भीलवाड़ा. जिले के हरनी महादेव में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के महीने सावन के सुखिया सोमवार पर सुबह से ही शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की कतारें लग गई. वहीं, शहर के अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही. अलसुबह चार बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही भोलेनाथ के भक्त भीलवाड़ा शहर से नंगे पैर दर्शन करने पहुंचे. भक्तों ने इस दौरान भोले बाबा का जल और दूध से अभिषेक करके अच्छी बारिश के साथ ही सुख शांति की कामना की.
700 से 800 साल पुराने हनी महादेव के मंदिर में पूरे सावन महीने में रोजाना पांच बार पूजा की जाती है. सावन के पहले सोमवार को सुखिया सोमवार के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इस दिन भक्तजन शिवालयों में विशेष पूजा-आराधना करने पहुंचते हैं. इस दीन भक्तजन अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और व्रत रखकर पूजा अर्चना करते हैं.
माना जाता है कि सावन के पहले सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेककरने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और भोले बाबा भक्तों के दुख दूर करते हैं. वही, मंदिर के पुजारी पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने मुताबिक हनी महादेव मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. यहां जिले सहित प्रदेश भर में अच्छी बरसात की कामना की गई है और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर अभिषेक करके मनोकामना मांग रहे हैं.
इस दौरान महिला श्रद्धालु अर्चना लखारा ने कहा कि वो यहां पर भोले बाबा से मन्नत मांगने आती हैं, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहे और आने वाले समय में अच्छी बारिश हो. वहीं, महिला दुकानदार पूजा कुमारी छिपा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी अच्छी बिक्री हुई है और सावन के पहले सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह चार बजे से ही लग गई थी.
चूरू के मंदिरों में भी लगा उमड़े श्रद्धालु
चूरू में भी सावन के पहले सोमवार को महादेव की पूजा के लिए सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कोई बिल्वपत्र, तो कोई श्रद्धालु दुग्ध अभिषेक कर रहा था. उपवास रखने वाले लोगों ने भी शिवालय में जल चढ़ाया. शहर के प्रसिद्ध मंगलेश्वर महादेव, छतरी महादेव और 12 महादेव मंदिर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालु सुबह से ही भगवान शंकर का अभिषेक करने पहुंचे. वहीं कुछ मंदिरों में शिव की विशेष पूजा-अर्चना भी हुई. श्रद्धालुओं ने गंगाजल, दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक किया. सावन के पहले सोमवार को चूरू के शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया. एक दिन पहले ही मंदिरों की सफाई कर दी गई. मंदिरों में रंग बिरंगी लाइट लगाई गई और भगवान शिव का श्रृंगार किया गया. बताया जा रहा है कि शहर के मंदिरों में रात को जागरण होगा. वहीं, कुछ मंदिरों में रविवार की रात को भजनों के कार्यक्रम हुए. मंदिरों में भगवान शिव के गुणगान करने वाले भजन गाये गए और शिव की जयकारों से मंदिर गूंजते रहे.
सीकर में भक्तों को दिए गए 201 तुलसी के पेड़
सीकर में भी सावन महीने के पहले सोमवार को मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी और विशेष आयोजन भी हुए. श्रीमाधोपुर में श्री श्याम सेवा समिति ने की तुलसी पेड़ वितरण किया. नगर आराध्य देव श्री गोपीनाथ मंदिर में भक्तों को 201 पेंड वितरण किए गए. मंदिर सेवायतन मुरारी लाल पारीक के सानिध्य में समिति के बजरंग लाल अमरसरिया, अशोक सोनी, सांवर मामोडिया, गौतम अग्रवाल, मयंक कयाल, राजेश आभावासवाले, गणेश अग्रवाल, विजय सोनी, सुरेश सोनी ने महिलाओं को 201 तुलसी पेड़ भेंटकर तुलसी के महत्व के बारे में बताया
इस बार सावन के सोमवारों का है विशेष महत्व
इस बार सावन में चार सोमवार हैं. नागपंचमी भी इस बार सोमवार को ही है. सोमवार को नागपंचमी होने का विशेष महत्व माना जाता है और ये संयोग 125 साल बाद बना है.
22 जुलाई: पहला सोमवार
29 जुलाई: दूसरा सोमवार
5 अगस्त: तीसरा सोमवार
12 अगस्त: चौथा सोमवार