य है ताकि वहां आने वाले प्रत्येक मरीज के परिजनों को रहने के लिए कोई दुविधा नहीं हो.श्रीगोपाल राठी की ये पहल वाकई अनुकरणीय है.

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